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Photograph: (the sootr)
झालावाड़ स्कूल हादसे के बाद जागी सरकार, जर्जर स्कूलों की अब प्राथमिकता से होगी मरम्मत
झालावाड़ स्कूल हादसे के बाद राजस्थान सरकार संवेदनशील फैसले ले रही है। सरकार ने जर्जर राजकीय संस्थानों, विद्यालयों, सरकारी भवन एवं आंगनबाड़ी भवनों के मरम्मत संबंधी कार्य प्राथमिकता से करवाने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत डांग, मगरा और मेवात क्षेत्रीय विकास योजना के तहत मरम्मत के लिए सहायता राशि 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 फीसदी करने का निर्णय लिया है। वहीं अब विधायक भी स्थानीय क्षेत्र विकास योजना के अंतर्गत अपने वार्षिक आवंटन की 20 प्रतिशत राशि से मरम्मत कार्यों की अनुशंसा कर सकेंगे। खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...
करोड़ों का आसामी निकला राजस्थान का RTO इंस्पेक्टर, 15 प्रॉपर्टी और करोड़ों का लेन-देन मिला
जयपुर की एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने राजस्थान के सिरोही परिवहन निरीक्षक सुजानाराम चौधरी के खिलाफ व्यापक छापेमारी की है। शनिवार सुबह शुरू हुई यह कार्रवाई सिरोही के अलावा माउंट आबू, जालोर, जोधपुर और भीनमाल के कुल छह ठिकानों पर की गई। एसीबी की बारह से अधिक टीमें सर्च ऑपरेशन में लगी हैं। जांच में पता चला है कि आरटीओ इंस्पेक्टर ने अपनी सरकारी सेवा के दौरान अपने घोषित आय से लगभग 201 प्रतिशत अधिक संपत्ति अर्जित की है। चौधरी के नाम पर 15 से अधिक प्रॉपर्टी (आवासीय, व्यवसायिक मकान, दुकान और भूखंड) हैं। उनके सात बैंकों में करोड़ों रुपए के लेन-देन के रिकॉर्ड मिले हैं, जिसमें से उनके खातों में लगभग 12 लाख रुपए भी मौजूद है। खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...
अब नागौर के सरकारी स्कूल की छत गिरी, क्या स्कूलों की जर्जर हालत पर ध्यान देगी सरकार?
राजस्थान के नागौर जिले के डेगाना क्षेत्र स्थित खरियाबास की ढाणी के सरकारी स्कूल में फिर से छत गिरने का हादसा हुआ। 21 जुलाई को हुई बारिश के कारण स्कूल के बरामदे की छत में सीलन के कारण दरारें आ गई थीं, जिसके बाद शुक्रवार सुबह बारिश के कारण चार पट्टियां टूटकर गिर गईं। गनीमत यह रही कि हादसे के समय स्कूल बंद था, जिससे कोई छात्र या शिक्षक घायल नहीं हुआ। स्कूल के बरामदे की छत पहले से ही जर्जर स्थिति में थी और लगातार मरम्मत की आवश्यकता थी। 21 जुलाई को भी बरामदे की एक पट्टी टूटकर गिर गई थी, जिसके बाद प्रशासन ने इस क्षेत्र को जाली लगाकर बंद कर दिया था। हालांकि इसके बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई, जिससे स्कूल की हालत और भी खराब हो गई। खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...
राजस्थान के जयपुर में सिटी पैलेस से निकलेगी तीज माता की सवारी, जानें 27 जुलाई को क्या रहेगी ट्रैफिक व्यवस्था
राजस्थान की राजधानी जयपुर में इस रविवार, 27 जुलाई 2025 को शाम 5:30 बजे विश्वप्रसिद्ध तीज माता की भव्य सवारी निकाली जाएगी। यह सवारी आयोजन सिटी पैलेस से प्रारंभ होकर शहर के प्रमुख मार्गों से गुजरते हुए चौगान स्टेडियम तक पहुंचेगी। तीज का त्योहार माताओं और बहनों के लिए विशेष धार्मिक महत्व रखता है। तीज माता की सवारी सिटी पैलेस के जनानी द्वार से शुरू होकर चांदनी चौक, त्रिपोलिया गेट होते हुए नगर भ्रमण करेगी। इसके चलते पूरे रास्ते को श्रद्धालुओं के लिए सजाया जाएगा। तीज माता की सवारी देखने के लिए भारी भीड़ उमड़ेगी। सवारी के दौरान शहर के कई मार्गों पर ट्रैफिक डायवर्ट कर दिया जाएगा। ताकि श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो और आयोजन सुचारू रूप से संपन्न हो सके। खासकर शहर के व्यस्ततम इलाकों और सिटी पैलेस के आसपास के रास्ते बंद रहेंगे। प्रशासन ने पार्किंग के लिए भी विशेष व्यवस्था की है जो शाम 5 बजे से लागू होगी, ताकि आगंतुकों को अपने वाहनों की उचित जगह मिल सके। खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...
