श्रीनगर के लाल चौक में राहुल गांधी ने फहराया तिरंगा, 1992 में मोदी ने फहराया था; कश्मीरों पंडितों को लेकर मोदी से किए सवाल

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Vijay Choudhary
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श्रीनगर के लाल चौक में राहुल गांधी ने फहराया तिरंगा, 1992 में मोदी ने फहराया था; कश्मीरों पंडितों को लेकर मोदी से किए सवाल

Srinagar. कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा एक दिन पहले खत्म हो गई है। राहुल गांधी ने श्रीनगर के लाल चौक में तिरंगा फहराया है। 30 जनवरी सोमवार को कांग्रेस दफ्तर में होने वाला कार्यक्रम रद्द हो गया है। राहुल गांधी सुरक्षाकर्मियों की गाड़ी में वहां पहुंचे। उनके साथ बहन प्रियंका गांधी भी मौजूद रहीं। राहुल के तिरंगा फहराने के दौरान प्रियंका उनके पीछे खड़ी थीं। कार्यक्रम के दौरान भारी तादाद में पुलिस बल तैनात रहा। पूरे इलाके को बैरिकेड्स लगाकर सील कर दिया गया। आसपास की सभी दुकानें बंद करवा दी गईं। एक दौर में 31 साल पहले नरेंद्र मोदी ने लाल चौक पर तिरंगा फहराने को लेकर काफी सुर्खियां बटोरी थीं।



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1992 में नरेंद्र मोदी ने फहराया था तिरंगा



साल 1992 में बीजेपी ने एकता यात्रा निकालने का प्लान तैयार किया। इस यात्रा की कमान नरेंद्र मोदी के हाथ में थी। इस दौरान जम्मू कश्मीर में आतंकवाद इतने चरम स्तर पर था कि लाल चौक पर तिरंगा फहराना जान से जोखिम लेने के बराबर था। लेकिन मोदी की अगुवाई में बीजेपी ने लाल चौक पर तिरंगा लहराने की योजना तय की। जिसके बाद मोदी ने खुली चुनौती दी थी कि अगर किसी में हिम्मत है तो वो लाल चौक पर तिरंगा लहराने से रोक ले। वहीं अपने कहने के मुताबिक मोदी और मुरली मनोहर जोशी 26 जनवरी को श्रीनगर के लाल चौक पर पहुंचे और तिरंगा फहरा दिया। उस वक्त आलम यह था कि आस पास कई राउंड गोलियां चलीं। लेकिन नरेंद्र मोदी के संचालन में बीजेपी लाल चौक पर तिरंगा फहराने में कामयाब रही।



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कश्मीरी पंडितो को लेकर राहुल ने मोदी से किए सवाल



इससे पहले राहुल गांधी ने कश्मीरी पंडितों की स्थिति को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल किए। उन्होंने कहा कि पीएम को पंडितों के हालात को लेकर जवाब देना चाहिए। राहुल गांधी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने कश्मीरी पंडितों का इस्तेमाल राजनीतिक फायदे के लिए किया है। उनके हालात सुधारने के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए हैं। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, "आज कश्मीरी पंडित भाजपा सरकार से पूछ रहे हैं - हमारा राजनीतिक इस्तेमाल करने के अलावा आपने हमारे लिए किया ही क्या है। क्या जवाब है प्रधानमंत्री जी।



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राहुल के साथ ये नेता रहे मौजूद



राहुल गांधी के साथ जयराम रमेश, मल्लिकार्जुन खड़गे, जयराम रमेश, उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती जैसे नेताओं के के शामिल होने की खबर है। पंथा चौक से अवामी नेशनल कांफ्रेंस के प्रेसिडेंट मुजफ्फर शाह भी यात्रा में शामिल हुए। राहुल रविवार को शाम को श्रीनगर के चेश्मा शाही रोड पर यात्रा का हाल्ट होगा और शाम 5:30 बजे राहुल प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे।



महबूबा मुफ्ती इल्तिजा के साथ हुईं शामिल



कांग्रेस की यात्रा में PDP चीफ महबूबा मुफ्ती अपनी बेटी इल्तिजा मुफ्ती के साथ शामिल हुईं। राहुल के साथ उनकी बहन प्रियंका गांधी भी नजर आईं। यात्रा के दौरान राहुल ने पुलवामा में 2019 में बम विस्फोट में शहीद हुए CRPF के 40 जवानों को श्रद्धांजलि दी।



