52 आईएएस के पास कई विभागों का भार, 228 अफसर एक ही विभाग संभाल रहे, यह कैसा संतुलन?

राजस्थान में आईएएस अधिकारियों के बीच विभागों का वितरण सही नहीं होने से संतुलन बिगड़ा हुआ है। हालात यह हैं कि 52 आईएएस अफसर अतिरिक्त विभागों के बोझ से लदे हुए हैं।

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Mukesh Sharma
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Photograph: (the sootr)

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Jaipur. राजस्थान में टॉप नौकरशाही अफसरों की कमी से जूझ रही है। इसमें भी आईएएस अधिकारियों के बीच विभागों का वितरण सही नहीं होने से संतुलन बिगड़ा हुआ है। हालात यह हैं कि 52 आईएएस अफसर अतिरिक्त विभागों के बोझ से लदे हुए हैं यानी इनके पास मूल विभागों के साथ ही तीन से पांच विभागों की अतिरिक्त जिम्मेदारी भी है। 

इसके ठीक उलट 228 आईएएस अधिकारियों के पास कोई अतिरिक्त भार नहीं है। इनमें से कई अफसरों के पास तो ऐसे विभाग हैं, जिनमें करने को बहुत कुछ नहीं है यानी उन्हें ठंड में लगा रखा है। 

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पदोन्नत 16 अफसरों को भी नई नियुक्ति नहीं

राजस्थान में अभी 280 आईएएस अधिकारी हैं। यहां 313 आईएएस अधिकारियों की संख्या स्वीकृत है। इनमें से 23 अधिकारी केंद्रीय डेपुटेशन पर गए हुए हैं। आरएएस व अन्य सेवा से आईएएस बने 16 अफसर लंबे समय से पदस्थापन के इंतजार में हैं।

दूसरी ओर, अतिरिक्त जिम्मेदारी देने की स्थिति यह है कि खुद मुख्य सचिव सुधांश पंत के पास तीन विभागों का प्रभार है। देखा जाए तो मुख्य सचिव पूरे प्रशासनिक अमले का मुखिया होता है। ऐसे में उनके पास विभागों की अतिरिक्त जिम्मेदारी होने पर सवाल भी उठ रहे हैं।

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फाइलों का सही समय पर निपटारा नहीं

आईएएस अधिकारियों के बीच विभागों का सही बंटवारा नहीं होने से जनता से जुड़े मामलों पर समय पर निर्णय नहीं हो पा रहा है। अधिकारी अपने मूल विभाग में व्यस्त हाने से अन्य विभागों पर पूरा समय नहीं दे पाते हैं। अतिरिक्त जिम्मेदारी वाले विभागों में फाइल का सही समय पर निपटारा नहीं हो पाता है। हस्ताक्षर होने के लिए फाइल टॉप अधिकारी के पास कई दिनों तक पड़ी होती है। इससे निर्णयों में देरी हो जाती है।  

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अतिरिक्त चार्ज देने में भी सियासी समीकरण  

नौकरशाही में विभागों के बंटवारे में प्रदेश के सियासी समीकरण अहम भूमिका निभाते हैं। सत्ता बदलते ही अफसरों की जिम्मेदारी में बड़ा बदलाव दिखता है। कई अफसर सत्ता बदलते ही केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर चले जाते हैं। जो रह जाते हैं, वे ठंडी पोस्टिंग पर भेज दिए जाते हैं। 

अफसरों को अतिरिक्त चार्ज देने में भी सियासी समीकरण अहम होते हैं। इसी के तहत कई विश्वस्त अफसरों के पास तीन से चार अतिरिक्त विभागों का भार होता है, जबकि अधिकांश अफसर एक ही विभाग के भरोसे रहते हैं। इनमें से भी अनेक ऐसे विभाग हैं, जहां आईएएस अफसरों के पास करने को ज्यादा कुछ काम नहीं है।   

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सुविधाओं का खेल भी बड़ा कारण

