RAIPUR. छत्तीसगढ़ में सहायक शिक्षकों ने 3 सूत्रीय मांग को लेकर एक बार से हड़ताल शुरू कर दी है। हड़ताल के दूसरे दिन शुक्रवार को सहायक शिक्षकों ने प्रदेशभर के विकासखंड मुख्यालयों पर प्रदर्शन किया। इनकी सबसे बड़ी मांग वेतन विसंगति को लेकर है। संविलियन के बाद ये शिक्षाकर्मी वर्ग 3 से सहायक शिक्षक तो बन गए, लेकिन संविलियन के बाद वर्ग दो कैडर की तुलना में इनका वेतन 6 से 9 हजार रुपए तक कम हो गया, जबकि वर्ग 2 और वर्ग 1 कैडर के टीचरों के वेतन में अंतर दो से तीन हजार रुपए का ही रहा। इस बात को लेकर यह वर्ग शुरू से नाराज है, और इसे कम करने की मांग कर रहा है।
आंदोलन को मिला BJP का समर्थन
सहायक शिक्षक संघठन 20 साल की सेवा के बाद ही शिक्षकों को पुराना पेंशन का लाभ देने की मांग कर रहा है। आंदोलन शुरू होने के बाद इन्हें बीजेपी नेताओं का समर्थन मिलना भी शुरू हो गया है। नवा रायपुर के तूता धरना स्थल पर बीजेपी प्रदेश महामंत्री ओपी चौधरी समर्थन देने पहुंचे। वहीं, कुरूद में इनके प्रदर्शन को पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल का समर्थन मिला, छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष मनीष मिश्रा ने कहा है कि 13 तारीख तक संघ विकासखंडों में प्रदर्शन करेगा, इसके बाद आक्रोश रैली निकालते हुए सभी राजधानी में जुटेंगे, और यहीं प्रदेशस्तरीय धरना प्रदर्शन करेंगे।
स्वच्छता दीदी ने की भूख हड़ताल, दैवेभो कर्मचारियों ने की नियमितिकरण की मांग
इधर, कलेक्टर दर पर वेतनमान की मांग को लेकर प्रदेश में डोर टू डोर कचरा कलेक्शन करने वाली स्वच्छता दीदी ने नया रायपुर में फिर रैली निकली। 4 दिनों से स्वच्छता दीदी का आंदोलन चल रहा था, इससे पहले उन्होंने भूख हड़ताल भी की थी। तेज गर्मी, उमस और भूख हड़ताल के चलते पहले से कमजोर कई महिलाएं रैली के दौरान ही बेहोश होकर गिरने लगीं। कुछ पुलिस के साथ धक्का मुक्की के दौरान गिरकर बेहोश हो गईं, इससे उनके साथियों में जबरदस्त आक्रोश दिखा। इन महिलाओं के साथ दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों ने नियमितिकरण की मांग को लेकर रैली निकाली थी। ये दोनों संगठन इससे पहले भी कई बार आंदोलन कर चुके हैं। इन्होंने दो टूक कहा कि सरकार उनकी मांग नहीं मानी तो और भी उग्र आंदोलन होगा।
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स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने किया हड़ताल का ऐलान
वहीं छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य विभाग में काम करने वाले कर्मचारियों के अलग-अलग 12 संगठनों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का ऐलान कर दिया है। ये सभी संगठन वेतन विसंगति को दूर करने, वेतन बढ़ाने, कार्य स्थल पर सुरक्षा देने जैसी मांग कर रहे हैं। पांच सूत्रीय मांगों को लेकर सभी 12 संगठनों ने शुक्रवार को नवा रायपुर के तूता धरना स्थल पर एक दिन का धरना प्रदर्शन किया। अपनी मांगों को लेकर रैली भी निकाली। साथ ही चेतावनी भी दी है कि यदि सरकार ने उनकी मांगों पर कोई घोषणा नहीं की तो 21 अगस्त से प्रदेश के तमाम स्वास्थ्य केंद्र और अस्पतालों के डॉक्टर, नर्स, स्टाफ, टेक्निशियन सभी हड़ताल पर चले जाएंगे। दरअसल, इससे पहले ये संगठन अलग-अलग लड़ते रहे, लेकिन कोई नतीजा हासिल नहीं हुआ, इसलिए अब एकजुट होकर आंदोलन का ऐलान किया है।