इंदौर में बावड़ी हादसे की मजिस्ट्रियल रिपोर्ट- मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष, सचिव, निगम की सर्वे टीम, भवन अधिकारी और निरीक्षक जिम्मेदार

author-image
Jitendra Shrivastava
एडिट
New Update
इंदौर में बावड़ी हादसे की मजिस्ट्रियल रिपोर्ट- मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष, सचिव, निगम की सर्वे टीम, भवन अधिकारी और निरीक्षक जिम्मेदार

संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर में रामनवमी के दिन 30 मार्च 2023 को श्री बेलेश्वर महादेव मंदिर में हुए बावड़ी टूटने और इसमें डूबकर 36 मौतों को लेकर मजिस्ट्रियल जांच रिपोर्ट सामने आ गई है। द सूत्र को मिली 17 पन्नों की इस रिपोर्ट में इन मौतों के पीछे मंदिर ट्रस्ट और निगम के चुनिंदा अधिकारियों की लापरवाही को जिम्मेदार माना गया है।

इन्हें माना गया जिम्मेदार और इसलिए

  • मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष सेवाराम गलानी और सचिव मुरली सबनानी जो मंदिर के संचालन व उसमें होने वाले कार्यक्रमों को देखते थे उन्होंने मंदिर के पटल व अन्य जगह बावड़ी को लेकर कोई बोर्ड नहीं लगाए। जबकि वह जानते थे कि मंदिर में बावड़ी है। बावड़ी की जानकारी नहीं देने के पूरी तरह से दोषी है।
  • निगम के अधिकारियों ने बताया कि निगम के सर्वे में मंदिर में कहीं पर कोई बावड़ी दर्ज नहीं है। साफ है कि सर्वे करने में निगम की टीम ने लापरवाही की है। इसे सुरक्षित करने के भी कोई प्रयास नहीं किए घए हैं। यदि यहां पर बोर्ड लगाए जाते तो दुर्घटना टल सकती थी। निगम के तत्कालीन व वर्तमान जोनल अधिकारी व जल यंत्रालय विभाग के तत्कालीन व वर्तमान अधिकारी इसके लिए दोषी है।
  • यहां हो रहे अवैध निर्माण को लेकर नोटिस जारी किए गए, जवाब लिए गए लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। इसलिए निगम के भवन अधिकारी व भवन निरीक्षक भी दोषी है।

मंदिर ट्रस्ट ने निगम पर डाली जिम्मदारी

मजिस्ट्रियल जांच में सभी के बयानों से साफ है कि इस मामले में मंदिर ट्रस्ट ने अपनी जिम्मेदारी निगम अधिकारियों पर डाल दी। उन्होंने कहा कि मंदिर ट्रस्ट को निर्माण के दौरान बेवजह नोटिस दिए गए। हम तो बावडी के जीर्णोद्दाऱ् कर यहां से पेयजल की व्यवस्था करना चाहते थे। लेकिन निगम ने नोटिस देकर हमे इस काम से रोक लिया। यदि यह करने दिया जात तो बावड़ी का जीर्णोद्धार हो जाता और दुर्घटना नहीं होती।

निगम अधिकारी बोले- आयुक्त और वरिष्ठ अधिकारियों को बता दिया था

वहीं निगम के अधिकारियों जोनल अधिकारी अतीक खान के साथ ही भवन अधिकारी पीआर आरोलिया, भवन निरीक्षक प्रभात तिवारी के बयान भी हुए। इसमें खान ने बताया कि सर में कोई बावड़ी कहीं भी नहीं आई है और ना ही निगम ने बावड़ी पर स्लैब डालने का कोई काम किया है, क्योंकि हम स्लैब डालते ही नहीं है, जालियां लगाते हैं। पटवारी द्वारा भी बताया गाय इस सर्वे नंबर पर कोई बावड़ी, कुआं दर्ज नहीं है। आरोलिया ने कहा कि अवैध अतिक्रमण के नोटिस दिए थे, मंदिर ट्रस्ट ने जवाब में बताया था कि बावडी है और टिन शेड से बंद है। कार्रवाई करने पर मंदिर पदाधिकारी द्वारा विवाद किए जाते थे, यह भी कहा कि आपके पास वरिष्ठ अधिकारियों व निगमायुक्त से फोन आ जाएगा यहां से चले जाओ। लेकिन किसी का फोन नहीं आया लेकिन मैंने जानकारी निगमयुक्त (प्रतिभा पाल) के संज्ञान में ला द थी। वरिष्ठ अधिकारी अनूप गोयल को भी बता दिया था। लेकिन मैं जल यंत्रालय नहीं देखता हूं,. इसलिए मुझे अधिक जानकारी नहीं है।