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खड़गे ने शाह को चिट्ठी लिखी



राहुल की सुरक्षा में हुई इस चूक को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने 27 जनवरी को गृह मंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिखी। 2 दिन पहले शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर में राहुल गांधी के सुरक्षा घेरे में कई लोग घुस आए थे।  खड़गे ने गृह मंत्री से इस मामले में व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप करने की अपील की। साथ ही यात्रा में शामिल लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की भी मांग की थी। भारत जोड़ो यात्रा के दौरान सुरक्षा में हुई चूक के बारे में लिखा कि सुरक्षा अधिकारियों की सलाह के बाद शुक्रवार को यात्रा रोक दी गई थी। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने यात्रा के खत्म होने तक उसे सुरक्षा देने का भरोसा दिया है। मैं उनके इस बयान का स्वागत करता हूं। इस यात्रा में हर दिन कई लोग शामिल होते हैं। इसीलिए हम कह नहीं सकते कि पूरे दिन में यात्रा में कितने लोग शामिल होंगे। अगले 2 दिन यात्रा में बड़ी संख्या में लोगों के शामिल होने की उम्मीद है। श्रीनगर में यात्रा खत्म होने के दौरान कई दलों ने नेता भी मौजूद रहेंगे। ऐसे में अगर आप व्यक्तिगत रूप से इस मामले को देखें और अधिकारियों को सलाह दें तो मैं हमेशा आपका आभारी रहूंगा।'



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काजीगुंड में एंट्री के बाद हुई थी चूक



शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के काजीगुंड में एंट्री के सिर्फ एक किलोमीटर बाद ही राहुल गांधी की सुरक्षा में बड़ी चूक सामने आई थी। यहां राहुल के सुरक्षा घेरे में कई लोग घुस आए थे। इसके बाद पुलिस राहुल गांधी और उमर अब्दुल्ला को गाड़ी में बैठाकर अनंतनाग ले गई थी। अनंतनाग में राहुल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था- यात्रा के दौरान पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था ध्वस्त हो गई। टनल से निकलने के बाद पुलिसकर्मी नहीं दिखे। मेरे सुरक्षाकर्मियों ने कहा कि हम और नहीं चल सकते। मुझे अपनी यात्रा रोकनी पड़ी। बाकी लोग यात्रा कर रहे थे।



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राहुल की सुरक्षा में हुई चूक को लेकर नेताओं के बयान



राहुल गांधी ने सुरक्षा में हुई चूक को लेकर कहा था कि भीड़ को काबू करना प्रशासन की जिम्मेदारी है, ताकि हम यात्रा कर सकते। मेरी सुरक्षा में लगे लोगों की सलाह को दरकिनार करना मेरे लिए मुश्किल था। मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि राहुल गांधी की सुरक्षा में चूक परेशान करने वाली है। भारत पहले ही दो PM और कई नेताओं को खो चुका है। हम यात्रियों के लिए बेहतर सुरक्षा की मांग करते हैं। जम्मू-कश्मीर के अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह आरके गोयल ने कहा कि सरकार सुरक्षा के प्रति गंभीर है। भारत जोड़ो यात्रा के लिए सबसे अच्छी और संभव सुरक्षा की सभी व्यवस्थाएं की गई हैं। कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने राहुल गांधी की सुरक्षा में हुई चूक को लेकर नाराजगी जताई थी। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा पर निशाना साधा।



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30 जनवरी को श्रीनगर में खत्म होगी यात्रा



भारत जोड़ो यात्रा 7 सितंबर को कन्याकुमारी से शुरू हुई थी। इसने गुरुवार रात को पंजाब से जम्मू-कश्मीर में प्रवेश किया। 30 जनवरी को राहुल गांधी श्रीनगर के कांग्रेस मुख्यालय में राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगे। इसके साथ ही यात्रा खत्म हो जाएगी। इस दिन रैली में समान विचारधारा वाली पार्टियों के नेता और प्रतिनिधि इसमें शामिल होंगे।


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