राजस्थान में 50 हजार फर्जी सिम बेचने वाला गिरोह आया पुलिस गिरफ्त में : कई तरह के अपराधों में किया जाता था उपयोग

राजस्थान के बालोतरा जिले में पुलिस ने 50 हजार फर्जी सिम बेचने वाले साइबर गिरोह का पर्दाफाश किया। यह गिरोह आठ महीनों में देशभर में फर्जी सिम कार्ड बेचकर साइबर अपराधों को अंजाम दे रहा था। 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।

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Gyan Chand Patni
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राजस्थान के बालोतरा जिले की पुलिस ने एक बड़े साइबर गिरोह का भंडाफोड़ किया है। यह गिरोह देशभर में 50 हजार से अधिक फर्जी सिम कार्ड जारी कर चुका था। इन सिम कार्डों का उपयोग साइबर ठगी, नशा तस्करी और वित्तीय अपराधों में किया जा रहा था।

बालोतरा पुलिस ने साइबर टीम की मदद से इस गिरोह के 10 सदस्यों को गिरफ्तार किया है। पिछले तीन महीनों से पुलिस इस नेटवर्क की निगरानी कर रही थी। गिरफ्तार किए गए आरोपियों के पास से 19 मोबाइल फोन, 3 लैपटॉप और करोड़ों रुपए के बैंक स्टेटमेंट मिले हैं, जो गिरोह की गतिविधियों को उजागर करते हैं।

पुलिस अधिकारियों ने बताया पूरा घटनाक्रम

एसपी रमेश कुमार ने बताया कि गिरोह पिछले आठ महीनों से सक्रिय था और इन लोगों ने सिम कार्ड जारी करने के लिए फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया। केवल बालोतरा जिले से ही 15,000 से अधिक फर्जी सिम जारी किए गए थे।

पुलिस ने 10 आरोपियों को पकड़ा है। पुलिस के अनुसार, यह गिरोह राजस्थान के कई जिलों जैसे बूंदी, करौली, टोंक, सवाई माधोपुर, धौलपुर और जयपुर तक फैला हुआ था।

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कैसे काम करता था फर्जी सिम कार्ड गिरोह

जांच में सामने आया है कि गिरोह ग्राहक की जानकारी के बिना उनके नाम से फर्जी दस्तावेज तैयार कर सिम कार्ड एक्टिव करता था। इसके बाद ये सिम कार्ड ब्लैक मार्केट में ऊंचे दामों पर बेचे जाते थे।
इन सिम कार्डों का उपयोग साइबर ठगी (Cyber Fraud), मादक पदार्थों की तस्करी (Drug Trafficking), अवैध शराब व्यापार (Illegal Liquor Trade) और वित्तीय धोखाधड़ी (Financial Scam) में किया जा रहा था।

फर्जी डॉक्यूमेंट से जारी होते थे सिम कार्ड

गिरोह फर्जी आधार कार्ड (Aadhaar Card) और अन्य दस्तावेजों की मदद से सिम कार्ड जारी करता था। सिम कार्ड की पैकिंग तैयार कर इन्हें डाक और अन्य माध्यमों से दूसरे राज्यों में भेजा जाता था।

पुलिस जांच में पता चला कि अकेले बालोतरा जिले से ही 15 हजार फर्जी सिम कार्ड आम लोगों के नाम पर जारी किए गए। ये लोग अपने नाम पर सिम जारी होने की जानकारी तक नहीं रखते थे।

पुलिस ने इन मामलों में बालोतरा और पचपदरा थाने में केस दर्ज कर आरोपियों को कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें पुलिस कस्टडी में लिया गया है।

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पुलिस की साइबर टीम की सक्रियता से खुला बड़ा नेटवर्क

तीन महीनों की गहन निगरानी और तकनीकी विश्लेषण के बाद पुलिस ने इस गिरोह को पकड़ा। साइबर टीम ने सिम विक्रेताओं, रिचार्ज एजेंटों और पीओएस आईडी धारकों से पूछताछ कर पूरे नेटवर्क की जड़ तक पहुंच बनाई।
एसपी रमेश कुमार ने बताया कि यह नेटवर्क न केवल राजस्थान में बल्कि उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली और गुजरात तक फैला हुआ था।

 पुलिस ने 19 मोबाइल फोन जब्त किए हैं — जिनमें ग्राहकों की जानकारी और फर्जी डॉक्यूमेंट स्कैन मौजूद थे। साथ ही 3 लैपटॉप भी जब्त किए हैं, जिनमें सिम एक्टिवेशन का पूरा डाटा और बैंक रिकॉर्ड दर्ज था। कई बैंक खातों के स्टेटमेंट बरामद हुए हैं जिनमें करोड़ों रुपए के ट्रांजेक्शन का खुलासा हुआ है।

“आरोपी लोगों की जानकारी के बिना उनके नाम पर सिम कार्ड जारी करते थे और अपराधों में इस्तेमाल के लिए बेचते थे।”
— रमेश कुमार, एसपी बालोतरा

राज्य स्तर पर बढ़ाई जाएगी निगरानी

 Cyber ​​crime फर्जी सिम कार्ड बनवाकर धोखाधड़ी के इस बड़े खुलासे के बाद राजस्थान पुलिस ने सभी जिलों में सिम विक्रेताओं और मोबाइल रिचार्ज दुकानदारों की जांच तेज कर दी है। निर्देश दिया है कि सिम जारी करने से पहले ग्राहक की पहचान का सही सत्यापन सुनिश्चित किया जाए।

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