BHOPAL. मध्यप्रदेश में राजस्व अधिकारी संघ का सामूहिक अवकाश जारी रहेगा। राजस्व अधिकारी संघ ने राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के साथ बैठक की थी जिसमें सुलह नहीं हो पाई। इसके बाद सामूहिक अवकाश को जारी रखने का फैसला लिया गया है। राजस्व अधिकारी संघ 3 दिन के सामूहिक अवकाश पर है।
संघर्ष जारी रखेगा राजस्व अधिकारी संघ
प्रदेश के राजस्व अधिकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल आज मुझसे मिला। मैंने उन्हें आश्वस्त किया है कि उनकी जायज मांगों के संबंध में जल्द निर्णय लिया जाएगा...
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— Govind Singh Rajput (@GovindSingh_R) March 20, 2023
राजस्व अधिकारी संघ के प्रतिनिधि मंडल ने राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और पीएस रेवेन्यू से मुलाकात करके पुरजोर तरीके से अपनी बात रखी थी। राजस्व अधिकारी संघ का कहना है कि शासन की ओर से हमारी 3 सूत्रीय मांग के निराकरण के लिए आश्वासन देकर हमें सामूहिक अवकाश से लौटने के लिए कहा गया है। बिना कोई ठोस कदम उठाए हमें काम पर लौटने के लिए कहा जा रहा है। कार्यकारिणी ने एकमत होकर इसे अमान्य करते हुए सामूहिक अवकाश को जारी रखने का फैसला लिया है। सभी साथी 3 दिन के सामूहिक अवकाश को जारी रखते हुए शासकीय कार्यों से दूर रहकर संघर्ष जारी रखेंगे।
सामूहिक अवकाश पर क्यों राजस्व अधिकारी
प्रदेश में तहसीलदारों को कार्यवाहक डिप्टी कलेक्टर और नायब तहसीलदारों को तहसीलदार बनाने का मुद्दा फरवरी से ही गरमाया हुआ है। वे चाहते हैं कि कार्यवाहक डिप्टी कलेक्टर और तहसीलदार को लेकर आदेश जीएडी यानी सामान्य प्रशासन विभाग से ही निकाले जाएं, ताकि जिलों में उन्हें पदोन्नति उसी तहसील पर मिले, जो दी गई है। इससे प्रभार के संबंध में दुविधा या दुरुपयोग नहीं होगा और अफसरों के सम्मान को ठेस भी नहीं पहुंचेगी। हालांकि, अब तक लिस्ट जारी नहीं हुई है, इसलिए राजस्व अधिकारी सामूहिक अवकाश पर चले गए हैं।
पीएससी से भर्ती हुए, प्रमोशन का कर रहे इंतजार
मध्यप्रदेश राजस्व अधिकारी संघ की मानें तो वर्ष 1999 से 2008 के बीच एमपी पीएससी के जरिए नायब तहसीलदारों की भर्ती की गई थी, लेकिन उन्हें प्रमोशन नहीं मिला। यदि नियम के अनुसार प्रमोशन होता तो दो बार पदोन्नति हो जाती। अब तक वे जॉइंट कलेक्टर बन चुके होते, लेकिन पदोन्नति रुकने के कारण डिप्टी कलेक्टर भी नहीं बन सके। वर्तमान में 220 तहसीलदार हैं, जो पदोन्नति का रास्ता देख रहे हैं। इनमें से कई ऐसे भी हैं, जिन पर विभागीय जांच लंबित है। हालांकि, नियमित पदोन्नति और जीएडी से आदेश जारी होने की मांग के चलते एक बार फिर से ये मामला सुर्खियों में है।
राजस्व अधिकारी संघ की मांगें
प्रमोशन, नायब तहसीलदारों को राजपत्रित घोषित करने और राजस्व अधिकारियों की ग्रेड-पे एवं वेतन विसंगतियों को दूर करने की मांगें हैं। मध्यप्रदेश राजस्व अधिकारी संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि लंबे समय से मांग कर रहे हैं। इसके बावजूद अब तक ये पूरी नहीं की गई हैं। पिछले सप्ताह गुरुवार (16 मार्च) और शुक्रवार (17 मार्च) को उन्होंने काली पट्टी बांधकर काम किया, जबकि शनिवार-रविवार को सरकारी छुट्टी होने से काम नहीं किया। अब राजस्व अधिकारी 3 दिन के अवकाश पर चले गए हैं।
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इन कामों पर असर
तहसीलदार और नायब तहसीलदारों के अवकाश पर चले जाने के कारण बंटाकन और सीमांकन जैसे अनेक काम नहीं हो सकेंगे। इससे पेंडिंग केस की संख्या बढ़ेगी। लाड़ली बहना योजना की मॉनिटरिंग में भी दिक्कतें आएंगी। वर्तमान व्यवस्था में अधिकतर जरूरी कार्य तहसीलदार और नायब तहसीलदार स्तर से ही आगे बढ़ते हैं। यानी ये अफसर व्यवस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं। ऐसे में अधिकांश सरकारी काम प्रभावित होंगे और आमजन को परेशानी होगी।