BASTAR. बस्तर में ऐतिहासिक गोंचा पर्व की तैयारी शुरू हो चुकी है। इसके लिए 25 फीट ऊंची लकड़ी का रथ निर्माणकार्य भी शुरू हो चुका है। चार पहिए के रथ को 100 से ज्यादा ग्रामीण 10 दिनों में तैयार करते हैं। जगन्नाथ पुरी के तर्ज पर मनाए जाने वाला ये फेस्टिवल 20 से 29 जून तक सेलिब्रेट किया जाएगा। खबरें है कि इस फेस्टिवल में सीएम भूपेश बघेल भी शामिल हो सकते है।
10 दिन में 25 फीट ऊंचा लकड़ी का रथ बनकर होगा तैयार
बस्तर में गोंचा महापर्व की तैयारियां जोरों पर है। इस महापर्व के लिए विदेशों से भी बड़ी संख्या में पर्यटक बस्तर पहुंचते हैं। वहीं इस पर्व का सबसे आकर्षक और महत्वपूर्ण रस्म रथ यात्रा के लिए रथ बनाने की प्रक्रिया बस्तर के आदिवासी ग्रामीणों ने शुरू कर दी है। करीब 10 दिन में 25 फीट ऊंचा लकड़ी का रथ बनकर तैयार हो जाएगा। इस रथ में भगवान जगन्नाथ, माता सुभद्रा और बलभद्र की लकड़ी से बनी प्रतिमा को विराजित कर शहर भ्रमण करवाया जाएगा, जिसे रथयात्रा कहा जाता है। बताया जा रहा है कि इस साल गोंचा पर्व में प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी शामिल हो सकते हैं।
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सदियों से चली आ रही परंपरा
बस्तर में लगभग 614 सालों से गोंचा महापर्व मनाया जा रहा है। सदियों से चली आ रही इस परंपरा को आज भी बस्तरवासी बड़े धूमधाम से सेलिब्रेट करते हैं। बस्तर गोंचा पर्व के नए रथ का निर्माण बड़े उमरगांव के आदिवासी कारीगर करते है। इस रथ को करीब 15 दिनों में कारीगरों द्वारा पूरी तरह से तैयार कर लिया जाता है और उसके बाद इसकी साज-सज्जा की जाती है। बस्तर में रियासत काल से ही रथ यात्रा का बड़ा महत्व है। बस्तर के तत्कालीन महाराजा को रथपति की उपाधि जगन्नाथ पुरी के महाराजा ने दी थी, इसलिए बस्तर में गोंचा पर्व के दौरान धूमधाम से रथ यात्रा निकाली जाती है।