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Photograph: (TheSootr)
राजस्थान में सरस दूध में मिलावट (Milk Adulteration in Rajasthan) के मामले में एक बड़ा फैसला आया है। टोंक जिले की एसीजेएम कोर्ट (ACJM Court) ने चार आरोपियों को दोषी ठहराते हुए एक साल की कैद और 5,000 रुपए जुर्माना लगाया है। इस मामले में दूध विक्रेता बालकिशन साहू, सरस डेयरी के तत्कालीन प्रबंधक एलके जैन, वीपी सिंह और सरस डेयरी चेयरमैन गोपाल चौधरी को सजा दी गई है। यह मामला खाद्य विभाग (Food Department) द्वारा किए गए एक जांच के आधार पर उठाया गया था, जिसमें दूध में मिलावट पाई गई थी।
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दूध में मिलावट की शिकायत
इस मामले में खाद्य विभाग ने मैसर्स बालकिशन साहू से दूध का सैंपल लिया और उसे जांच के लिए भेजा। जांच में यह पाया गया कि दूध में मिलावट की गई थी। इसके बाद अजमेर और सेंट्रल फूड लेबोरेट्री पुणे (Central Food Laboratory Pune) में इसकी जांच कराई गई और मिलावट की पुष्टि हुई। इसके आधार पर कोर्ट ने आरोपियों को सजा सुनाई और दूध मिलावट के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की बात कही।
टोंक जिले की एसीजेएम कोर्ट ने कहा कि दूध में मिलावट में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इससे आमजन के स्वास्थ्य पर असर पड़ रहा है। खाद्य पदार्थों में मिलावट राष्ट्र विरोधी कृत्य है।
मिलावट की शिकायत कहां करें?
अगर कोई व्यक्ति दूध या किसी अन्य खाद्य पदार्थ में मिलावट पाता है, तो उसे इसकी शिकायत केंद्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन नंबर (Consumer Helpline Numbers) 1800-11-2100 और 181 पर दर्ज कराई जा सकती है। इसके अलावा, एफएसएसएआई (FSSAI) का मोबाइल एप फूड कनेक्ट (Food Connect) भी एक विकल्प है, जहां लोग अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं। यह एप लोगों को अपनी पहचान गोपनीय रखने की सुविधा भी प्रदान करता है।
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दूध में मिलावट घर पर ही कैसे पहचानें?
असली दूध का रंग हमेशा सफेद होता है, जो उबालने या फ्रिज में रखने के बाद भी बना रहता है। अगर दूध में मिलावट हुई है, तो इसका रंग पीला पड़ सकता है, जो यूरिया जैसी हानिकारक चीज़ों की मिलावट का संकेत है।
असली दूध को धीमी आंच पर 2-3 घंटे तक उबालने पर वह सख्त दही जैसी बनावट में बदल जाता है। अगर उसमें मोटे दाने दिखें तो यह मिलावट का संकेत हो सकता है। अगर दूध चिकना और मुलायम रहे, तो यह शुद्ध दूध का संकेत है।
असली दूध का स्वाद और खुशबू नेचुरल और हल्की मीठी होती है। अगर दूध में मिलावट हो, तो उसकी खुशबू बदल जाती है और डिटर्जेंट जैसी तेज़ और कृत्रिम गंध आ सकती है।
एक साफ कांच की बोतल में एक चम्मच दूध लें और हिलाएं। अगर दूध में बहुत सारा झाग बने और वह लंबी देर तक बना रहे, तो यह डिटर्जेंट मिलाने का संकेत हो सकता है। शुद्ध दूध में झाग कम बनता है और जल्दी गायब हो जाता है।
असली दूध गाढ़ा होता है और धीरे-धीरे बहता है, जबकि मिलावटी दूध पतला होता है और जल्दी बहता है। एक बूंद दूध अपनी उंगली पर रखकर यह अंतर देख सकते हैं। अगर दूध जल्दी फैल जाता है, तो इसका मतलब है कि उसमें पानी की मिलावट है। | |
मिलावट की बढ़ती समस्या
भारत में मिलावटी दूध एक गंभीर समस्या बन चुकी है, जिसका सीधा असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। टोंक में हुए इस मामले से यह स्पष्ट हो गया है कि दूध मिलावट की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। कोर्ट ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए कहा कि खाद्य पदार्थों में मिलावट (Food Adulteration) राष्ट्र विरोधी कृत्य है और इससे लोगों के जीवन को खतरा हो सकता है।
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दूध में मिलावट के क्या नुकसान हैं?
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मिलावट के खिलाफ सख्त कार्रवाई
इस फैसले से यह स्पष्ट हो गया कि खाद्य विभाग और कोर्ट इस तरह की घटनाओं को गंभीरता से ले रहे हैं और भविष्य में मिलावट करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। कोर्ट ने यह भी कहा कि मिलावट की समस्या को गंभीरता से लेते हुए समाज में जागरूकता फैलाना आवश्यक है। यह समाज के स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर खतरा बन चुका है और इसे रोकने के लिए हर संभव प्रयास किया जाना चाहिए।
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