उज्जैन में लैंड पूलिंग एक्ट के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन शुरू, सीएम ने कह दी ये बड़ी बात

उज्जैन में किसान ट्रैक्टर रैली के जरिए सरकार के खिलाफ अपनी मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। ट्रैक्टर रैली में भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय महामंत्री मोहिनी मोहन मिश्र भी शामिल हैं। 

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Dablu Kumar
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उज्जैन में किसान लैंड पूलिंग योजना के विरोध में ट्रैक्टर और ट्रॉली लेकर शहर में आ रहे हैं। जो किसान पहले ही शहर में पहुंच चुके हैं, वे रैली के शुरू होने वाले स्थल सामाजिक न्याय परिसर, आगर रोड जा रहे हैं। कई किसान अभी बाहर हैं, लेकिन थोड़ी देर में वे भी शहर में पहुंचेंगे। इस आंदोलन का समर्थन भाजपा नेता और पूर्व मंत्री पारस जैन ने किया, लेकिन वे थोड़ी देर बाद वापस चले गए।

अब तक लगभग 2000 ट्रैक्टर-ट्राली और 5000 से ज्यादा किसान शहर में पहुंच चुके हैं। इस रैली में किसानों की कुल संख्या लगभग 10 हजार होने का अनुमान है। ये किसान अपनी 15 मांगों के समर्थन में आंदोलन कर रहे हैं, जिनमें लैंड पूलिंग प्रमुख है।

सुरक्षा के लिए पुलिस ने मुख्य रास्तों पर बैरिकेड लगा दिए हैं। किसान नेताओं ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो गांवों से दूध और सब्जियों की सप्लाई बंद कर दी जाएगी।

रैली में सिंहस्थ क्षेत्र के 17 गांवों के किसान और अन्य क्षेत्रों के किसान भी शामिल हैं। यह आंदोलन भारतीय किसान संघ, जिला उज्जैन (मालवा प्रांत) ने आयोजित किया है। सरकार इंदौर और उज्जैन में करीब एक लाख बीघा जमीन पर लैंड पूलिंग कर रही है।

किसानों से बात करें सरकार- मोहिनी मोहन मिश्र

भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय महामंत्री मोहिनी मोहन मिश्र ने कहा कि सरकार ने अब तक इस बारे में किसानों से बात नहीं की। उन्होंने कहा कि अगर सरकार उनसे मिलकर बात करे, तो समस्या का समाधान हो सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी अब तक कोई बातचीत नहीं हुई है। उनका कहना है कि आंदोलन जारी रहेगा।

रैली सामाजिक न्याय परिसर से शुरू होकर आगर रोड, चामुंडा माता चौराहा, तरणताल होते हुए कोठी क्षेत्र स्थित कलेक्टर कार्यालय तक जाएगी। वहां सभा होगी और किसानों द्वारा ज्ञापन सौंपा जाएगा।

बता दें कि, मुख्यमंत्री मोहन यादव के गृह जिले उज्जैन में सभा में भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय महामंत्री मोहिनी मोहन मिश्र, किसान संघ के प्रदेश अध्यक्ष कमल सिंह आंजना, प्रांत मंत्री भरत सिंह बेस समेत अन्य किसान नेता सभा को संबोधित करेंगे। किसान संघ के भारत बेस ने बताया कि उज्जैन और इंदौर की करीब एक लाख बीघा भूमि की लैंड पूलिंग होने वाली है। राज्य में हो रहे किसान आंदोलन पर सीएम मोहन यादव ने भी अपनी बात रखी है। 

क्या है लैंड पूलिंग स्कीम और उज्जैन में विरोध क्यों?

लैंड पूलिंग स्कीम एक योजना है जिसका उद्देश्य भूमि के समुचित उपयोग और विकास को बढ़ावा देना है। इस योजना के तहत किसानों और भूमि मालिकों को अपनी भूमि का एक हिस्सा विकास कार्यों के लिए देने का प्रस्ताव किया जाता है।

  1. 50 प्रतिशत भूमि किसान या भू-स्वामी के पास रहेगी: इस योजना के तहत किसान या भूमि मालिक की आधी भूमि उनके पास ही रहेगी। वे इसका उपयोग जारी रख सकते हैं या इसे खेती के लिए रख सकते हैं।

  2. 25 प्रतिशत भूमि में निर्माण कार्य होगा: इसमें 25 प्रतिशत भूमि पर सड़कें, सेंटर लाइटिंग, स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज सिस्टम, सीवर लाइन, पानी की लाइन और अंडरग्राउंड विद्युत लाइनों का निर्माण किया जाएगा। यह सभी सुविधाएं बुनियादी ढांचे के निर्माण का हिस्सा हैं, जो क्षेत्र की प्रगति के लिए जरूरी होती हैं।