अतिरिक्त चार्ज के पीछे कई प्रकार की सुविधाएं भी बड़ा कारण हैं। कई ​​विभागों से मिलने वाले भत्ता भी प्रमुख कारणों में एक होता है। कई बार भत्ते का भुगतान वेतन के बराबर तक होता है। हालांकि आरएएस व अन्य सेवाओं से आईएएस बनने वालों को कई बार प्रशासनिक कारणों से नया पदस्थापन देने में देरी हो जाती है। पदोन्नत अधिकारी आम जनता से जुड़े पदों पर काम कर रहे होते हैं। इन्हें नई नियुक्तियां नहीं दी जाती हैं।  

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इन अफसरों को नियुक्ति का इंतजार

जून, 2025 में आरएएस से आईएएस में पदोन्नत हुए नवनीत कुमार, सुखवीर सैनी, हरफूल सिंह यादव, राजेश वर्मा, सुरेश चंद्र, महेंद्र कुमार खींची, अजीत सिंह राजावत, अवधेश सिंह, राकेश शर्मा, जगवीर सिंह, ब्रजेश कुमार चंदौलिया, डॉ. हरसहाय मीणा, जुगल किशोर मीणा, राकेश राजोरिया, ललित कुमार और डॉ. शिव प्रसाद सिंह अब तक पुरानी पोस्टिंग पर ही काम कर रहे हैं।

यह ​अफसर चार महीने से नई नियुक्तियों का इंतजार कर रहे हैं। हाल ही में अन्य सेवाओं से आईएएस बने चार अफसरों को भी नियुक्ति नहीं मिली है।

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कुछ ऐसे नाम, जिनके पास अतिरिक्त भार

सुधांश पंत, मुख्य सचिव 
- अतिरिक्त चार्ज : चेयरमैन, राजस्थान ​माइंस एंड मिनरल्स लिमिटेड 2023 से 
- चीफ रेजीडेंट कमिश्नर, नई दिल्ली में 2024 से  
- प्रशासक, राजफेड, 2024 से 

शुभ्रा सिंह, चेयरमैन, राजस्थान रोडवेज 
- अतिरिक्त चार्ज : चेयरमैन, राजस्थान स्टेट बस टर्मिनल डवलपमेंट अथॉरिटी, 2024 से 

अभय कुमार, एसीएस, जल संसाधन 
- अतिरिक्त चार्ज : राजस्थान रिवर बेसिन व वाटर रिसोर्सेज प्लानिंग अथॉरिटी, 2024 से
- एसीएस, एग्रीकल्चर कमांड एरिया डवलपमेंट, वॉटर यूटिलिटी डिपार्टमेंट, 2024 से 
- चेयरमैन, इंदिरा गांधी नहर बोर्ड, 2025 से 
- एसीएस, इंदिरा गांधी नहर विभाग, 2024 से 

अपर्णा अरोड़ा, एसीएस, सामाजिक न्याय व अधिकारिता, पंचायती राज 
- अतिरिक्त चार्ज : एसीएस, बाल अधिकारिता विभाग 

शिखर अग्रवाल, एसीएस, मुख्यमंत्री 
- अतिरिक्त चार्ज : चेयरमैन, रीको 

संदीप वर्मा, एसीएस, स्किल,रोजगार व उद्यमिता विकास 
- अ​तिरिक्त चार्ज : चेयरमैन, राजस्थान स्किल व लाइवलीहुड डवलपमेंट कॉरपोरेशन 

कुलदीप रांका, एसीएस, ग्रामीण विकास व तकनीकी शिक्षा 
- अतिरिक्त चार्ज : चेयरमैन, राजस्थान स्टेट कमीशन फॉर प्रोटेक्शन चाइल्ड राइट्स 

श्रेया गुहा, एसीएस, ग्रामीण विकास 
- अतिरिक्त चार्ज : महानिदेशक, इंदिरा गांधी पंचायती राज संस्थान 
- महानिदेशक, एचसीएम रीपा 

