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गहलोत सरकार गिराने की साजिश का मामला : केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत फिर निशाने पर
कोरोना महामारी के दौरान, 2020 में राजस्थान की कांग्रेस सरकार को गिराने की साजिश का मामला तूल पकड़े हुए है। राजस्थान हाईकोर्ट ने विधायकों की खरीद-फरोख्त के मामले को बंद कर दिया था, लेकिन राज्य की राजनीति में हलचल अभी भी जारी है। इस मुद्दे पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
उन्होंने कहा कि गजेंद्र सिंह शेखावत अब एसीबी द्वारा एक मामले में एफआर (फाइनल रिपोर्ट) लगाने के बाद बड़ी-बड़ी बातें कर रहे हैं। गहलोत ने शेखावत से सवाल पूछा कि यदि वे इतने ईमानदार हैं तो विधायकों से खरीद-फरोख्त की बात करने वाले ऑडियो की जांच के लिए उन्होंने आज तक वॉयस सैंपल क्यों नहीं दिया? खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...
डिप्टी मैनेजर वॉट्सऐप लिंक से फंसा, जयपुर में 81 लाख की साइबर ठगी
राजस्थान की राजधानी जयपुर में साइबर ठगों ने एक डिप्टी मैनेजर से 81 लाख 75 हजार रुपए की धोखाधड़ी की है। पीड़ित सांगानेर के बालाजी विहार वाटिका रोड पर रहता है और जीनस कंपनी में डिप्टी मैनेजर के पद पर कार्यरत था।
एक दिन उसके वॉट्सऐप पर एक मैसेज आया, जिसमें उसे एक लिंक के जरिए एक ऑनलाइन ट्रेडिंग एप के ग्रुप से जोड़ा गया। इस लिंक पर क्लिक करते ही उसने एप डाउनलोड किया, जहां ठगों ने उसे पैसा डबल होने की गारंटी देकर उसे निवेश करने के लिए प्रेरित किया। पीड़ित ने बताया कि कुछ समय बाद ठगों ने उसे ज्यादा पैसा कमाने के लिए नई-नई तरकीबें बताई और उसे लालच दिया कि उसका पैसा डबल हो जाएगा। आरोपियों ने यह विश्वास दिलाने के लिए ट्रेडिंग एप के अंदर कुछ लोगों से बातचीत करवाई, जिनके मुताबिक वे पहले ही अच्छा पैसा कमा चुके थे। इस विश्वास के चलते पीड़ित ने ठगों को अपना पैसा दे दिया। कुछ समय बाद जब उसे यह एहसास हुआ कि वह ठगी का शिकार हो गया है, तो उसने पैसे की वापसी की मांग की, लेकिन तब तक ठगों ने उसका फोन बंद कर दिया और उसे ग्रुप से हटा दिया। खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...
सरकार की सुस्त चाल, राजस्थान के युवाओं को बेरोजगारी भत्ते का इंतजार
राजस्थान सरकार की बेरोजगारी भत्ता योजना की कार्यवाही पूरी तरह से सुस्त पड़ी हुई है। मुख्यमंत्री युवा संबल योजना के तहत, राज्य के लगभग 1.9 लाख युवाओं को फरवरी 2025 से बेरोजगारी भत्ता नहीं मिल पाया है। युवा बेरोजगारी से जूझ रहे हैं, लेकिन उनके हाथ में कुछ नहीं है, न तो रोजगार मिल रहा है और न ही उन्हें भत्ता मिल पा रहा है। राजस्थान में बेरोजगारी भत्ता योजना के अनुसार, बेरोजगारी भत्ते के रूप में युवाओं को ₹4,000 प्रति माह दिए जाने का प्रावधान है। हालांकि, राज्य के कई जिलों के युवाओं को 2024 से भत्ता नहीं मिला है। इस योजना के तहत अलवर, बांसवाड़ा, बाड़मेर, भीलवाड़ा, चुरू, धौलपुर, हनुमानगढ़, जयपुर (एमईई), करौली, नागौर, पाली, प्रतापगढ़, राजसमंद, सीकर और उदयपुर जिलों के लाभार्थियों को पिछले साल से भत्ता नहीं मिला। खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...
बेखौफ बदमाशों ने जयपुर सेंट्रल जेल में शूट की रील, शहर में आग लगाने की धमकी
राजस्थान की राजधानी जयपुर की सेंट्रल जेल से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसमें हत्या के आरोपियों ने सोशल मीडिया पर धमकी भरी रीलें पोस्ट की हैं। ऐसी रील इंस्टाग्राम पर तेजी से वायरल हो गई, और इसके बाद जेल प्रशासन हरकत में आया। वीडियो में एक बंदी ने अपने साथियों के साथ मिलकर धमकी दी कि वे कोटपुतली शहर में आग लगा देंगे। यह घटना, जो सुरक्षा व्यवस्था को चुनौती देती है, सवाल उठाती है कि जेल के अंदर मोबाइल फोन कैसे पहुंचे और सुरक्षा इंतजामों में इतनी बड़ी चूक क्यों हुई? जयपुर सेंट्रल जेल के अंदर से बनाई गई इन वीडियो रीलों में बंदियों ने न केवल धमकी दी, बल्कि यह भी कहा कि यदि उनकी बात नहीं मानी जाती तो वे पूरे कोटपुतली शहर में आग लगा देंगे। इन वीडियो की सूचना मिलने के बाद, जेल प्रशासन ने जांच शुरू की और पाया कि ये वीडियो जेल के अंदर ही शूट की गई थीं। जांच के बाद आठ बंदियों पर मामला दर्ज किया गया और उनकी पूछताछ की गई। खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...
