इंदौर में अग्रवाल समाज के विज्ञापन के बाद टिकट के लिए मराठी समाज भी आगे आया, बीजेपी, कांग्रेस को लिखी चिट्‌ठी

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Pratibha Rana
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इंदौर में अग्रवाल समाज के विज्ञापन के बाद टिकट के लिए मराठी समाज भी आगे आया, बीजेपी, कांग्रेस को लिखी चिट्‌ठी

संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर में अग्रवाल समाज द्वारा विधानसभा चुनाव में टिकट मांग के लिए विज्ञापन देने की बात सामने आने के बाद अब मराठी समाज ने भी मांग तेज कर दी है। मराठी समाज के अलग-अलग समुदायों ने राजनीतिक दलों को चिट्‌ठी लिखी है। हालांकि मुख्य पत्र तो बीजेपी के लिए ही लिखे गए हैं और इंदौर की नौ सीटों में से एक विधानसभा सीट पर कम से कम टिकट की मांग रखी है। इंदौर विधानसभा में 1985 के बाद किसी मराठी को विधानसभा का टिकट नहीं मिला है, साल 1985 में सुमित्रा महाजन को विधानसभा तीन से टिकट मिला था, तब वह कांग्रेस के महेश जोशी से हार गई थी। बाद में 1989 में वह लोकसभा में उतरी थी और साल 2014 के चुनाव तक लगातार चुनाव जीतीं।

मराठी समाज के लिए अभी तक यह रहे हैं प्रतिनिधि

इंदौर में मराठी समाज के पहले प्रतिनिधि के तौर पर राजेंद्र धारकर रहे हैं, जो 1977 में विधानसभा चुनाव जीते थे वह बीजेपी के पहले महापौर भी इंदौर में। बाद में सुमित्रा महाजन को टिकट मिला लेकिन विधानसभा चुनाव हार गई लेकिन सांसद का चुनाव लगातार आठ बार जीता। वहीं कृष्णमुरारी मोघे भी इंदौर के महापौर चुने गए।

ताई के पुत्र के साथ नगराध्यक्ष रणदिवे सबसे बड़े दावेदार

मराठी समाज के दावेदारों की बात करें तो बीजेपी के नगराध्यक्ष गौरव रणदिवे सबसे बड़े दावेदार है। वहीं उनके कड़े प्रतिस्पर्धी इसी मामले में महाजन के पुत्र मिलिंद महाजन है। दोनों की ही चाहत विधानसभा पांच है। सुमित्रा महाजन सीधे तौर पर तो पुत्र का नाम नहीं लेती है लेकिन उनके सभी समर्थक इस बार उनके पुत्र के लिए माहौल बना रहे हैं। इसके साथ ही उनके एक अन्य समर्थक सुधीर देड़गे का नाम भी उठता है वह चार बार के पार्षद, एमआईसी सदस्य भी रहे हैं और अहिल्या समिति और ट्रस्ट से जुड़े हुए हैं।

मराठी समाज का दावा हमारी जनसंख्या 6 लाख है

मराठी समाज के प्रतिनिधि और वार्ड क्रमांक 80 के बीजेपी पार्षद प्रशांत बड़वे का कहना है कि इंदौर में करीब 6 लाख मराठी भाषी रहते हैं। 99 प्रतिशत बीजेपी के लिए कमिटेड वोटर माने जाते हैं। BJP के शीर्ष और प्रदेश नेतृत्व से मराठी भाषी को विधायक के लिए टिकट की मांग की गई है। सूत्रों के अनुसार कुछ दिनों पहले पहले इंदौर के बीजेपी के 7 पार्षद जो कि मराठी समाज के हैं, उन्होंने इस पूरे मामले को लेकर मीटिंग की थी। पार्षदों ने BJP आलाकमान को यह मैसेज भेजा है कि इंदौर से एक टिकट तो समाज के व्यक्ति को दिया जाना चाहिए। नगर निगम में इस समय 85 पार्षद है, जिसमें से 7 पार्षद मराठी समाज के है। BJP ने 9 मराठी समाज को पार्षद का टिकट दिया था। कांग्रेस ने मराठी समाज के 1 व्यक्ति को टिकट दिया था जो हार गए थे। पूर्व पार्षद सुधीर देड़गे का कहना है कि मराठी समाज को एक टिकट तो विधानसभा के लिए मिलना चाहिए। मराठी समाज का इंदौर के साथ ही इंदौर के अलावा बुरहानपुर, भीकनगांव, बड़वाह, ग्वालियर और देवास सहित अन्य कुछ सीटों पर होल्ड है।

अग्रवाल, जैन, राजपूत, खाती, धनगर समाज सभी मांग रहे टिकट

इंदौर में समाज की राजनीति में इस बार जोरों पर है। जैन समाज अलग टिकट मांग रहे हैं, राजपूत समाज भी इंदौर में बैठक कर चुके हैं। खाती समाज भी अपने लिए राउ के साथ ही प्रदेश में अलग-अलग सीट मांग रही है, धनगर समाज की भी मांग है तो वहीं सिंधी समाज से लेकर अन्य समाज लगातार राजनीतिक दलों से अपने लिए टिकट मांग रहे हैं और कह रहे है कि जो टिकट देगा समाज उसे ही समर्थन करेगा।


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