BHOPAL. राजधानी भोपाल की कलियासोत नदी पर हुए अतिक्रमण को लेकर आने वाले दिनों में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल कोई कड़ा फैसला ले सकता है। या तो अतिक्रमण हटाने को लेकर कोई बड़ा फैसला आ सकता है या उन लोगों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जा सकता है जिनकी अनदेखी की वजह से कलियासोत अतिक्रमण का शिकार हुई। एनजीटी ने नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव और भोपाल नगर निगम कमिश्नर को 10 अगस्त को व्यक्तिगत तौर पर मौजूद रहने के लिए कहा है। एनजीटी ने व्यक्तिगत तौर पर अधिकारियों को पेश होने के लिए कहा है इसी से माना जा रहा है कि कोई बड़ा एक्शन एनजीटी ले सकता है।
35 किमी लंबी नदी के मुहाने पर बस गई सोसायटी, बन गए फार्म हाउस
भोपाल की एक मात्र नदी कलियासोत 35 किमी लंबी है। इस नदी के ग्रीन बेल्ट पर 500 से ज्यादा अतिक्रमण है। अतिक्रमण करने वाले नामी बिल्डर और दर्जनों रहवासी सोसाइटी के अलावा नदी के आसपास फॉर्म हाउस बनाकर अतिक्रमण हुआ है। भोपाल के मास्टर प्लान में साफ लिखा है कि कलियासोत नदी के दोनों तरफ 33-33 मीटर ग्रीन बेल्ट के लिए आरक्षित किया गया है, लेकिन मास्टर प्लान का खुला उल्लंघन हुआ। कलियासोत पर धड़ल्ले से अतिक्रमण हुआ। इस अतिक्रमण को लेकर एनजीटी में एक याचिका दायर की गई थी। 9 साल पहले यानी 2014 में एनजीटी ने कलियासोत से अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए थे, लेकिन जिम्मेदारों ने इस पर ध्यान नहीं दिया।
2014 में एनजीटी का आदेश और उस पर लिया गया एक्शन...
- आदेश 1: कालियासोत नदी की किनारे 33 मीटर का सीमांकन, चिन्ह भी लगाए जाएं।
हुआ क्या : सीमांकन कर पत्थर लगाए गए थे, पर अब वे पत्थर कई जगह से हट गए हैं, तो कुछ ने उन्हें निकालकर नदी से सटकर लगा दिया ताकि उनकी जगह ग्रीनबेल्ट में नजर न आएं, विराषा हाइट्स में पत्थर को तोड़ दिया गया।
- आदेश 2: नदी के दोनों और 33 मीटर पर ग्रीन बेल्ट विकसित किया जाए
हुआ क्या : नदी के दोनों 33 मीटर ग्रीन बेल्ट विकसित नहीं हुआ लेकिन इसके नाम पर अतिक्रमण जरूर हो गए। विराशा हाइट्स के पास नदी के मुहाने पर एक निजी फॉर्म हाउस बन गया, तो वहीं आकृति हाईराइज सोसाइटी में पार्क बना दिया गया, उत्तर अमरनाथ कॉलोनी में गौशाला चल रही है।
- आदेश 3: इस नदी में केवल ट्रीटेड पानी ही आए, आसपास की कालोनियों से इसमें गंदगी ना मिले।
हुआ क्या : कलियासोत नदी में उत्तर अमरनाथ कॉलोनी, सर्व धर्म, मंदाकिनी कॉलोनी समेत कई जगह सीधे अनट्रीटेड पानी नदी में मिल रहा है, इससे नदी के आसपास का भोजन बुरी तरह प्रदूषित हो चुका है।
- आदेश 4: 33 मीटर के दायरे में आए निर्माण को तोड़ा जाए, ग्रीन बेल्ट के दायरे में नए निर्माण भी ना हो
हुआ क्या : मन्दाकिनी कॉलोनी से होते हुई सलैया की ओर कई नए अतिक्रमण हुए हैं। सागर प्रीमियम प्लाजा में कई फ्लैट इसकी जद में हैं, यहां से कई लोग फ्लैट छोड़कर जा चुके हैं तो कई अपने साथ हुई धोखाधड़ी को लेकर बिल्डर की शिकायत कर लड़ाई लड़ रहे हैं।
एनजीटी में ठीक से जवाब ही नहीं दे पाई सरकार
अब जब एनजीटी के आदेश का पालन नहीं हुआ तो याचिकाकर्ता की तरफ एक्जीक्युशन एप्लीकेशन दायर की गई थी। इस पर सुनवाई के दौरान एनजीटी जानना चाह रहा था कि सरकार की तरफ से क्या कार्रवाई की गई, लेकिन सरकार की तरफ से कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया। इसके बाद एनजीटी ने पहले नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव और भोपाल नगर निगम कमिश्नर को 2 अगस्त को होने वाली सुनवाई के दौरान वर्चुअली मौजूद रहने को कहा, लेकिन 2 अगस्त को भी स्पष्ट जवाब नहीं मिला और अधिकारी जवाब पेश करने के लिए समय मांगते रहे तो एनजीटी ने 10 अगस्त को होने वाली सुनवाई में दोनों अधिकारियों को ट्रिब्यूनल के समक्ष व्यक्तिगत रूप से मौजूद रहने का आदेश दिया है। दोनों को बताना होगा कि नदी के ग्रीन बेल्ट को डेवलप करने और अतिक्रमण को हटाने के लिए क्या कार्रवाई की गई है।
द सूत्र ने किया था खुलासा
दरअसल अतिक्रमण को हटाने के लिए कोई कदम ही नहीं उठाया गया है क्योंकि नवंबर 2021 में द सूत्र ने कलियासोत को लेकर लगातार 12 दिन तक न केवल खुलासे किए थे, बल्कि ये भी बताया था कि किस तरह से नदी पर एक के बाद एक अतिक्रमण होता रहा और जिम्मेदार चुप्पी साधे बैठे रहे। अब एनजीटी के सामने अधिकारी क्या जवाब देंगे इस पर सभी की निगाहें टिकी हुई है।