काम के बदले कमीशनखोरी : पीसी एक्ट में नपेंगे विधायक, जानिए क्या कहते हैं कानून के जानकार

राजस्थान में विधायक निधि से कमीशन मांगने के मामले में भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत कार्रवाई हो सकती है। तीन विधायकों और उनके रिश्तेदारों पर इस तरह के आरोप। 40 प्रतिशत तक कमीशन मांगा गया। एसीबी भी ले सकती है एक्शन।

author-image
Mukesh Sharma
New Update
rajasthan mla fund commission

Photograph: (the sootr)

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

Jaipur. राजस्थान में विधायक निधि से काम के बदले 40 फीसदी कमीशनखोरी का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस मामले में तीन विधायकों पर भ्रष्टाचार निरोधक कानून (पीसी एक्ट) के तहत मामला दर्ज हो सकता है। कानून के जानकारों की राय है कि सबूतों की प्रारंभिक जांच के बाद एसीबी राजस्थान सरकार से अनुमति लेकर इन विधायकों को गिरफ्तार भी कर सकती है। 

साथ ही एक विधायक पति तथा एक विधायक पुत्र को भी गिरफ्तार किया जा सकता है। फिलहाल यह मामला विधानसभा की सदाचार समिति और राज्य के मुख्य सतर्कता अधिकारी के नेतृत्व वाली जांच समिति को सौंपा गया है।

राजस्थान में सियासी बवाल, विधायक कोष से काम के लिए मांगी रिश्वत, 3 विधायकों के वीडियो वायरल

इन विधायकों का हुआ स्टिंग 

खींवसर से भाजपा विधायक रेवंतराम डांगा व उनका बेटा अशोक, बयाना से निर्दलीय विधायक ऋतु बनावत व उनके पति ऋषि बंसल और हिंडौन से कांग्रेस विधायक अनीता जाटव व उनके करीबी पवन शर्मा का स्टिंग ऑपरेशन किया गया है। इसमें एक मीडिया हाउस के रिपोर्टर ने स्वयं को दरी-पट्टी सप्लाई करने वाली फर्म का मालिक बताकर तीनों से विधायक निधि कोष से ऑर्डर के लिए सिफारिशी पत्र लिखने को कहा। 

राजस्थान हाईकोर्ट ने 3 ग्राम पंचायत मुख्यालय बदलने पर दिया नोटिस, जिला कलेक्टरों को देना होगा जवाब

इस तरह मांगा कमीशन

डांगा ने 40 फीसदी कमीशन मांगा और 50 लाख रुपए का अनुशंषा पत्र देने के बदले उनके बेटे अशोक ने 10 लाख रुपए लिए। विधायक जाटव ने 80 लाख रुपए का अनुशंषा पत्र ​दिया और बतौर टोकन 50 हजार रुपए ले लिए। विधायक बनावत के पति ऋषि बंसल ने 40 फीसदी कमीशन के बदले 40 लाख रुपए का अनुशंषा पत्र देने का वादा किया, लेकिन टोकन के तौर पर दिए 50 हजार रुपए वापस लौटा दिए थे। 

राजस्थान के किसानों पर संकट, सोयाबीन की फसल पर मौसम की मार, बाजार में भी नहीं मिल रहे सही दाम

आरोप कोर्ट में नहीं टिक पाएंगे! 

हालांकि तीनों विधायकों पर पीसी एक्ट में मामला बनने को लेकर अधिवक्ताओं की अलग-अलग राय है। नाम नहीं छापने की शर्त पर एक सीनियर एडवोकेट का कहना है कि तीनों के खिलाफ पीसी एक्ट का मामला नहीं बनता है। अगर एसीबी ने मामला बनाया भी तो यह कोर्ट में टिकने वाला नहीं होगा, क्योंकि यह कोई वास्तविक डील नहीं होकर मात्र स्टिंग है। इसमें न तो कोई माल सप्लाई होना था, ना ही कोई भुगतान होना था और ना ही हुआ। 

कूनो से आया चीता : राजस्थान में बना ली अपनी टेरिटरी, मध्य प्रदेश अपना चीता फिर वापस ले गया

नैतिकता और सदाचार का मामला

इसके अलावा तीनों ही विधायकों के पास स्टिंग करने वाले का कोई काम भी लंबित नहीं था, बल्कि उसने उन्हें काम करने और काम के बदले कमीशन लेने को उकसाया है। इसलिए यदि भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत विधायकों के खिलाफ कोई अपराध बनेगा तो स्टिंग करने वाले और पैसे देने वाले रिपोर्टर के खिलाफ भी अपराध बनेगा। भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत रिश्चत लेना और देना दोनों ही अपराध है। यह ज्यादा से ज्यादा नैतिकता और सदाचार का मामला बनता है। 

