New Delhi. हेनले प्राइवेट वेल्थ माइग्रेशन रिपोर्ट (2023) के नए अध्ययन में दावा किया गया है कि इस साल (2023) 6500 अल्ट्रा रिच (बहुत अमीर) लोग भारत छोड़ सकते हैं। इन अल्ट्रा रिच के लिए अधिक तकनीकी शब्द हाई नेट-वर्थ इंडिविजुअल्स (HNWIs) है और यह इतने अमीर लोगों को संदर्भित करता है कि उनके पास एक मिलियन अमेरिकी डॉलर या उससे अधिक की निवेश योग्य संपत्ति है। रुपए के लिहाज से उस सीमा का मतलब 8.2 करोड़ रुपए या उससे अधिक है। हालांकि ये संख्या पिछले साल साढ़े सात हजार हाई नेट-वर्थ इंडिविजुअल्स के छोड़कर जाने वाले आंकड़ों से कम है।
सामने आई वजह और विदेश का पसंदीदा स्थान
2023 में भारत का संभावित शुद्ध बहिर्वाह यानी अपना वतन छोड़कर दूसरे देशों में जाकर बसने के मामले में चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा देश भारत है। अपना देश छोड़ने के पीछे सबसे बड़ी वजह अमीर उस देश में जाना पसंद करते हैं जहां टैक्स से जुड़े नियम लचीले हों। दुनियाभर के अमीरों को दुबई और सिंगापुर जैसी जगहें सबसे ज्यादा पसंद आ रही हैं। हेनले दुनियाभर में वेल्थ और इन्वेस्टमेंट माइग्रेशन पर नजर रखती है।
चार बड़े देशों में चीन अव्वल : सबसे ज्यादा अमीर छोड़ सकते हैं अपना देश
- 1- चीन : साढ़े 13 हजार अमीरों का पलायन का अनुमान है।
अमीरों की सर्वोच्च प्राथमिकता क्या हैं?
राजनीतिक स्थिरता, कम कराधान, और व्यक्तिगत स्वतंत्रता हमेशा करोड़पतियों के लिए प्रमुख मैट्रिक्स रहे हैं जब यह तय करने की बात आती है कि कहां रहना है। हालांकि, संपन्न व्यक्तियों की प्राथमिकताएं अमूर्त लेकिन समान रूप से उनके बच्चों की संभावनाएं, उनके जीवन की गुणवत्ता, और उनके द्वारा छोड़ी गई विरासत जैसे महत्वपूर्ण तत्वों पर प्रभाव डाल रही है। दुनियाभर के अमीरों को दुबई और सिंगापुर जैसी जगहें सबसे ज्यादा पसंद आ रही है। अमीर उस देश में जाना पसंद करते हैं जहां टैक्स से जुड़े नियम लचीले हों।