लोहे में जंग लगने, भारी वजन से स्लैब गिरी

इंजीनियरिंग की रिपोर्ट से मजिस्ट्रियल रिपोर्ट में बताया गया कि स्लैब पर भारी वजन था। यज्ञ के चलते उसकी भी गरमी से सरिए प्रभावित हुई। स्लैब कोनों से चिपकी हुई थी, कोई खंबा या सराहा नहीं था। भारी वजन के चलते और गरमी से स्लैब टूट गई, उस समय करीब 70 लोग मौजूद थे।

36 की मौत, 18 घायलों को निकाला गया

जांच रिपोर्ट में बताया कि 36 की मौत हो गई और इसका कारण था कि बावड़ी में 10-15 फिट गंदा पानी था। जो मंदिर से रिसकर अंदर गिर रहा होगा। यहां कीचड़, बदबू थी। गिरने के बाद इसमें धंसने, फंसने के चलते डूबकर मौत हो गई। रेस्क्यू टीम ने जो सीडियों पर बैठे थे और जो जिंदा थे पहले उन्हें निकाला गया और 20 लोगों को इस तरह बचाया गया। बाद में शव निकाले गए। देर रात को रहवासियों ने बताया कि 23-24 लोग नहीं मिल रहे हैं। फिर अलसुबह 4.30 बजे तक 35 शव निकले। अंतिम शव 31 मार्च को सुबह साढ़े ग्यारह बजे निकला जो सुनील सोलंकी का था जो वहां लोगों के बचाने में लगे थे। इसके बाद बावड़ी को सील कर दिया गया। बावड़ी करीब 60 फीट गहरी थी।

कितने बजे हुई घटना, कब पहुंची टीम

रिपोर्ट में है कि घटना करीब 11.45 बजे हुई, मौके पर कलेक्टर व पुलिस आयुक्त 12.15 बजे पहुंच गए। वहीं एसडीआरफ को 12 बजकर दो मिनट पर सूचना हुई और वह भी 12.15 बजे मौके पर पहुंच गई और रेस्क्यू शुरू हुआ। शाम 6 को एनडीआरएफ की टीम आई, रात को नौ बजे महू से आर्मी भी आ गई।

265 पन्नों की स्टेटस रिपोर्ट पेश हो गई हाईकोर्ट में

हाईकोर्ट में पूर्व पार्षद महेश गर्ग और कांग्रेस नेता प्रमोद द्विवेदी ने अधिवक्ता मनीष यादव और अधिवक्ता अदिती मनीष यादव के माध्यम से दो अलग अलग जनहित याचिका दायर कर उच्च न्यायालय से हस्तक्षेप की मांग की हुई है। मामले में मृतको को 25 लाख का मुवावजे की दोषियों पर कड़ी आपराधिक कार्रवाई, दोषी नेताओ के खिलाफ जांच, शहर की विभिन्न बावड़ियों और कुओं से तत्काल कब्जे हटाए जाने की और मामले की जांच उच्च न्यायालय की निगरानी में गठित कमेटी से कराए जाने की मांग की गई है। न्यायमूर्ति विवेक रूसिया और न्यायमूर्ति अनिल वर्मा की डबल बेंच पिछली सुनवाई में मजिस्रियाल जांच रिपोर्ट पेश करने हेतु किया था। इसके बाद कुल 265 पन्नों की पूरी स्टेटस रिपोर्ट पेश हुई। इसके आधार पर अब आगे सुनवाई होगी। वहीं पुलिस ने घटना के नौ माह गुजर जाने के बाद भी किसी की गिरफ्तारी नहीं की है।

MP News एमपी न्यूज Stepwell accident in Indore Magisterial report of stepwell accident President-Secretary of Temple Trust responsible in stepwell accident Survey team of corporation responsible in stepwell accident इंदौर में बावड़ी हादसा बावड़ी हादसे की मजिस्ट्रियल रिपोर्ट बावड़ी हादसे में मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष-सचिव जिम्मेदार बावड़ी हादसे में निगम की सर्वे टीम जिम्मेदार