विवादित जमीन पर गैर-मुमकिन कब्रिस्तान घोषित करने का दावा निरस्त, मुस्लिम वक्फ कमेटी की अपील खारिज

राजस्थान हाई कोर्ट ने सवाई माधोपुर के ग्राम आलनपुर पंचायत स्थित एक जमीन को गैर-मुमकिन कब्रिस्तान मानने से इनकार करते हुए कहा कि विवादित जमीन कभी भी वक्फ की संपत्ति नहीं थी। इस संबंध में कोई अधिसूचना भी जारी नहीं हुई।

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Amit Baijnath Garg
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Photograph: (the sootr)

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Jaipur. राजस्थान हाई कोर्ट ने सवाई माधोपुर के ग्राम आलनपुर पंचायत स्थित एक जमीन को गैर-मुमकिन कब्रिस्तान मानने से इनकार करते हुए अधीनस्थ अदालत के आदेश में दखल देने से मना कर दिया है। जस्टिस सुदेश बंसल ने यह आदेश सवाई माधोपुर मुस्लिम वक्फ कमेटी की नौ अपीलों खारिज करते हुए दिया।  

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रिकॉर्ड से सब कुछ साफ

कोर्ट ने आदेश में कहा है कि रिकॉर्ड से ही साफ है कि विवादित जमीन कभी भी वक्फ की संपत्ति नहीं थी और इस संबंध में 1965 कोई अधिसूचना भी जारी नहीं हुई। वक्फ कमेटी भूमि पर अपने स्वामित्व या कब्जे का कोई ठोस प्रमाण प्रस्तुत नहीं कर सकी है और ना ही एडीजे सवाई माधोपुर के आदेश में कोई कानूनी गलती है। 

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ऐसे ही घोषित नहीं कर सकते

अदालत ने कहा है​ कि केवल राजस्व अभिलेखों में दर्ज प्रविष्टि या बिना सटीक सीमांकन के अधिसूचना के आधार पर किसी जमीन को वक्फ संपत्ति घोषित नहीं किया जा सकता। जब जमीन को वैध रूप से ग्राम पंचायत या नगर निकाय ने आबादी उपयोग में बदलकर आवंटित कर दिया हो, तो उसका स्वामित्व निजी व्यक्तियों के पक्ष में वैध माना जाएगा।  

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यह है मामला

सवाई माधोपुर के ग्राम पंचायत आलनपुर स्थित खसरा नंबर 1508 की जमीन को 1963 में ग्राम पंचायत ने भू-उपयोग आबादी कर दिया था और नीलामी के जरिए विभिन्न व्यक्तियों को बेचकर पट्टे दे दिए थे। 20 मार्च, 1963 को कलेक्टर ने भी ग्राम पंचायत को 31 बीघा 4 बिस्वा भूमि आबादी प्रयोजन के लिए उपयोग की अनुमति दी थी। 1965 में कई व्यक्तियों को पंजीकृत पट्टे देकर रजिस्ट्री भी करवाकर जमीन का कब्जा भी दे दिया था। 

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अदालत में दी चुनौती

कई साल बाद अचानक मुस्लिम वक्फ कमेटी ने जमीन को गैर-मुमकिन कब्रिस्तान की वक्फ संपत्ति बताया और इसके लिए 23 सितंबर, 1965 की अधिसूचना भी पेश की।  कमेटी ने जमीन पर मस्जिद, प्याऊ और एक मजार होने का भी दावा किया। वक्फ कमेटी के इस दावे को आवंटियों ने अदालत में चुनौती दी और स्थायी निषेधाज्ञा जारी करने की गुहार करते हुए अपनी जमीन पर वक्फ कमेटी के करवाए गए कच्चे-पक्के निर्माण को हटाने के आदेश देने की गुहार की थी। 

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एडीजे कोर्ट में कमेटी का दावा खारिज

सवाई माधोपुर की एडीजे कोर्ट ने अधीनस्थ अदालत के वक्फ कमेटी के पक्ष में दिए फैसले को पलटते हुए आवंटियों के पास जमीन का कानूनी तौर पर जारी पट्टा होने तथा कब्जा साबित होने के आधार पर वक्फ कमेटी के दावे को खारिज कर दिया था। 

सभी नौ अपील खारिज

इस आदेश को कमेटी ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। सभी पक्षों की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने कहा है कि प्रथम अपीलीय कोर्ट ने ही वादियों को आवंटित प्लॉट्स का कानूनी मालिक व कब्जाधारी मान लिया था। अदालत ने सभी नौ अपीलों को खारिज करते हुए एडीजे कोर्ट के फैसले को यथावत रखा है।

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