  3. 5 प्रतिशत भूमि पर पार्क बनेगा: योजना के तहत 5 प्रतिशत भूमि पर सार्वजनिक पार्क विकसित किए जाएंगे। इन पार्कों में झूले, स्लाइड्स, वॉकिंग पाथवे, ओपन जिम, लॉन और प्लांटेशन जैसी सुविधाएं उपलब्ध होंगी, जो लोगों के लिए आरामदायक और स्वास्थ्यवर्धक माहौल प्रदान करेंगी।

  4. 5 प्रतिशत भूमि पर जन सुविधा केंद्र बनेगा: इस भूमि पर पार्किंग, जनसुविधा केंद्र, अस्पताल, स्कूल और विद्युत सब-स्टेशन का निर्माण होगा। इससे नागरिकों को बुनियादी सेवाएं मिलेंगी और क्षेत्र का समग्र विकास होगा।

  5. 15 प्रतिशत भूमि पर सिंहस्थ से जुड़े कार्य होंगे: इस भूमि पर सिंहस्थ मेला और उससे जुड़े अन्य धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यों के लिए विकास कार्य किए जाएंगे। यह भूमि सिंहस्थ महापर्व के आयोजन के लिए महत्वपूर्ण होगी, जिसमें बड़े पैमाने पर श्रद्धालु और पर्यटक भाग लेते हैं।

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ये है किसानों की मांग

किसानों ने अपनी मांगें रखी हैं, जिनमें प्रमुख रूप से उज्जैन सिंहस्थ क्षेत्र से लैंड पूलिंग को पूरी तरह समाप्त करने की मांग की गई है। इसके अलावा गरोठ रोड पर दोनों ओर सर्विस रोड बनाने, सेवरखेड़ी और सिलारखेड़ी के किसानों की गाइडलाइन को बढ़ाने की भी मांग की गई है। यह किसान रैली कई मायनों में खास मानी जा रही है।

सोयाबीन फसल के उचित मूल्य को लेकर किसानों ने कहा कि पिछले तीन वर्षों से मंडियों में MSP से कम में खरीदी हो रही है, और इस बार MSP 5328 रुपये प्रति क्विंटल होना चाहिए, जिसमें 672 रुपये बोनस जोड़कर कुल 6000 रुपये प्रति क्विंटल पर सरकारी खरीदी की जाए।

नर्मदा पाइपलाइन से वंचित क्षेत्रों में पाइपलाइन बिछाने और अन्य नदियों से सूखाग्रस्त क्षेत्रों में सिंचाई व्यवस्था बढ़ाने की मांग भी की गई है। किसानों ने मुख्यमंत्री ट्रांसफार्मर अनुदान योजना को फिर से शुरू करने की अपील की है। साथ ही, राजस्व रिकॉर्ड सुधार पखवाड़े में पटवारी के गांव में बैठने के दिन तय करने की मांग की गई है, ताकि उन भूमि नक्शों में सुधार किया जा सके, जिनमें बंदोबस्त के बाद परिवर्तन हुआ था।

आवारा पशुओं जैसे रोजड़ा, सुअर, बंदर, हिरण आदि से किसानों की फसल बर्बाद हो रही है, और इस संबंध में कई बार प्रशासन को अवगत कराया गया है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। इस पर सख्त योजना बनाई जाए। आगामी फसल के लिए खाद की उपलब्धता बढ़ाने की भी मांग की गई है।

प्रधानमंत्री फसल बीमा में सैटेलाइट सर्वे की बजाय क्रॉस कटिंग के आधार पर ही बीमा क्लेम किया जाए और पीला मोजक से खराब हुए सोयाबीन का मुआवजा दिया जाए।

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लैंड पूलिंग कानून को समाप्त करने की मांग

किसानों ने मध्य प्रदेश में लैंड पूलिंग कानून को समाप्त करने की भी मांग की है। इसके साथ ही किसी भी योजना में अधिग्रहित जमीन का मुआवजा 2012 की गाइडलाइन में प्रतिवर्ष 20% बढ़ाकर चार गुना देने की मांग की गई है, अन्यथा उग्र आंदोलन की चेतावनी दी गई है। विकास के नाम पर करोड़ों रुपये की बाजार भाव की जमीनें 4-6 लाख रुपये प्रति बीघा में न छीनी जाएं, और विक्रम नॉलेज सीटी योजना में चार गुना मुआवजा दिया जाए।

