किराएदारी अधिनियम : मकान खाली न करने पर किराएदार को देना होगा चार गुना किराया

मध्यप्रदेश सरकार नया किराएदारी अधिनियम लागू कर किराएदार और मकान मालिक दोनों के अधिकार सुरक्षित करेगी। नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने इसका प्रारूप तैयार कर लिया है। इसे आगामी विधानसभा के मानसून सत्र में प्रस्तुत किया जाएगा।

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Jitendra Shrivastava
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Photograph: (THESOOTR)

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मध्यप्रदेश सरकार नया किराएदारी अधिनियम लागू कर रही है। यह अधिनियम मकान मालिक और किराएदार के अधिकार सुरक्षित करेगा। अधिनियम शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों की आवासीय व व्यावसायिक संपत्तियों पर लागू होगा। नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने इसका प्रारूप तैयार कर लिया है। इसे आगामी विधानसभा के मानसून सत्र में पेश किया जाएगा।

अनुबंध समाप्ति पर मकान खाली करना अनिवार्य 

नए अधिनियम के अनुसार, किराएदार को अनुबंध की अवधि पूरी होने पर मकान खाली करना होगा। यदि किराएदार मकान खाली नहीं करता, तो मकान मालिक किराया प्राधिकारी से शिकायत कर कानूनी कार्रवाई शुरू कर सकता है। हालांकि, आपदा की स्थिति में किराएदार को मकान खाली करने की बाध्यता नहीं होगी, पर उसे किराया देना जारी रखना होगा।

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साथी किराएदार रखने पर मालिक की अनुमति जरूरी 

अधिनियम में यह भी स्पष्ट किया गया है कि किराएदार बिना मकान मालिक की अनुमति के किसी और को मकान किराए पर नहीं दे सकता। अनुबंध समाप्त होने के बाद मकान खाली न करने पर किराएदार को पहले दो महीने दोगुना और बाद में चार गुना किराया देना होगा।

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मकान मालिक के अधिकार और जिम्मेदारियां 

नए कानून के तहत मकान मालिक किराएदार को बिना वजह तंग नहीं कर सकेगा। मरम्मत या निरीक्षण के लिए मकान मालिक को कम से कम 24 घंटे पहले सूचना देना होगा। मकान मालिक को जल, बिजली, गैस, लिफ्ट, पार्किंग, सुरक्षा जैसी आवश्यक सेवाओं को बाधित नहीं करना होगा। बिना अनुमति किराएदार के परिसर में प्रवेश नहीं कर सकेगा।

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किराएदार की मृत्यु के बाद उत्तराधिकारी का अधिकार 

यदि किराएदार की मृत्यु हो जाती है, तो उसके उत्तराधिकारी को किराया अनुबंध के तहत मकान में रहने का अधिकार होगा। उन्हें भी अनुबंध के नियमों का पालन करना होगा।

प्रत्येक जिले में बनेंगे किराया न्यायालय 

अधिनियम के अनुसार, हर जिले में किराया प्राधिकारी और किराया न्यायालय बनाए जाएंगे। डिप्टी कलेक्टर स्तर के अधिकारी किराया प्राधिकारी होंगे। किराया न्यायालय अतिरिक्त कलेक्टर की कोर्ट होगी। शिकायतों का 60 दिनों के अंदर निपटारा करना अनिवार्य होगा। आदेश न मानने पर स्थानीय निकाय या पुलिस की सहायता से कब्जा दिलाने और कुर्की की कार्रवाई की जा सकेगी।

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नए किराएदारी अधिनियम के मेन पॉइंट्स...

प्रमुख बिंदु विवरण
अनुबंध अवधि पर मकान खाली करना किराएदार को अनुबंध समाप्ति पर मकान खाली करना होगा
उप-किराएदार पर रोक मकान मालिक की अनुमति के बिना उप-किराएदार नहीं रख सकेंगे
मकान मालिक की जिम्मेदारियां 24 घंटे पूर्व सूचना, आवश्यक सेवाएं बाधित न करना
उत्तराधिकारी का अधिकार किराएदार की मृत्यु के बाद उत्तराधिकारी को अधिकार मिलेगा
किराया प्राधिकारी और न्यायालय हर जिले में किराया प्राधिकारी और न्यायालय की स्थापना

किराएदार एक्ट

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FAQ- सामान्य सवाल

मध्यप्रदेश का नया किराएदारी अधिनियम क्या है?
यह अधिनियम मकान मालिक और किराएदार के अधिकारों और कर्तव्यों को स्पष्ट करता है। इसमें अनुबंध अवधि, मकान खाली करने और कानूनी प्रक्रिया के नियम शामिल हैं।
किराया प्राधिकारी और किराया न्यायालय का क्या काम होगा?
किराया प्राधिकारी शिकायतों का निपटारा करेगा और किराया न्यायालय कानूनी विवादों का त्वरित समाधान करेगा। आदेश न मानने पर पुलिस और स्थानीय प्रशासन मदद करेगा।

 

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