जम्मू कश्मीर में ALH ध्रुव हेलिकॉप्टर क्रैश, 2 पायलट जख्मी, दो महीने में सेना के हेलिकॉप्टर क्रैश की दूसरी घटना

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BP Shrivastava
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जम्मू कश्मीर में ALH ध्रुव हेलिकॉप्टर क्रैश, 2 पायलट जख्मी, दो महीने में सेना के हेलिकॉप्टर क्रैश की दूसरी घटना

SRINAGAR. जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के दूर दराज इलाके मचना जंगलों में सेना का हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया। इसमें दो पायलट घायल हुए हैं। हेलिकॉप्टर में तीन अधिकारी सवार थे। घटना की वजह अभी तक साफ नहीं हुई है। हालांकि, खराब मौसम वजह हो सकती है। जो हेलिकॉप्टर क्रैश हुआ, वह सेना का ALH ध्रुव हेलिकॉप्टर है।





 जम्मू कश्मीर में नहीं है पहली घटना





जम्मू कश्मीर में हुई हेलिकॉप्टर क्रैश की यह पहली घटना नहीं है, इससे पहले भी हवा में उड़ते हुए इन ताबूतों ने देश के वीर जवानों और अफसरों के प्राण लीले हैं। मार्च की शुरुआत में ही, अरुणाचल प्रदेश में मंडला पहाड़ी क्षेत्र के पास भारतीय सेना के एक चीता हेलिकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने से उसके दो पायलट की मौत हो गई थी।





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सेना का चीता हेलिकॉप्टर भी 16 मार्च को हुआ था क्रैश





दुर्घटना के बाद भारतीय सेना, सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) और पुलिस ने तलाशी अभियान चलाया था। अधिकारियों के मुताबिक, 16 मार्च को सेना का चीता हेलिकॉप्टर ऑपरेशनल सॉर्टी पर था। तभी उसका एयर ट्रैफिक कंट्रोलर से संपर्क टूट गया। सेना का कहना है कि वह इस दुर्घटना के पीछे हुए तकनीकी पहलुओं की जांच कर रही है, लेकिन इसको लेकर सवाल खड़े होते हैं कि आखिर वो कौन सी तकनीकी खामियां हैं जिनकी वजह से ऐसी दुर्घटनाएं होती हैं।





दुर्घटनाओं के बाद भी सुधार नहीं





इससे पहले दिसंबर 2021 में भी हेलीकॉप्टर में आई ऐसी तकनीकी खराबी के बाद देश को अपने पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और अन्य सहयोगी स्टॉफ के साथ खोना पड़ गया था। उनका हेलिकॉप्टर भी तकनीकी कारणों की वजह से क्रैश हो गया था। बावजूद इसके सेना के विमानों में सुधार नहीं दिखा है।





ALH हेलिकॉप्टर के बारे में जानकारी





ALH-ध्रुव हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) की तरफ से ट्विन इंजन के साथ स्वदेशी रूप से विकसित उपयोगी विमान है। HAL ने 1984 में ALH ध्रुव को विकसित करना शुरू किया। हेलिकॉप्टरों को शुरू में जर्मनी की मदद से मेसर्सचमिट-बोलको-ब्लोहम (MBB) के साथ डिजाइन किया गया था और पहली बार 1992 में उड़ाया गया था, लेकिन 2002 में सर्टिफिकेशन के बाद इसे सेवा में शामिल किया गया। 



HAL के अनुसार, विमान सैन्य ऑपरेशन के लिए सेंटर फॉर मिलिट्री एयरवर्दीनेस सर्टिफिकेशन और नागरिक उड्डयन महानिदेशालय की तरफ से नागरिक संचालन के लिए 'टाइप-सर्टिफाइड' है। ध्रुव के प्रमुख वेरिएंट को ध्रुव MK- I, MK- II, MK-III और MK-IV की कैटेगरी में बांटा गया है।



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