सदस्यता लें

0

  • Sign in with Email

By clicking the button, I accept the Terms of Use of the service and its Privacy Policy, as well as consent to the processing of personal data.

Don’t have an account? Signup

  • Bookmarks
  • My Profile
  • Log Out
  • होम
  • अन्नदा 2025
  • वीडियो
  • मध्‍य प्रदेश
  • छत्तीसगढ़
  • राजस्थान
  • देश-दुनिया
  • फोटो
  • एजुकेशन
    • स्कॉलरशिप
    • इंटर्नशिप
  • जॉब्स
  • सरकारी योजनाएं
    • MP की योजनाएं
    • CG की योजनाएं
    • Rajasthan की योजनाएं
    • केंद्र की योजनाएं
  • मनोरंजन
  • धर्म-ज्योतिष
  • वेब स्टोरीज
  • द तंत्र
  • द सूत्र विशेष
    • सूत्रधार
    • बोल हरि बोल
    • Thesootr Prime
    • न्यूज स्ट्राइक
    • Check-mate
    • सिंहासन छत्तीसी
    • विचार मंथन
  • विवाह सूत्र
    • वर खोजें-Groom
      • ब्राह्मण वर
      • अग्रवाल वर
      • जैन वर
      • कायस्थ वर
      • मुस्लिम वर
      • यादव वर
      • जाटव वर
      • राजपूत वर
      • बंगाली वर
      • मराठी वर
      • पंजाबी वर
      • अंतरजातीय वर
      • अन्य समाज वर
    • वधू खोजें-Bride
      • ब्राह्मण वधू
      • अग्रवाल वधू
      • जैन वधू
      • कायस्थ वधू
      • मुस्लिम वधू
      • यादव वधू
      • जाटव वधू
      • राजपूत वधू
      • बंगाली वधू
      • मराठी वधू
      • पंजाबी वधू
      • अंतरजातीय वधू
      • अन्य समाज वधू
  • MP- Classified
    • Achievement
    • Appointment
    • किराए से देना है
    • Education
    • Part Time job
    • Property
    • Sale
    • Shok sandesh
ad_close_btn
  • वीडियो
  • मध्‍य प्रदेश
  • राजस्थान
  • छत्तीसगढ़
  • देश-दुनिया
  • फोटो
  • एजुकेशन
  • जॉब्स
  • मनोरंजन
  • धर्म-ज्योतिष

Powered by :

आपने न्यूज़लेटर की सफलतापूर्वक सदस्यता ले ली है.
देश-दुनिया

कर्पूरी ठाकुर: बिहार के मुख्यमंत्री से समाज सुधारक तक का सफर

कर्पूरी ठाकुर एक महान स्वतंत्रता सेनानी, राजनेता और समाज सुधारक थे, जिन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में सामाजिक न्याय को बढ़ावा दिया। उनकी ईमानदारी और समर्पण आज भी लोगों के दिलों में जिंदा हैं।

author-image
Thesootr Network
24 Jan 2025 12:12 IST

Follow Us

New Update
 Karpuri Thakur

Karpuri Thakur

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

कर्पूरी ठाकुर (Karpoori Thakur) भारत के एक प्रखर स्वतंत्रता सेनानी, राजनेता और समाज सुधारक थे। वे बिहार के मुख्यमंत्री और सामाजिक न्याय के प्रबल समर्थक के रूप में जाने जाते हैं। उनकी राजनीति, ईमानदारी और समर्पण का ऐसा उदाहरण है जिसे आज भी लोग याद करते हैं। उन्होंने न केवल राजनीति में बल्कि समाज के निचले तबके के उन्नति में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

उनका जन्म 24 जनवरी 1924 को बिहार के समस्तीपुर जिले के पितौंझिया गांव (वर्तमान में कर्पूरी ग्राम) में एक साधारण नाई (हजाम) परिवार में हुआ था। उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि बहुत साधारण और आर्थिक स्थिति कमजोर थी।

