CBSE (केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड) ने कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में बैठने के लिए छात्रों के लिए 75% उपस्थिति अनिवार्य कर दी है। एक आधिकारिक नोटिस जारी कर सीबीएसई ने सभी संबद्ध स्कूलों के प्रधानाचार्यों को इसकी जानकारी दी है। बोर्ड ने परीक्षा उपनियमों के नियम 13 और 14 के तहत सख्त निर्देश दिए हैं कि छात्रों की उपस्थिति सुनिश्चित की जाए।
नियमित उपस्थिति जरूरी
CBSE ने कहा कि स्कूल केवल एकेडमिक ज्ञान का केंद्र नहीं है, बल्कि छात्रों के समग्र विकास के लिए भी अहम भूमिका निभाता है। नोटिस में बताया गया है कि स्कूल में उपस्थिति के माध्यम से छात्रों को टीम वर्क और विविधता का सम्मान जैसे मूल्यों को आत्मसात करने में मदद मिलती है। इसलिए, छात्रों की नियमित उपस्थिति उनके ओवरऑल विकास को सुनिश्चित करती है।
मेडिकल केस में मिलेगी 25% की छूट
CBSE के नियमों के अनुसार, मेडिकल इमरजेंसी, राष्ट्रीय/अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों में भागीदारी, या अन्य गंभीर कारणों के लिए 25% की छूट दी जा सकती है, बशर्ते उचित दस्तावेज जमा किए जाएं।
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अटेंडेंस की कमी पर कड़ी कार्रवाई
बोर्ड ने स्कूलों को निर्देश दिया है कि वे छात्रों और अभिभावकों को उपस्थिति की कमी के संभावित परिणामों के बारे में सूचित करें।अगर निरीक्षण के दौरान छात्रों की अनुपस्थिति बिना उचित कारण पाई जाती है, तो उन्हें बोर्ड परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी। साथ ही, स्कूल द्वारा उपस्थिति की गणना शैक्षणिक सत्र की पहली जनवरी तक की जाएगी और बाद में इसमें कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।
5 नवंबर से शुरू होंगे प्रैक्टिकल एग्जाम
CBSE ने 10वीं और 12वीं की प्रैक्टिकल परीक्षाओं की तिथियों की घोषणा कर दी है, जो 5 नवंबर से 5 दिसंबर तक चलेंगी। बोर्ड की थ्योरी परीक्षाएं फरवरी 2025 से अप्रैल 2025 के बीच होने की संभावना है। सब्जेक्ट-वाइज डेटशीट उचित समय पर जारी की जाएगी।
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