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Photograph: (the sootr)
Jaipur. राजस्थान में पंचायती राज और नगर निकाय चुनाव की तैयारियों में एक बड़ी बाधा सामने आई है। ओबीसी आरक्षण का निर्धारण एक अहम कदम है, लेकिन इसके लिए गठित राज्य ओबीसी आयोग मैन पावर, बजट और विभागीय सहयोग की कमी के चलते फंसा हुआ है।
इस सर्वे का मुख्य उद्देश्य ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षण की संख्या और इसके निर्धारण के लिए सही डाटा एकत्र करना है। हालांकि आयोग के पास पर्याप्त संसाधनों की कमी के कारण इस काम में देरी हो रही है। इससे चुनाव की तारीखों पर भी असर पड़ सकता है।
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सर्वे के लिए मैन पावर का संकट
आयोग को ओबीसी आरक्षण के सर्वे के लिए बूथ लेवल अफसर (BLO) की सेवाएं चाहिए थीं, लेकिन चुनाव आयोग ने इसे अनुमति नहीं दी। इसके कारण आयोग को अपनी सर्वेक्षण प्रक्रिया में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं कई जिलों से सर्वेक्षण के लिए जरूरी डाटा भी नहीं मिल पा रहा है, जिससे आयोग के काम में और देरी हो रही है।
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आधे जिलों में नहीं मिल रहा सहयोग
सर्वेक्षण के काम में अड़चनों का सामना कर रहे आयोग को राज्य के आधे जिलों से आवश्यक जानकारी नहीं मिल पाई है। इसकी वजह से परिसीमन की प्रक्रिया में देरी हो रही है, जो पहले ही जिला पंचायतों के चुनावों में अहम भूमिका निभाती है। सर्वे के लिए संबंधित कर्मचारियों का डाटा भी अभी तक पूरा नहीं मिल सका है। इससे यह साफ है कि आयोग की कार्यप्रणाली में बहुत सारी समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं।
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बजट और संसाधनों की कमी
आयोग के पास उपलब्ध बजट भी सीमित है। रिपोर्ट्स के अनुसार, आयोग को मिलने वाला बजट कई बार टुकड़ों में मिलता है, जिससे कार्य में कोई रफ्तार नहीं मिल रही है। इसके अतिरिक्त, आयोग को वाहनों की भी भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है। पिछले कुछ महीनों से आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों का मासिक मानदेय भी समय पर नहीं मिल पा रहा है, जिसके कारण कार्यों में और बाधाएं आ रही हैं।
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कॉलेज छात्रों की मदद लेने पर विचार
आयोग अब मानव संसाधन की कमी को दूर करने के लिए NCC और NSS के कॉलेज छात्रों से मदद लेने पर विचार कर रहा है। इन छात्रों की मदद से सर्वेक्षण कार्य को जल्दी पूरा किया जा सकता है। कॉलेज व्याख्याताओं की निगरानी में इन छात्रों को कार्य सौंपा जाएगा, ताकि वे सर्वे का काम सुचारू रूप से पूरा कर सकें। आयोग जल्द ही इस विकल्प पर निर्णय ले सकता है और काम में गति लाने के लिए सर्वे पूरा करने की कोशिश करेगा।
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आरक्षण सर्वे में समस्या और समाधान
ओबीसी आरक्षण सर्वे में सबसे बड़ी समस्या मैन पावर की कमी है, जिसके लिए आयोग NCC और NSS छात्रों से मदद लेने का विचार कर रहा है। वहीं फंड का संकट है, जिसके लिए बजट में वृद्धि की आवश्यकता है। इधर, आधे जिलों से डाटा की कमी है, जिसके लिए आयोग को स्थानीय प्रशासन से सहयोग सुनिश्चित करना होगा।
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