प्रारंभिक शिक्षा
उनकी प्रारंभिक शिक्षा गांव के स्कूल में हुई थी। अपनी मेहनत और लगन से उन्होंने आगे की पढ़ाई पूरी की, लेकिन उच्च शिक्षा के बजाय स्वतंत्रता आंदोलन और समाज सेवा में जुट गए।

जानिए कौन हैं लखनलाल मिश्र... जिनके लिए BJP ने किया बड़ा आयोजन

Karpuri Thakur Jayanti : गरीबों की आवाज बनकर उभरे जननायक कर्पूरी ठाकुर को  इन कामों के लिए किया जाता है याद | karpuri thakur jayanti :People's leader  Karpoori Thakur, who emerged as

स्वतंत्रता संग्राम में भूमिका

  • उन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय भूमिका निभाई है।
  • वे महात्मा गांधी के नेतृत्व में चलाए गए भारत छोड़ो आंदोलन (1942) में शामिल हुए।
  • स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान उन्हें कई बार जेल भी जाना पड़ा।
  • इस संघर्ष ने उनके जीवन में समाज सुधार और गरीबों की सेवा का मार्ग प्रशस्त किया।

राजनीतिक करियर

  • उनकी राजनीति ईमानदारी और जनता के लिए समर्पण का प्रतीक थी।
  • 1952 में राजनीतिक जीवन की शुरुआत: पहली बार बिहार विधानसभा के सदस्य चुने गए।
  • मुख्यमंत्री के रूप में कार्यकाल: वो दो बार बिहार के मुख्यमंत्री बने।
  • पहला कार्यकाल: 22 दिसंबर 1970 - 2 जून 1971
  • दूसरा कार्यकाल: 24 जून 1977 - 21 अप्रैल 1979
  • विपक्ष के नेता: जब वे मुख्यमंत्री नहीं थे, तब उन्होंने विपक्ष के नेता के रूप में प्रभावी भूमिका निभाई।
  • जनता पार्टी सरकार में योगदान: वे जनता पार्टी के प्रमुख नेताओं में से एक थे।

अहिल्या बाई होल्कर: भारतीय इतिहास की महान शासिका की प्रेरणादायक कहानी

कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न: बिहार के कद्दावर नेता कैसे बने थे जननायक - BBC  News हिंदी

सामाजिक और राजनीतिक योगदान

  • पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण:
    उन्होंने समाज के वंचित और पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए आरक्षण लागू किया। 
    जिसमें बिहार में पिछड़े वर्ग के लिए 27% आरक्षण लागू किया, जिससे उन्हें "पिछड़ों का मसीहा" कहा गया।
    आरक्षण के इस फैसले ने समाज के वंचित विभाग को शिक्षा और रोजगार का मौका दिया।
  • शिक्षा सुधार:
    शिक्षा को सभी वर्गों तक पहुंचाने के लिए उन्होंने कई कदम उठाए।
    उन्होंने अंग्रेजी की जरूरतों को समाप्त कर दिया ताकि ग्रामीण और पिछड़े वर्ग के बच्चे भी उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकें।
    इसके लिए उनकी आलोचना भी हुई, लेकिन उन्होंने इसे गरीबों और वंचितों के हित में बताया।
  • नशाबंदी:
    मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने बिहार में नशाबंदी लागू की, जो उनके सामाजिक सुधारों का एक अहम कदम था।

कर्पूरी ठाकुर की कहानी: नाई परिवार में जन्मे लड़के ने लड़ी आजादी की लड़ाई,  छेड़ी भेदभाव मिटाने की मुहिम और बन गए जननायक/who was Karpoori Thakur? -  Haribhoomi

भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा रुख:

  • वे अपनी ईमानदारी के लिए जाने जाते थे। उन्होंने भ्रष्टाचार को कभी सहन नहीं किया।
  • उनके राजनीतिक जीवन में उन पर कभी कोई भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा।
  • उन्होंने जनता की सेवा को राजनीति का मूल उद्देश्य माना।
  • वे हमेशा गरीबों, मजदूरों और किसानों के अधिकारों के लिए संघर्ष करते रहे।

