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राजस्थान विधानसभा के मानसून सत्र के सुचारू संचालन के लिए विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने 28 अगस्त को एक सर्वदलीय बैठक बुलाई थी, लेकिन कांग्रेस ने इसका बहिष्कार किया। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि इस बैठक में एकतरफा निर्णय लिए जाते हैं, जिसके चलते उन्होंने इसमें भाग लेने से इंकार कर दिया। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि कांग्रेस विधायक दल की बैठक 2 सितंबर को बुलाई गई है।
सत्ता पक्ष का विरोध
सत्ता पक्ष ने कांग्रेस के बहिष्कार को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। सरकारी मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने कहा कि बैठक के आयोजन से पहले सभी पक्षों से सहमति ली जाती है, और कांग्रेस के अचानक बहिष्कार को विपक्ष का "मैदान छोड़ भागने" जैसा कदम बताया। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस की अंदरूनी कलह और डोटासरा व जूली के बीच चल रही राजनीति इसके पीछे का कारण हो सकती है।
जवाबदेही से बचना चाहती है भाजपा
भाजपा ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि विपक्षी दलों का उद्देश्य सिर्फ सरकार को सवालों से बचाना है। टीकाराम जूली ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार विधानसभा सत्र को जल्दी खत्म करने की कोशिश कर रही है ताकि जवाबदेही से बचा जा सके। इसके अलावा, जूली ने यह भी कहा कि विधानसभा में कई फैसले एकतरफा लिए गए हैं, जैसे नरेन्द्र बुढ़ानिया को विशेषाधिकार समिति का अध्यक्ष बनाना और फिर कुछ समय बाद उन्हें हटा देना।
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निकाय चुनावों को टालने का प्रयास
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि विधानसभा में सवालों के जवाब पहले जनता के लिए पोर्टल पर अपलोड किए जाते थे, लेकिन इस बार ऐसा नहीं किया गया। जूली ने आरोप लगया कि सरकार के विधायक अपने क्षेत्र में प्रधानों को हटाकर अपनी पार्टी के नेताओं को प्रधान बना कर रहे हैं। उन्होंने इसे लोकतंत्र के लिए खतरा बताया। साथ ही कहा कि सरकार पंचायतीराज और नगरीय निकाय चुनावों को टालने का प्रयास कर रही है।
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विपक्ष की आवाज को नजरअंदाज करने का आरोप
टीकाराम जूली ने कहा कि कांग्रेस का मानना है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समय में विधायकों और सांसदों की बैठक हुई थी, जिसमें उनकी समस्याओं को सुना गया था, लेकिन वर्तमान सरकार सिर्फ भाजपा के नेताओं से ही बात कर रही है और विपक्षी आवाज को नजरअंदाज किया जा रहा है। इसके कारण कांग्रेस ने सर्वदलीय बैठक का बहिष्कार किया।
सर्वदलीय बैठक का क्या है उद्देश्य
विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने बैठक का आयोजन सदन की कार्यवाही को शांतिपूर्ण और निर्बाध रूप से चलाने के उद्देश्य से किया था। बैठक में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल, सरकारी मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग, और विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि शामिल थे।
विधानसभा का मानसून सत्र शुरू होने वाला है, लेकिन इससे पहले राजस्थान में कांग्रेस ने किया सर्वदलीय बैठक का बहिष्कार। इससे साफ है कि मानसून सत्र हंगामेदार रहने वाला है।
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