भिवाड़ी में मिनी बिहार : 1 लाख से अधिक लोग छठ पूजा में शामिल, 40 से अधिक कृत्रिम घाटों पर सूर्य को अर्घ्य

राजस्थान के भिवाड़ी इलाके में एक मिनी बिहार बसता है। यहां के लोग छठ पूजा में लगे हुए हैं। यहां करीब 2 लाख बिहार के लोग रहते हैं, जो औद्योगिक विकास की धुरी हैं। इनमें से 1 लाख लोग यहीं छठ पूजा कर रहे हैं।

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Amit Baijnath Garg
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Bhiwadi. राजस्थान के खैरथल-तिजारा जिले के अंतर्गत भिवाड़ी इलाके में एक मिनी बिहार बसता है। इन दिनों बिहार के लोग इलाके में छठ पूजा में लगे हुए हैं। इस इलाके के छह औद्योगिक क्षेत्रों में करीब दो लाख बिहार के लोग रहते हैं, जो इस इलाके के औद्योगिक विकास की धुरी हैं।

इन दिनों भिवाड़ी सहित आसपास के औद्योगिक क्षेत्रों में बाजारों में बड़ी चहल-पहल है। विश्व आयोजन के लिए इस इलाके में बाकायदा छठ पूजन सेवा समिति बनाई हुई है, जो बिहारी के धार्मिक आयोजन को प्रमुखता से देखती है।

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युद्ध स्तर पर घाटों की सफाई

भिवाड़ी औद्योगिक नगरी में छठ महापर्व की पूजा-अर्चना का धार्मिक आयोजन शुरू हो गया है। शहर में करीब 40 से अधिक स्थानों पर कृत्रिम घाट बनाए जा रहे हैं, जहां महिलाएं-पुरुष व्रत रखकर सूर्य देव को अर्घ्य चढ़ाएंगे। छठ पूजा सेवा समिति के प्रयासों से पुराने घाटों की साफ-सफाई तेजी से की गई, जबकि यूआईटी और आरबी सेक्टरों के पार्कों में युद्ध स्तर पर सफाई की गई।

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स्थानीय आयोजन में भागीदारी

बिहार (पूर्वांचल) से आए प्रवासियों के शहर में यह महापर्व बड़े उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। बाजारों में बिहार से मंगाई गई सामग्री की खरीदारी जोरों पर है। छठ पूजा का शुभारंभ शनिवार को नहाय खाय से हो चुका है, जो 28 अक्टूबर तक चलेगा। इन प्रवासियों में ज्यादातर मजदूर वर्ग के लोग हैं, जो इस छठ पूजा पर बिहार नहीं जाकर अपने समूह के रूप में इस आयोजन में भागीदारी करते हैं।

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होंगे भोजपुरी सांस्कृतिक कार्यक्रम

समिति के सचिव संजीव सिंह ने बताया कि यह पूर्वांचल का सबसे प्रमुख त्यौहार है। 27 अक्टूबर को सेक्टर-5 के शिव मंदिर पार्क में पूजा-अर्चना के बाद भोजपुरी सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होगा। 28 अक्टूबर को सुबह 5:30 बजे अंतिम अर्घ्य के साथ महापर्व संपन्न होगा। उन्होंने कहा कि सेक्टर-5 के कृत्रिम घाट पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचेंगे।

बिहार से दिल्ली फिर भिवाड़ी

भिवाड़ी शहर के सेंट्रल मार्केट, हरचंदपुर, नयागांव, हेतराम चौक, फूल बाग चौक, सूरज सिनेमा सहित कहरानी और चोपानकी में दुकानें छठ सामग्री से सजी हुई हैं। ज्यादातर सामान बिहार से लाया जा रहा है, जो पहले दिल्ली के आजादपुर मंडी पहुंचता है और फिर भिवाड़ी सप्लाई होता है। चार दिन तक चलने वाले इस छठ पूजा कार्यक्रम में बाकायदा बाजार लगाए गए हैं।

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बिहार से आ रही सामग्री

बिहार के सिवान जिले के निवासी कृष्ण ने बताया कि वह भिवाड़ी में रहते हैं। भिवाड़ी की आबादी का 50 प्रतिशत हिस्सा बिहार का है। यहां यह पर्व हर्षोल्लास से मनाया जाता है। व्रत की सामग्री जैसे मीठा नींबू, सूखा नारियल, सुपारी, चावल, अलसी के पत्ते, तिल, गंगाजल, शकरकंदी, हल्दी, अदरक, मौली, अनन्नास, टोकरी आदि बिहार से ही आ रही हैं। एक फल कीवी को छोड़कर बाकी सभी फल व्रत में काम आते हैं, और इनकी बिक्री भी बहुत हो रही है। 

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हर कंपनी में बिहार के लोग

छठ पूजा में काम आने वाले फल और सामान हर बिहारी परिवार खरीदता है। बिहार का यह महत्वपूर्ण महापर्व है। हालांकि जिन बिहार के मजदूर और कर्मचारियों को छुट्टियां मिल जाती हैं, वह अपने बिहार जाकर इस महापर्व को मनाते हैं, लेकिन जिन्हें छुट्टियां नहीं मिलतीं, वह यहीं पर ही इस पर्व को मनाते हैं। भिवाड़ी इलाके में करीब 5000 छोटी एवं बड़ी कंपनियां हैं। ऐसी कोई कंपनी नहीं है, जिसमें बिहारी काम नहीं करता हो। 

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सूर्य उपासना जीवन का हिस्सा

समिति द्वारा घाट निर्माण और सफाई का कार्य भिवाड़ी गांव, हरचंदपुर, चोपानकी गोदान, कहरानी, बिलाहेड़ी, रामपुर, नयागांव, सूरज सिनेमा, सैदपुर, आलमपुर, नांगलिया, हाउसिंग बोर्ड के सेक्टर-1 से 7, यूआईटी सेक्टर-1 से 5 तथा अरावली विहार के पार्कों में हुआ है। छठ को लेकर बिहारियों में खासा उत्साह है, जो प्रवासी बिहारी संस्कृति की जीवंतता को दर्शाता है। हर बिहारी सूर्य उपासना निश्चित रूप से करता है।

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