भास्कर ए. सावंत, एसीएस, होम गार्ड, जेल व एसीबी, चीफ विजिलेंस आयुक्त, एसीएस डिजास्टर मैनेजमेंट, रिलीफ व सिविल डिफेंस 
- अतिरिक्त चार्ज : एसीएस, न्याय विभाग 
- एसीएस, सैनिक कल्याण 

अजिताभ शर्मा, एनर्जी सचिव 
- अतिरिक्त चार्ज : चेयरमैन, राजस्थान विद्युत प्रसारण निगम लि.

आलोक गुप्ता, प्रमुख सचिव, एमएसएमई, स्टेट एंटरप्राइजेज व दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, निवेश व अप्रवासी, बीआईपी राजस्थान 
- अतिरिक्त चार्ज : चेयरमैन व एमडी, राजसीको, जयपुर

राजेश कुमार यादव, प्रमुख सचिव, पर्यटन, आर्ट, साहित्य, कल्चर व पुरातत्व विभाग और महानिदेशक, जवाहर कला केंद्र 
- अतिरिक्त चार्ज : चेयरमैन, जयपुर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस 
- सीईओ, आमेर डवलपमेंट व मैनेजमेंट अथॉरिटी 
- चेयरमैन, राजस्थान ट्यूरिज्म डवलपमेंट कॉरपोरेशन 

हेमंत कुमार गेरा, चेयरमैन, रेवेन्यू बोर्ड, अजमेर 
- अतिरिक्त चार्ज : चेयरमैन, रूडा 
- चेयरमैन, राजस्थान टैक्स बोर्ड, अजमेर 

वैभव गालरिया, प्रमुख सचिव, वित्त, आबकारी व टैक्सेशन 
- अतिरिक्त चार्ज : चेयरमैन व एमडी, जयपुर मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लि.
- एमडी, राजस्थान मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लि.

भवानी सिंह देथा, प्रमुख सचिव, फूड व सिविल सप्लाई और उपभोक्ता मामले विभाग 
- अतिरिक्त चार्ज : प्लानिंग व सांख्यिकी विभाग 

डॉ. देबाशीष पुष्टि, प्रमुख सचिव, यूडीएच 
- अतिरिक्त चार्ज : चेयरमैन, राजस्थान हाउसिंग बोर्ड, जयपुर

नवीन जैन, सचिव, वित्त व्यय 
- अतिरिक्त चार्ज : सचिव बजट 
- सीईओ, पब्लिक फाइनेंशियल मैनेजमेंट ट्रेनिंग सोसाइटी 

कृष्ण कुणाल, सचिव, स्कूली शिक्षा विभाग व भाषा व लाइब्रेरी विभाग तथा पंचायती राज प्रारंभिक शिक्षा विभाग
- अतिरिक्त चार्ज : सचिव, संस्कृत शिक्षा 

डॉ. समित शर्मा, सचिव, पशुपालन व गोपालन 
- अतिरिक्त चार्ज : सचिव, देवस्थान विभाग 

डॉ. रविकुमार सुरपुर, चेयरमैन, राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड 
- अतिरिक्त चार्ज : आयुक्त, आईटी व चेयरमैन तथा एमडी राजकाम्प इंफो सर्विस लि.
- सचिव, आईटी विभाग 

डॉ. जोगाराम, सचिव, जीएडी, कैबिनेट, संपदा, स्टेट मोटर गैराज व सिविल एविएशन, प्रोटोकॉल व महानिदेशक सिविल एविएशन
- अतिरिक्त चार्ज : सचिव व आयुक्त पंचायती राज 
- रेजीडेंट कमिश्नर, नई दिल्ली 
- सचिव, प्रशासनिक सुधार व कॉर्डिनेशन, प्रिटिंग व स्टेशनरी

