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Photograph: (THESOOTR)
BHOPAL. साध्वी प्रज्ञा ठाकुर हमेशा विवादित बयानों के लिए जानी जाती हैं। साध्वी ने भोपाल में एक गरबा कार्यक्रम में महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू पर तंज कसा।
साध्वी प्रज्ञा ने गांधी और नेहरू के नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए कहा कि वे सत्ता के लालची थे और उन्होंने प्रधानमंत्री के पद पर ऐसे व्यक्ति को बैठाया, जो अंग्रेजों की चाटुकारिता करता था। इसके अलावा उन्होंने विधर्मियों के खिलाफ नफरत फैलाने वाले बयान दिए। कांग्रेस और मुस्लिम संगठनों ने उनके बयानों की कड़ी आलोचना की है।
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने एक बार फिर अपने विवादित बयान से राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है। भोपाल के एक गरबा कार्यक्रम में उन्होंने महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू को निशाना बनाते हुए कहा कि दोनों नेताओं ने देश को नुकसान पहुंचाया।
साध्वी ने दावा किया कि महात्मा गांधी और जवाहर लाल नेहरू की नीतियों के कारण भारत का विभाजन हुआ और देश आज कई देशों में बांट गया। उन्होंने यह भी कहा कि गांधी और नेहरू सिर्फ सत्ता के लालची थे, जिन्होंने बिना खड़ग और ढाल के आजादी की बात की, जबकि उनके व्यक्तित्व में कोई ठोस नेतृत्व क्षमता नहीं थी।
विधर्मियों के खिलाफ नफरत वाला बयान
साध्वी प्रज्ञा ने अपने बयान में कहा कि मंदिर के बाहर अगर कोई विधर्मी (Non-Hindu) प्रसाद बेचते हुए दिखे, तो उसे सबक सिखाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि मंदिरों में नवरात्र के दौरान ऐसे लोगों को ढूंढकर उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।
प्रज्ञा ठाकुर ने इस बयान में यह भी कहा कि घरों में भी विधर्मियों को प्रवेश न करने दें और उन्हें सबक सिखाने के लिए हथियार रखने की बात की। उनके इस बयान ने न केवल धार्मिक तनाव को बढ़ाया, बल्कि समाज में विभाजन की भावना को भी उकसाया।
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गांधी-नेहरू दोनों सत्ता के लालची थे
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने यह भी कहा कि महात्मा गांधी और नेहरू ने देश की आज़ादी के लिए कोई ठोस संघर्ष नहीं किया, बल्कि दोनों सत्ता के लालची थे। उनका कहना था कि नेहरू को प्रधानमंत्री बनाने का निर्णय एक गलती थी, क्योंकि नेहरू पेरिस में अपने कपड़े धुलवाने भेजते थे और अंग्रेजों की चाटुकारिता करते थे। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि नेहरू का न तो चरित्र अच्छा था और न ही उनका नेतृत्व अच्छा था। इस तरह के बयान ने एक बार फिर राजनीतिक विवाद को जन्म दिया है।
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कांग्रेस और मुस्लिम संगठनों का विरोध
कांग्रेस पार्टी ने प्रज्ञा ठाकुर के इस बयान की कड़ी आलोचना की है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता भूपेंद्र यादव ने कहा कि प्रज्ञा ठाकुर का यह बयान समाज को बांटने वाला है। उन्होंने मांग की कि इस तरह के बयानों पर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। मुस्लिम संगठनों ने भी इस बयान को साम्प्रदायिक उन्माद फैलाने वाला बताया और शिकायत दर्ज करने की बात की।
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धार्मिक आयोजनों में राजनीतिक रंग
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के इस बयान ने नवरात्र के दौरान धार्मिक आयोजनों को राजनीतिक रंग दे दिया है। नवरात्र पर्व को लेकर पहले ही काफी धार्मिक उत्साह था, लेकिन अब इस पर राजनीति का भी दबाव आ गया है। इस बयान के बाद, यह आशंका जताई जा रही है कि भविष्य में धार्मिक आयोजनों के दौरान राजनीति और धार्मिक तनाव बढ़ सकता है।
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साध्वी प्रज्ञा का राजनीति में प्रभाव
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर 2019 में भोपाल से बीजेपी के टिकट पर सांसद चुनी गई थीं और उन्होंने दिग्विजय सिंह को हराया था। हालांकि, 2024 में उन्हें पार्टी से टिकट न मिलने की संभावना जताई जा रही है, लेकिन वह अभी भी राजनीति में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं। उनके बयान भारतीय राजनीति के उन नेताओं को निशाना बनाने की कड़ी होती है, जो गांधी और नेहरू की विचारधारा का समर्थन करते हैं।
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर का बयान एक विवाद का कारण बन चुका है, जिससे न केवल गांधी और नेहरू के नेतृत्व पर सवाल उठे हैं, बल्कि समाज में धार्मिक तनाव भी बढ़ा है। उनके इस बयान ने नवरात्र के दौरान राजनीति को धार्मिक आयोजनों से जोड़ दिया है। इस विवाद के बाद, यह देखा जाएगा कि क्या राजनीतिक दल इस पर अपनी प्रतिक्रिया जारी रखते हैं या इससे कुछ ठोस कदम उठाए जाते हैं।