BHOPAL. मध्यप्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अरुण यादव ने मोहन सरकार पर सवाल खड़े किए हैं। कांग्रेसी नेता ने X पर पोस्ट करते हुए लिखा कि सरकार का शराब कंपनी सोम डिस्टलरी ( Som Distillery ) से क्या रिश्ता है, जो MPSIDC के करीब 575 करोड़ रुपए और जीएसटी के लगभग 8 करोड़ रुपए की वसूली नहीं कर रही है?
ये रिश्ता क्या कहलाता है ?
यह रिश्ता क्या कहलाता है ?
— Arun Subhash Yadav (@MPArunYadav) May 26, 2024
अन्नदाताओं एवं आमजन की हज़ारों रुपये में कुर्की करने वाली सरकार का शराब कंपनी सोम डिस्टलरीज से क्या रिश्ता है, जो सरकार (MPSIDC) के करीब 575 करोड रुपये और जीएसटी के लगभग 8 करोड़ रुपये की वसूली नहीं कर रही है ?
विगत दिनों सोम डिस्टलरीज के पार्टनर…
अरुण यादव ने X पर पोस्ट किया कि अन्नदाताओं और आमजन की हजारों रुपए में कुर्की करने वाली सरकार का शराब कंपनी सोम डिस्टलरीज से क्या रिश्ता है, जो सरकार (MPSIDC) के करीब 575 करोड़ रुपए और जीएसटी के लगभग 8 करोड़ रुपए की वसूली नहीं कर रही है? पिछले दिनों सोम डिस्टलरीज के पार्टनर राधेश्याम सेन ने आत्महत्या कर गंभीर आरोप लगाए मगर कोई कार्यवाही क्यों नहीं हुई। क्या अधिकारी-नेताओं की शराब कंपनी से कोई सांठगांठ है ?
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संचालकों पर पार्टनर ने लगाए थे आरोप
10 मई को सोम डिस्टलरीज के संचालकों जगदीश अरोरा, अजय अरोरा और अनिल अरोरा पर उनकी ही कंपनी के कर्मचारी और पार्टनर राधेश्याम सेन ने आरोप लगाकर अपनी कार में आत्महत्या कर ली थी। आत्महत्या के पहले राधेश्याम सेन ने एक वीडियो बनाकर अपनी पत्नी को भेजा था, जिसमें सेन ने बताया कि सोम डिस्टलरीज के संचालक जगदीश अरोरा, अनिल अरोरा और अजय अरोरा ने साल 2003 में एक सेल कम्पनी में उन्हें पार्टनर बनाया था। पार्टनरशिप के पैसे भी राधेश्याम सेन को नहीं दिए गए। जब करोड़ों के जीएसटी की वसूली की बारी आई तो जगदीश अरोरा ने राधेश्याम सेन को महज 15 लाख रुपये देकर चुप करा दिया। इसके चलते 10 मई को राधेश्याम सेन ने वीडियो बनाने के बाद आत्महत्या कर ली।