गुना नगर पालिका को नगर निगम का दर्जा दिलाने की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है। अब कलेक्टर ऑफिस से राज्य शासन को एक संशोधित प्रस्ताव भेजा गया है। प्रस्ताव में गुना के आसपास स्थित 32 गांवों को नगर निगम की सीमा में शामिल करने की बात कही गई है। यदि यह प्रस्ताव मंजूरी पा लेता है, तो गुना नगर निगम का स्वरूप ले लेगा।
विधायक की मांग को नहीं मिली जगह
प्रस्ताव में भाजपा विधायक पन्नालाल शाक्य की मांग को दरकिनार कर दिया गया है। वे हरिपुर गांव को निगम सीमा में लाना चाहते थे, लेकिन प्रस्ताव में इसे शामिल नहीं किया गया। इसके बजाय, हिलगना पंचायत के तहत आने वाले हरीपुरा गांव को जोड़ने की बात कही गई है। यह फैसला नक्शे और भौगोलिक स्थिति के आधार पर लिया गया है।
गांवों की आबादी 60 हजार के पार
2011 की जनगणना के अनुसार इन प्रस्तावित गांवों की कुल जनसंख्या 43,661 थी। 2.5% वार्षिक वृद्धि दर के अनुसार वर्तमान अनुमानित आबादी 60,187 हो चुकी है। जब इसे नगरपालिका की आबादी से जोड़ा जाएगा, तो यह संख्या 4 लाख के पार पहुंच जाएगी। इस आधार पर गुना नगर निगम का दर्जा पाने की पात्रता पूरी करता है।
नगर निगम बनने से विकास को मिलेगी रफ्तार
नगर निगम बनने के बाद क्षेत्र में शहरी विकास की योजनाओं को और गति मिलेगी। प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि इन गांवों को निगम में शामिल करने से आधारभूत सुविधाएं और शहरी योजनाएं तेजी से पहुँचेंगी। साथ ही, विशेष बजट भी सीधे जारी किया जा सकेगा। इससे नागरिकों को सीधा लाभ होगा।
इन 32 गांवों को शामिल करने का प्रस्ताव
नगर निगम क्षेत्र में शामिल करने के लिए जिन गांवों के नाम प्रस्ताव में भेजे गए हैं, उनमें प्रमुख हैं: खेजरा, पीताखेड़ी, बजरंगगढ़, विनायक खेड़ी, मुहालपुर, सौंजना, हिलगना, शाहपुर, हीरापुर, गादेर, बमौरी बुजुर्ग, माधौपुर, महाराजपुरा, पुरापोसर, सुमेर, गणेशपुरा, भावपुर, सिंघाड़ी, ढोलबाज, बरोदिया खुर्द, पिपरिया, बिलौनिया, कुड़ी मंगवार, पिपरौदा खुर्द, सिंगवासा, सकतपुर, चकदेवपुर, बरखेड़ा गिर्द, सोठी, मावन, गढ़ला गिर्द, देवरी डांग, गिद खोह और दुहवाड़।
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राज्यपाल की अनुमति के बाद होगा नोटिफिकेशन
नगर निगम के गठन की प्रक्रिया तय प्रारूप के अनुसार आगे बढ़ेगी। सबसे पहले संबंधित ग्राम पंचायतें अपने-अपने स्तर पर संकल्प पारित करेंगी। इसके बाद दावे-आपत्तियां आमंत्रित की जाएंगी। अंतिम प्रस्ताव कैबिनेट की मंजूरी के बाद राज्यपाल के पास जाएगा। राज्यपाल की अनुमति के बाद गजट नोटिफिकेशन जारी कर नगर निगम का गठन किया जाएगा।
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