भरतपुर के मोतीमहल में घुसे बदमाश! ध्वज फाड़ने की कोशिश, ध्वजस्तंभ किया क्षतिग्रस्त
राजस्थान के भरतपुर जिले में स्थित मोतीमहल (Moti Mahal) पर ध्वज को लेकर मचा विवाद लगातार बढ़ता ही जा रहा है। पूर्व राजपरिवार के सदस्य और पूर्व मंत्री विश्वेन्द्र सिंह के बेटे अनिरुद्ध सिंह ने आरोप लगाया है कि रात के समय कुछ असामाजिक तत्वों ने मोती महल की छत पर घुसपैठ की और जानबूझकर ध्वज को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की। उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व राजपरिवार की विरासत पर हमला किया गया। इस घटना ने भरतपुर और डीग जिले के स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा व्यवस्था पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। इस आक्रमण के कारण, मोतीमहल भरतपुर और राजपरिवार की मान्यताओं और सम्मान पर सीधा असर पड़ा है। आइए TheSootr में जानते हैं इस पूरी घटना के बारे में और अनिरुद्ध सिंह द्वारा किए गए आरोपों को विस्तार से। खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...
राजस्थान की सबसे बड़ी भर्ती परीक्षा 19 से, आज से कर सकेंगे फ्री सफर, पेपर डिस्कशन पर रहेगी रोक
राजस्थान की अब तक की सबसे बड़ी भर्ती परीक्षा चतुर्थ श्रेणी भर्ती परीक्षा (Fourth Grade Recruitment Exam) के लिए काउंटडाउन शुरू हो गया है। इस बार परीक्षा में कई नए सुरक्षा और निगरानी उपाय किए गए हैं। राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड (RSMSSB) ने पहली बार राजस्थान चतुर्थ श्रेणी भर्ती परीक्षा 2025 (Rajasthan 4th Grade Exam) के दौरान कुछ कड़े नियमों को लागू किया है। इन नियमों का मुख्य उद्देश्य परीक्षा के दौरान किसी भी तरह के धोखाधड़ी या व्यवधान को रोकना है। TheSootr में जानें ये सभी नियम। खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...
पांच हजार निवेशकों के 300 करोड़ रुपए लेकर फाइनेंस कंपनी फरार, राजस्थान के छोटे से गांव में था मुख्यालय
राजस्थान के खैरथल-तिजारा जिले में फाइनेंस का काम कर रही नवअंश इंडिया निधि लिमिटेड पांच हजार निवेशकों के करीब 300 करोड़ रुपए लेकर फरार हो गई। यह कंपनी मजदूर, छोटे दुकानदार और महिलाओं को धन दोगुना करने का झांसा देकर उनकी बचत राशि जमा करती थी। तीन दिन से कंपनी के दफ्तर पर ताला जड़ा हुआ है। बताया जाता है कि यह फाइनेंस कंपनी करीब 12 साल पहले नरेश चौधरी नामक युवक ने मातोर गांव में आकर खोली थी। कंपनी का मुख्यालय भी इसी छोटे से गांव में था। कंपनी ने यहां के गरीब परिवारों को पैसे दोगुने करने का सपना दिखा कर उन्हें निवेश के लिए प्रोत्साहित किया। कंपनी संचालक नरेश चौधरी इस गांव के दाताराम का भांजा था तो लोगों ने उस पर भरोसा कर लिया। चौंकाने वाली बात यह रही कि इतने साल में इस कंपनी पर पुलिस और प्रशासन को कभी संदेह नहीं हुआ। खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...
राजस्थान पुलिस ने पकड़े फर्जी तरीके से सरकारी नौकरी पाने वाले, जानें कैसे होगी वसूली
राजस्थान पुलिस की स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (Special Operation Group, SOG) और एटीएस (ATS) ने हाल ही में सरकारी भर्ती परीक्षाओं में फर्जीवाड़ा करने वाले 10 सरकारी कर्मचारियों को गिरफ्तार कर एक बड़ा खुलासा किया है। यह मामला राजस्थान के विभिन्न जिलों से जुड़ा हुआ है, जहां इन कर्मचारियों ने डमी कैंडिडेट, ब्लूटूथ के माध्यम से नकल, और लीक हुए पेपरों का उपयोग कर सरकारी नौकरियों को हासिल किया था। यह खुलासा न केवल राजस्थान सरकार के लिए बल्कि पूरे राज्य में सरकारी भर्ती प्रक्रियाओं के प्रति विश्वास को भी चुनौती दे रहा है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में कई ऐसे लोग शामिल हैं, जो पिछले 4-5 वर्षों से सरकारी सेवा में कार्यरत थे और अब तक 70 लाख रुपए से अधिक का वेतन प्राप्त कर चुके थे। अब सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि सरकार इन आरोपियों से वेतन की वसूली कैसे करेगी, और क्या इन कर्मचारियों की नौकरियों को रद्द किया जाएगा? खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...
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