रोहित गुप्ता, आयुक्त, इंडस्ट्री, कॉमर्स व सीएसआर 
- अतिरिक्त चार्ज : चेयरमैन व एमडी राजस्थान रिन्यूएबल एनर्जी कॉरपोरेशन 

वी. श्रवण कुमार, सचिव व आयुक्त, साइंस-टेक्नोलॉजी विभाग 
- अतिरिक्त चार्ज : सचिव, शांति व अहिंसा विभाग 

शुचि त्यागी, सचिव, ट्रांसपोर्ट विभाग 
- अतिरिक्त चार्ज : परिवहन आयुक्त 
- सचिव राजस्थान स्टेट बस ​टर्मिनल डवलपमेंट 
- कार्मिक सचिव 

राजन विशाल, सचिव, कृषि व हॉर्टीकल्चर व पंचायती राज 
- अतिरिक्त चार्ज : चेयरमैन, राजस्थान स्टेट सीड्स कॉरपोरेशन 

कुमारपाल गौतम, सचिव, वित्त एवं रेवेन्यू  
- अतिरिक्त चार्ज : आयुक्त, वाणिज्य कर विभाग 

विश्वमोहन शर्मा, आयुक्त मिड-डे मील 
- अतिरिक्त चार्ज : विशिष्ट सचिव, शिक्षा विभाग 
- विशिष्ट सचिव, स्कूली शिक्षा व पंचायती राज प्रारंभिक शिक्षा 

कन्हैयाल स्वामी, आयुक्त टीएडी, उदयपुर
- अतिरिक्त चार्ज : आयुक्त, देवस्थान उदयपुर 

अतिरिक्त चार्ज अपवाद के रूप में हो

पूर्व मुख्य सचिव इंद्रजीत खन्ना कहते हैं कि अतिरिक्त चार्ज अपवाद स्वरूप ही होने चाहिए। वो भी कुछ समय के लिए, ना कि लंबे समय के लिए। मुख्य सचिव के पास तो किसी भी विभाग का चार्ज होना ही नहीं चाहिए, क्योंकि वो तो पहले ही बहुत ज्यादा व्यस्त रहते हैं।  

मुख्य सचिव को किसी भी डिपार्टमेंट का चार्ज इसलिए नहीं लेना चाहिए, क्योंकि इससे इंट्रेस्ट ऑफ कनफ्लिक्ट होता है। सीएस किसी डिपार्टमेंट के मुखिया के तौर पर कोई निर्णय करे, लेकिन मुख्य सचिव के तौर पर उन्हें उस फैसले को रद्द करना पड़े तो यह सीएस के लिए गरिमापूर्ण नहीं है।

FAQ

1. राजस्थान में आईएएस अधिकारियों के बीच विभागों का संतुलन क्यों बिगड़ा है?
राजस्थान में आईएएस अधिकारियों के बीच विभागों का संतुलन सही तरीके से नहीं हुआ है, जिससे कुछ अधिकारियों पर अतिरिक्त भार पड़ा है, जबकि अन्य विभागों में अधिकारी काम नहीं कर रहे हैं।
2. क्या मुख्य सचिव के पास विभागों का अतिरिक्त भार होना उचित है?
मुख्य सचिव के पास अतिरिक्त विभागों का भार होना उचित नहीं माना जाता है, क्योंकि वह पहले से ही बहुत व्यस्त होते हैं और इससे उनका कार्यभार बढ़ता है।
3. क्या राजनीतिक समीकरण विभागों के वितरण को प्रभावित करते हैं?
हां, विभागों के वितरण में राजनीतिक समीकरण का प्रभाव देखा जाता है। सत्ता बदलने पर अधिकारियों को नए विभाग सौंपे जाते हैं और कई बार उन्हें केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर भेजा जाता है।

राजस्थान आईएएस केंद्रीय डेपुटेशन मुख्य सचिव सुधांश पंत मुख्य सचिव केंद्रीय प्रतिनियुक्ति
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