BHOPAL. जबलपुर हाईकोर्ट (Jabalpur High Court) ने मध्य प्रदेश लोकायुक्त पुलिस को बड़ा आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि लोकायुक्त पुलिस को किसी भी दर्ज एफआईआर को 24 घंटे में आधिकारिक वेबसाइट पर सार्वजनिक करना अनिवार्य होगा। साथ ही एफआईआर को लेकर सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का पालन भी करना होगा। हाईकोर्ट ने यह आदेश याचिका को खारिज करते हुए दिया है।
हाईकोर्ट ने लोकायुक्त को दिया आदेश
मामले की सुनवाई एक्टिंग चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की युगल पीठ ने की। कोर्ट ने आदेश में कहा कि लोकायुक्त पुलिस को दर्ज एफआईआर को 24 घंटे में अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर सार्वजनिक करना चाहिए। साथ ही कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट की एफआईआर को लेकर गाइडलाइंस का हवाला दिया।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, ,रिश्वत लेते पकड़े गए भोपाल के कार्यकारी इंजीनियर के मामले में यह याचिका लगाई गई थी। भोपाल के आरटीआई कार्यकर्ता राजेंद्र सिंह ने याचिका दायर की थी। इसमें राजेंद्र सिंह ने आरोप लगाया था कि लोकायुक्त पुलिस ने PWD के कार्यकारी इंजीनियर सुरेश चंद्र वर्मा के खिलाफ रिश्वत मामले में दर्ज की गई एफआईआर की कॉपी उन्हें नहीं दी गई है।
लोकायुक्त पुलिस ने इंजीनियर सुरेश चंद्र वर्मा को रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया था। मामले में एफआईआर दर्ज की गई थी। राजेंद्र सिंह ने एफआईआर की कॉपी की मांग की थी जिसे देने से इनकार कर दिया गया। लोकायुक्त में एफआईआर की कॉपी के लिए सूचना के अधिकार (RTI) के तहत आवेदन किया था। जिसके बाद उन्होंने यह याचिका दायर की थी।
युगल पीठ ने याचिका खारिज कर दिया आदेश
हाईकोर्ट की युगल पीठ ने राजेंद्र सिंह की याचिका को खारिज कर दिया। याचिका यह मानते हुए कि खारिज की गई कि याचिका में व्यक्तिगत स्वार्थ थे। इसके बावजूद कोर्ट ने लोकायुक्त पुलिस को आदेश दिया कि हर एफआईआर को 24 घंटों में अपलोड कर सार्वजनिक करें। साथ ही न्यायालय ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का परिपालन करते हुए एफआईआर को वेबसाइट पर अपलोड करें।
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