पुलिस की कार्यशैली में सुधार के लिए मध्य प्रदेश पुलिस मुख्यालय ने एक नई पहल शुरू की है। अब प्रदेशभर के थानों में QR कोड लगाए जाएंगे, जिनके माध्यम से आम जनता सीधे अपने अनुभव, शिकायतें और सुझाव पुलिस मुख्यालय तक पहुंचा सकेगी।
यह व्यवस्था जनता की बातों को गंभीरता से सुनने और पुलिस सेवाओं को बेहतर बनाने के उद्देश्य से लागू की गई है। QR कोड स्कैन करके लोग अपनी शिकायतों के साथ-साथ पुलिस के व्यवहार और थाने की व्यवस्थाओं पर भी फीडबैक दे सकेंगे।
क्यों जरूरी है पुलिस कार्यशैली का फीडबैक?
पिछले समय में पुलिस के रवैये को लेकर कई शिकायतें सामने आई हैं, जैसे-
- पुलिस कर्मचारियों का अमर्यादित व्यवहार।
- पुराने मामलों की धीमी या लापरवाही भरी जांच।
- झूठे मुकदमों में फंसाने की शिकायतें।
- थानों में सुविधाओं की कमी।
इन समस्याओं से निपटने और पुलिसिंग को पारदर्शी और जवाबदेह बनाने के लिए फीडबैक सिस्टम की शुरुआत की गई है। इससे जनता की राय के आधार पर सुधारात्मक कदम उठाए जाएंगे।
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QR कोड स्कैन कर दें फीडबैक
हर थाने के बाहर QR कोड लगाए जाएंगे जिन्हें आप अपने मोबाइल से स्कैन कर सकेंगे। स्कैन करते ही आपके सामने एक फॉर्म खुलेगा जिसमें आप निम्नलिखित जानकारियां भरेंगे-
- आपका नाम और मोबाइल नंबर
- थाने में आने का कारण
- पुलिस का व्यवहार कैसा था
- थाने की साफ-सफाई, पेयजल, शौचालय जैसी सुविधाएं कैसी थीं
- आपके मामले की प्रगति या लंबित स्थिति
- आपके मामले की प्रगति क्या है?
- क्या आपको पुलिस से संतोषजनक सेवा मिली?
- कोई सुझाव या शिकायत जो आप साझा करना चाहते हैं?
यह फीडबैक जिला स्तर पर एसपी और प्रदेश स्तर पर पुलिस मुख्यालय द्वारा मॉनिटर किया जाएगा।
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फील्ड अफसरों की तबादला सूची में जनता की भूमिका
न सिर्फ फीडबैक, बल्कि जनता की राय को फील्ड अफसरों के तबादले के लिए भी इस्तेमाल किया जाएगा। पुलिस मुख्यालय अब तबादला सूची तैयार करते समय इस फीडबैक को गंभीरता से लेगा, जिससे बेहतर और जवाबदेह पुलिसिंग को बढ़ावा मिलेगा।
यह व्यवस्था पुलिस कर्मियों की कार्यशैली को सुधारने में सहायक होगी और गलतफहमियों से बचाएगी।
देवास में पायलट प्रोजेक्ट: ऐसे हुई शुरुआत
मध्य प्रदेश पुलिस ने इस पहल का पायलट प्रोजेक्ट देवास जिले से शुरू किया है। यहां के सभी 21 थानों में QR कोड लगाए गए हैं। जनता इन कोड्स से फीडबैक देकर सीधे एसपी तक अपनी शिकायत और राय भेज रही है।
इसके अलावा, वल्लभ भवन भोपाल से कॉलर फीडबैक सर्वे भी चलाया जा रहा है, जिसमें जनता आठ सवालों के माध्यम से पुलिस की कार्यशैली का आकलन करती है।
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