7 जनवरी 1738: भोपाल युद्ध में मुगलों की करारी हार और दोराहा संधि

क्या है कर्पूरी डिवीजन? तब मैट्रिक पास करने वालों का उड़ाया जाता था मजाक |  Matric pass from Karpuri Division joke youth bihar Karpoori Thakur bharat  ratna stwar

उनके संघर्ष की लड़ाई

  • जातिवाद और भेदभाव के खिलाफ लड़ाई: एक नाई परिवार से आने के कारण उन्हें जातिगत भेदभाव का सामना करना पड़ा। लेकिन उन्होंने इसे कभी अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया।
  • आर्थिक संघर्ष: उनकी पारिवारिक स्थिति कमजोर थी, लेकिन उन्होंने समाज के वंचित वर्गों के लिए खुद को समर्पित कर दिया।
  • राजनीतिक विरोध: उनके फैसलों, खासकर आरक्षण और शिक्षा सुधार के कारण उन्हें राजनीतिक विरोध झेलना पड़ा, लेकिन वे अपने सिद्धांतों से कभी नहीं हटे।

स्वतंत्रता सेनानी डॉ. राधाबाई ने उठाई थी वेश्यावृत्ति के खिलाफ अवाज

मृत्यु और विरासत

कर्पूरी ठाकुर का निधन 17 फरवरी 1988 को हुआ। उनकी मृत्यु के बाद भी, वे सामाजिक न्याय और गरीबों के अधिकारों की आवाज के रूप में याद किए जाते हैं। बिहार में उनकी जयंती (24 जनवरी) को हर साल "कर्पूरी जयंती" के रूप में मनाया जाता है। उनके नाम पर कई संस्थान, मार्ग और योजनाएं स्थापित की गई हैं।

FAQ

कर्पूरी ठाकुर कौन थे?
कर्पूरी ठाकुर एक स्वतंत्रता सेनानी, समाज सुधारक और बिहार के दो बार मुख्यमंत्री थे।
उन्होंने बिहार में आरक्षण कब लागू किया?
उन्होंने 1978 में पिछड़े वर्गों के लिए 27% आरक्षण लागू किया।
कर्पूरी ठाकुर का शिक्षा सुधार क्या था?
उन्होंने अंग्रेजी की अनिवार्यता समाप्त कर शिक्षा को वंचित वर्गों के लिए सु
कर्पूरी ठाकुर की मृत्यु कब हुई?
उनका निधन 17 फरवरी 1988 को हुआ।
कर्पूरी ठाकुर को "पिछड़ों का मसीहा" क्यों कहा जाता है?
उन्होंने पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण और समाज सुधारों के जरिए उनके अधिकारों की लड़ाई लड़ी।

thesootr links

  • मध्य प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
  • छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
  • रोचक वेब स्टोरीज देखने के लिए करें क्लिक

द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

latest news Bharat Ratna Karpuri Thakur भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर जननायक कर्पूरी ठाकुर समाजवादी नेता कर्पूरी ठाकुर Jan nayak leader karpuri thakur देश दुनिया न्यूज
हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें
All groups
Youth : Career, Jobs & Education
Chattisgarh
Rajasthan
logo

यह भी पढ़ें
Read the Next Article
Latest Stories
हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें
All groups
Youth : Career, Jobs & Education
Chattisgarh
Rajasthan

Powered by


Subscribe to our Newsletter!




Powered by
भाषा चुने
हिन्दी

इस लेख को साझा करें

यदि आपको यह लेख पसंद आया है, तो इसे अपने दोस्तों के साथ साझा करें।
वे आपको बाद में धन्यवाद देंगे

Facebook
Twitter
Whatsapp

कॉपी हो गया!