किसानों ने जावरा-उज्जैन रोड के कम ऊंचाई वाले नार्मल फोरलेन बनाने और दोनों साइड सर्विस रोड देने की भी मांग की है, जैसा देवास-बड़नगर रोड पर किया गया है। इसके अलावा, इंदौर-उज्जैन ग्रीन फील्ड की ऊंचाई कम रखने और बड़ी-बड़ी रोटरी के नाम पर अनावश्यक जमीनें न छीनी जाने की मांग भी की गई है।

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ये रास्ते रहेंगे बंद

वाहन रैली के दौरान यातायात में परिवर्तन किया जाएगा। मंडी चौराहा से चामुंडा माता मंदिर की ओर जाने वाली सड़क पर ट्रैफिक को डायवर्ट किया जाएगा। वाहन इंद्रा नगर तिराहा से ईदगाह, जाट धर्मशाला, अंकपात मार्ग, निकास, नई सड़क से इंदौर गेट होते हुए हरिफाटक चौराहा की ओर जा सकेंगे। जाट धर्मशाला से वाहन पिपली नाका, जूना सोमवारिया, शंकराचार्य, जंतर-मंतर, कचरा घर होते हुए हरिफाटक जा सकेंगे।

मंडी चौराहा से पंचकोशी मार्ग, हीरा मिल कुंड, पाटीदार अस्पताल ब्रिज से सांदीपनि चौराहा होकर वाहन जाएंगे। इसके अलावा, वाहन मंडी चौराहा से पाण्ड्याखेड़ी और पाइप फैक्ट्री होते हुए जा सकेंगे। रैली के दौरान देवास गेट से आने वाले वाहन इंदौर गेट, गदा पुलिया, हरिफाटक-टी और हरिफाटक चौराहा से बाहर जा सकेंगे।

धन्नालाल की चाल, इंदिरा प्रतिमा चौराहा, तीन बत्ती, सेठी बिल्डिंग और ग्रांड होटल से आवश्यकतानुसार यातायात डायवर्सन किया जाएगा। हरिफाटक चौराहा, हरिफाटक-टी, गदा पुलिया, इंदौर गेट और देवासगेट से यातायात में परिवर्तन किया जाएगा।

रैली शुरू होने के समय कोयला फाटक से चामुंडा माता मंदिर चौराहा की ओर जाने वाले सभी वाहन जीरो पाइंट ब्रिज की ओर मोड़े जाएंगे, जबकि चामुंडा माता मंदिर चौराहा से मंडी चौराहे की ओर जाने वाले वाहन अपने सामान्य मार्ग से ही चलेंगे। कार्यक्रम समाप्ति के बाद सभी वाहन विक्रमनगर मार्ग से पाइप फैक्ट्री होते हुए बाहर जाएंगे।

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किसानों के प्रदर्शन पर सीएम का बयान

लैंड पूलिंग एक्ट के विरोध में किसानों के जबलपुर में हुए प्रदर्शन के बाद सीएम मोहन यादव का भी बड़ा बयान सामने आया। उन्होंने इस संबंध में किसानों से बातचीत का संकेत दिया। सीएम मोहन यादव ने एक्ट में बदलाव के संबंध में स्पष्ट किया विकास के लिए काम करेंगे लेकिन किसानों से भी चर्चा करेंगे। सीएम ने कहा कि लैंड पूलिंग हो या सभी प्रकार के विकास के काम हो, हम सबसे संवाद करते हुए सबके हित की बात सोच कर चलने की भावना से काम करते हैं।

सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि राज्य सरकार धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कुंभ में सुरक्षा व्यवस्था, बेहतर प्रबंधन के साथ स्थायी संरचना के काम कर रही है। सभी किसानों को साथ लेकर सरकार चल रही है। उन्होंने दोहराया कि हमारा मकसद सबसे संवाद करके काम करने का है। सीएम मोहन यादव ने विकास के रास्ते पर साथ चलने और इसका क्रम बनाए रखने की अपील की।

जबलपुर में भी हुआ किसानों का विरोध प्रदर्शन

बता दें कि, 15 सितंबर को जबलपुर जिले के संस्कारधानी की सड़कों पर लैंड पूलिंग एक्ट के खिलाफ और मूंग उड़द के भुगतान को लेकर बड़ा किसान आंदोलन देखने मिला। सैकड़ों की संख्या में दूरदराज गांवों के किसानों ने भारतीय किसान संघ के नेतृत्व में ट्रैक्टर रैली निकाली। यहां सैकड़ों ट्रैक्टरों की संख्या के साथ किसान जिला कलेक्टर कार्यालय घंटाघर पहुंचकर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री व कलेक्टर के नाम अपनी समस्याओं के मांग पत्र सौंपे। 

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