काम मंजूरी का अधिकार, इसलिए बनता है मामला

एडवोकेट एके गुप्ता का मानना है कि तीनों विधायकों सहित पैसे लेने वाले विधायक रेवंतराम के पुत्र अशोक और पैसे की बात करने वाले विधायक ऋतु बनावत के पति ऋषि बंसल तथा अनीता जाटव के सहयोगी पवन शर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत मामला बनता है। विधायकों के पास कोई काम पेडिंग था या नहीं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि तीनों ही विधायकों को काम की स्वीकृति देने का अधिकार है। 

कमीशनखोरी : विधायकों के बाद अब अफसरों की खुली करतूत, 5 से लेकर 40 फीसदी तक मांग रहे हिस्सा

मुकदमे की मंजूरी लेनी होगी

अपने इसी अधिकार के तहत ही उन्होंने विधायक निधि से दरी-पट्टी के ऑर्डर देने की अनुशंषा के बदले कमीशन मांगा और कुछ रुपए लिए भी। मामले में स्टिंग करने वाले रिपोर्टर और उसके मीडिया हाउस के खिलाफ कोई अपराध नहीं बनता। 

एडवोकेट एके गुप्ता के अनुसार, मामले में एफआईआर तो दर्ज होनी ही चाहिए, लेकिन एसीबी को पहले उपलब्ध सबूतों को कानूनी कसौटी पर परखना होगा। इसके बाद यदि एसीबी को अपराध बनना लगेगा तो सरकार से धारा 17 ए के तहत तीनों विधायकों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी लेनी होगी।

भजनलाल सरकार की दूसरी वर्षगांठ : CM शर्मा का जन्मदिन भी मनाया गया, भाजपा ने किया कंबल वितरण

कमीशन मांगने की मंशा ही पर्याप्त आधार

एडवोकेट अजय जैन के अनुसार, तीनों विधायक के साथ ही विधायक रेवंतराम डागा के बेटे, ऋतु बनावत के पति ऋषि बंसल तथा अनीता जाटव के सहयोगी पवन शर्मा के खिलाफ भी भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत अपराध बनता है। लोक सेवक के पास काम का पेडिंग होना जरूरी नहीं है। 

CM भजनलाल शर्मा अचानक पहुंचे हेल्पलाइन 181, फोन पर जानी जनता की तकलीफ, त्वरित समाधान

घटित हो चुका है अपराध

लोक सेवक का काम करने के बदले कमीशन लेने की मंशा प्रकट करना ही पर्याप्त है। काम हुआ या नहीं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। यह पीसी एक्ट 13 के तहत लोक सेवक का आपराधिक कदाचार का मामला है। इसके अतिरिक्त रेवंतराम डागा के बेटे ने तो अनुशंषा पत्र देने के बदले 10 लाख रुपए और अनीता जाटव ने 50 हजार रुपए लिए ही हैं। ऐसे में पीसी एक्ट की धारा 7 के तहत अपराध घटित हो चुका है। 

दूसरी वर्षगांठ पर भजनलाल सरकार का दावा, युवाओं को दी 92 हजार नौकरियां, एक भी पेपर लीक नहीं

आयुक्त की कमेटी कर रही है जांच

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस मामले में रविवार को ही मुख्य सतर्कता आयुक्त व एसीएस गृह भास्कर सावंत की अध्यक्षता में चार सदस्यीय कमेटी को जांच सौंपी है। इस कमेटी में पंचायती राज सचिव जोगाराम, सचिव वित्त बजट राजन विशाल की कमेटी को सदस्य तथा विशिष्ट शासन सचिव मनीष गोयल को सदस्य सचिव बनाया है। कमेटी को 15 दिन में रिपोर्ट देने को कहा है।

राजस्थान विधानसभा में हो सकते हैं लोकसभा की तरह तीन सत्र, स्पीकर देवनानी की चाहत

स्पीकर ने सदाचार कमेटी को भेजा मामला

राजस्थान विधानसभा के स्पीकर वासुदेव देवनानी ने तीनों विधायकों का मामला विधानसभा की सदाचार कमेटी को भेज दिया है। बागीदौरा से भारतीय आदिवासी पार्टी के विधायक जयकृष्ण पटेल को एसीबी ने उनके घर से 20 लाख की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। उनका भी मामला सदाचार कमेटी को भेजा था। कमेटी की रिपोर्ट अगस्त में आनी थी, लेकिन किसी कारण से नहीं आई तथा कमेटी ने और समय ले लिया था। इस मामले में सदाचार कमेटी की रिपोर्ट का अभी भी इंतजार हो रहा है।

राजस्थान राजस्थान सरकार वासुदेव देवनानी मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा एसीबी स्टिंग ऑपरेशन विधायक निधि कमीशनखोरी भ्रष्टाचार निरोधक कानून पीसी एक्ट
Advertisment