इंदौर में रमेश मेंदोला मित्र मंडल के गणपति पंडाल में 9 दिन में पहुंचे 4 लाख लोग, प्रसाद बनाने में इस्तेमाल हुआ 40 लाख का घी

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The Sootr CG
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इंदौर में रमेश मेंदोला मित्र मंडल के गणपति पंडाल में 9 दिन में पहुंचे 4 लाख लोग, प्रसाद बनाने में इस्तेमाल हुआ 40 लाख का घी

योगेश राठौर,INDORE.गणेशोत्सव पर वैसे तो पूरे शहर में पांच हजार से ज्यादा पंडाल लगे हैं। लेकिन मिल क्षेत्र में इस समय आस्था की गंगा बह रही है। रमेश मेंदोला मित्र मंडल द्वारा गोल स्कूल नंदानगर में स्थापित किए गए गणेशजी के आयोजन में आठ दिन में ही साढे़ तीन लाख से ज्यादा भक्त दर्शन करने पहुंच चुके हैं। इतना ही नहीं यहां पर हर शाम होने वाली भोजन प्रसादी को भी ग्रहण किया है। अंतिम दो दिन तो रोज 50-50 हजार लोग दर्शन करने के लिए पहुंचे। बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और विधायक रमेश मेंदोला ने 40 साल पहले इसका आयोजन शुरू किया था। इस आयोजन की पूरी व्यवस्था विधायक मेंदोला और उनके साथ 1500 लोगों की संस्था प्रयास समिति द्वारा संभाली जाती है।



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जनभागीदारी से प्रदेश का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन



यह इंदौर के साथ ही संभवत मप्र का जनभागीदारी से होने वाला सबसे बड़ा आयोजन है। इस बात से ही लोगों की आस्था का अंदाजा लगा सकते हैं कि हर दिन यहां पर एक हजार किलो शुद्ध घी दान आता है। इस घी से हर दिन शाम को भोजन बनता है, जिसमें सब्जी-पूडी, लड्‌डू होते हैं यानि नौ दिन के उत्सव में 40 लाख का तो शुद्ध घी ही लग जाता है। पूरे आयोजन के दौरान एक करोड़ से ज्यादा की राशि जनभागीदारी से खर्च होती है। 



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गणेश जी का विसर्जन भी अलग रूप में



गणेश जी का विसर्जन भी क्रेन,मशीन से नहीं होता है। मिट्‌टी से बनी गणेश प्रतिमा क्रेन से उठाने पर खंडित नहीं हो इसके लिए विधायक मेंदोला ने व्यवस्था की है। इसका विसर्जन सब मिलकर हाथों से उठाकर ही करेंगे। चौहान ने बताया कि गणोशोत्सव समाप्ति के बाद प्रतिमा झांकी में जाती है। दो दिन लोगों के दर्शन के लिए रखते हैं,फिर प्रतिमा को नर्मदा नदी पर मोरटक्का स्थल ले जाते हैं। वहां 300-400 लोग हाथों से उठाकर इसे नदी में विसर्जित करते हैं। 



धर्म के साथ माता-पिता के ध्यान रखने की सीख



समिति के संयोजक प्रकाश मेंदोला और निहाल सिंह चौहान ने बताया कि इस आयोजन की बड़ी वजह थी मिल क्षेत्र की गरीबी। यहां लोग सालों पहले काफी परेशान थे,कोई संभालने वाला नहीं था। उस समय कैलाश, रमेश  द्वारा धार्मिक आयोजन शुरू किए गए,विकास काम कराए गए। लोग अपराध की तरफ नहीं जाएं। इसके लिए उन्हें धार्मिक आयोजन से जोड़ा गया। दोनों खुद भी माता-पिता की लगातार सेवा करते रहे हैं। यही सीख सभी युवाओं को मिली और घर-परिवार में भी यही संस्कार आगे बढ़े। 



यहीं नहीं रूकेंगे आयोजन,अब श्राद्ध पक्ष की होगी कथा



प्रकाश मेंदोला और चौहान बताते हैं कि धर्म कर्म लगातार चलते हैं। गरीब लोग श्राद्ध में पूजन नहीं करा पाते हैं,तो हमें गणोशोत्सव के बाद श्राद्ध पक्ष की कथा रोज करानी है। इसलिए कल से हम सभी समिति सदस्य इश काम में लग जाएंगे,पूजन होगा और जो श्राद्ध पक्ष के अन्य कर्म होते हैं,वह सब यहां किए जाएंगे।







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