मध्यप्रदेश में माध्यमिक शिक्षा मंडल यानी माशिमं ने 10वीं और 12वीं बोर्ड की परीक्षाओं के रिजल्ट में सुधार के लिए नई रणनीति लागू करने का फैसला किया है। इस पहल के तहत पिछले वर्षों के टॉपर की उत्तर पुस्तिकाएं अब अन्य विद्यार्थियों के लिए रोल मॉडल के रूप में प्रस्तुत की जाएंगी।
यह निर्णय इस साल 10वीं बोर्ड परीक्षा के परिणामों में आई गिरावट को देखते हुए लिया गया है, जिसके तहत माशिमं ने 'बेस्ट ऑफ फाइव' योजना को भी बंद कर दिया है। आपको बता दें कि 12वीं बोर्ड की परीक्षाएं 25 फरवरी और 10वीं बोर्ड की परीक्षाएं 27 फरवरी से शुरू होंगी।
माशिमं की वेबसाइट पर उपलब्ध टॉपर्स की कॉपियों को डाउनलोड किया जा सकेगा। स्कूल शिक्षा विभाग का मानना है कि ये कॉपियां विद्यार्थियों को उत्तर लिखने के सही तरीके सिखाने में मददगार होंगी। डीईओ एनके अहिरवार ने बताया कि टॉपर्स की उत्तरपुस्तिकाओं के आधार पर जरूरी तैयारी की जा रही है, ताकि विद्यार्थियों को बेहतर मार्गदर्शन मिल सके।
गिरते रिजल्ट के लिए निकाला समाधान
इस साल 10वीं बोर्ड के परीक्षा परिणामों में गिरावट के बाद माशिमं ने यह रणनीति अपनाई है। इससे पहले, बोर्ड ने परिणाम सुधारने के लिए कई अन्य उपाय किए थे, लेकिन इन प्रयासों का प्रभाव सीमित रहा। अब नई पहल के जरिए विद्यार्थियों को ठोस दिशा देने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि वे अपनी परीक्षाओं में बेहतर प्रदर्शन कर सकें।
शिक्षकों की कमी बड़ी समस्या
शिक्षा विभाग को यह भी ध्यान में रखना होगा कि प्रदेश के स्कूलों में लगभग 70 हजार शिक्षकों की कमी है। इसके चलते पढ़ाई पर असर पड़ रहा है। नए तरीकों के माध्यम से शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करने की जरूरत है, ताकि बच्चे बेहतर तरीके से पढ़ाई कर सकें और अपने परिणामों में सुधार कर सकें।
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