भारत-यूके मुक्त व्यापार समझौता, ऐसे बढ़ेगा राजस्थान का रत्न एवं आभूषण निर्यात
भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर हस्ताक्षर होने के बाद कई बड़े बदलाव होने की उम्मीद जताई जा रही है। माना जा रहा है कि समझौते के बाद राजस्थान के रत्न एवं आभूषण उद्योग को निर्यात के क्षेत्र में बड़ी बढ़त मिल सकती है। समझौते के तहत कीमती और सस्ते आभूषणों पर लगने वाले सभी टैरिफ समाप्त कर दिए गए हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर द्वारा लंदन में गुरुवार को हस्ताक्षरित इस समझौते के तहत भारत के 99 फीसदी निर्यातों को यूके में शुल्क-मुक्त पहुंच प्राप्त होगी, जिससे दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार को बल मिलेगा। दावा किया जा रहा है कि राजस्थान के रत्न एवं आभूषण उत्पादकों को अब यूके में शून्य टैरिफ दर पर निर्यात करने की सुविधा मिलेगी। मुक्त व्यापार समझौता तभी लाभ दे सकेगा, जब इस पर गंभीरता से काम किया जाएगा। खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...
राजस्थान में मुख्यमंत्री कार्यालय को बम से उड़ाने की धमकी, सुरक्षा एजेंसियां सतर्क, खाली कराया CMO
राजस्थान की राजधानी जयपुर में शनिवार यानि 26 जुलाई 2025 को एक बार फिर मिली बम धमकी ने पूरे शहर को दहशत में डाल दिया है। इस बार प्रदेश के सबसे संवेदनशील स्थल मुख्यमंत्री कार्यालय और जयपुर एयरपोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी मिली है। मिली जानकारी के अनुसार, बदमाशों ने ईमेल में स्पष्ट तौर पर कहा कि पहले एयरपोर्ट को और फिर एक-दो घंटे के अंदर मुख्यमंत्री कार्यालय को बम से उड़ा दिया जाएगा। खतरे को देखते हुए सुरक्षा एजेंसियां तुरंत अलर्ट पर आ गईं। सीएमओ परिसर को तुरंत खाली कराया गया और अशोक नगर थाना प्रभारी सहित पुलिस अधिकारी मौके पर मौजूद रहकर स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। डॉग स्क्वायड की टीमें सीएमओ के हर हिस्से की कड़ी तलाशी ले रही हैं, लेकिन अब तक किसी भी प्रकार के विस्फोटक या संदिग्ध सामग्री का पता नहीं चल पाया है। खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...
मिलावटखोरों से मिलीभगत के आरोप, आरएएस अफसर के खिलाफ जांच तीन महीने से ठंडे बस्ते में
राजस्थान की राजधानी जयपुर में शुद्ध आहार, मिलावट पर वार अभियान के दौरान खाद्य कारोबारियों से उगाही के लगे आरोपों की जांच ठंडे बस्ते में चली गई है। इसी साल मार्च में उगाही के ये आरोप आरएएस अधिकारी खाद्य विभाग के अतिरिक्त निदेशक पंकज ओझा पर लगे थे। इनका इस संबंध में एक ऑडियो भी वायरल हुआ था, जिसमें दो कारोबारी आपस में फोन पर बातें कर मिलावटखोरों को बचाने के बदले अफसर से लाखों रुपए की डील होने की बातचीत कर रहे थे। इसकी जांच एसीबी को सौंपी गई थी, लेकिन पता चला है कि जांच अभी तक शुरू भी नहीं हो पाई है। खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...
राजस्थान में बिजली खरीद के लिए अपने ही प्रोजेक्ट्स की अनदेखी, दूसरे राज्यों से खरीदेंगे 7500 करोड़ की बिजली
राजस्थान सरकार की 500 मेगावाट बिजली की खरीद योजना सवालों के घेरे में है। इसके लिए टेंडर डॉक्यूमेंट तैयार कर मंजूरी के लिए राज्य विद्युत विनियामक आयोग में याचिका लगाई गई है। दरअसल, ऊर्जा विकास निगम ने अगले पांच वर्षों में 500 मेगावाट बिजली खरीदने की योजना बनाई है, जिसकी अनुमानित लागत 7500 करोड़ रुपए है। यह खरीद 2030 तक राज्य की बिजली मांग पूरी करने के उद्देश्य से की जाएगी, लेकिन इस योजना की व्यावहारिकता, वित्तीय समझदारी और पारदर्शिता पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि राजस्थान में पहले से ही थर्मल, सोलर और विंड ऊर्जा के बड़े-बड़े प्रोजेक्ट चल रहे हैं, जिनकी संयुक्त क्षमता 36,000 मेगावाट से अधिक है। इसके अलावा, 6,000 मेगावाट क्षमता का बैटरी स्टोरेज प्रोजेक्ट भी शुरू किया जा रहा है। ऐसे में 500 मेगावाट बिजली खरीदने की योजना कितनी व्यावहारिक है? इसे लेकर विशेषज्ञों ने भी आपत्तियां जताई हैं। खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...
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