Raipur। रायपुर स्पेशल कोर्ट में ईडी महादेव सट्टा एप मामले में दो आरोपियों को पेश कर सकती है। ईडी ने तीन दिन लगातार इस मामले में छापेमारी की है। ईडी जिन दो आरोपियों को कोर्ट में पेश कर सकती है उनमें ASI चंद्र भूषण वर्मा शामिल है।
क्या है महादेव सट्टा एप
महादेव सट्टा एप किसी भी अन्य परंपरागत सट्टे की ही तरह है। इस में फ़र्क़ ये है कि ये सट्टा पूरी तरह डिजिटल है। मोबाईल पर इसका एप उपलब्ध है। लाखों करोड़ों का वारा न्यारा इस महादेव सट्टा एप के नाम से हुआ। यह सट्टे के शौक़ीनों के बीच तेज़ी से लोकप्रिय है। इसके सफल होने की दो वजह मानी जाती है, एक तो यह मोबाइल पर सहजता से उपलब्ध है, दूसरा इसमें रक़म मिलना गारंटी की तरह तय है।इसके प्रमुख संचालक (खाईवाल)मूलतः भिलाई के हैं जो कि अब दुबई में रहते हैं। सामान्य सट्टे के काले कारोबार में जहां कई लोग पट्टी काटते हैं याने वो लोग जिनके पास सट्टा लगाकर रक़म दांव पर लगाई जाती है, महादेव एप में ऐसा नहीं है।यहाँ मोबाइल पर ही सब उपलब्ध है।यह कोरोनाकाल में शुरु हुआ।इसके विज्ञापन कई मीडिया समूहों में छपे थे।
बेहद प्रभावशाली लोगों के नाम गूंजते रहे हैं
महादेव सट्टा एप मामले में क़रीब डेढ़ साल पहले ईडी ने ईसीआईआर दर्ज की है। इस एप को लेकर जब भी बात हुई है,चर्चा बेहद प्रभावशाली लोगों की हर बार हुईं। सौरभ चंद्राकर जो इस का मुख्य किरदार याने संचालकों में एक है और जिसे लेकर लगातार खबरें रही हैं कि, वह दुबई में इस सट्टे से आने वाले पैसे से कई स्थाई निवेश और नए व्यवसाय कर रहा है उस सौरभ चंद्राकर ने राजनीतिक रुप से बेहद प्रभावशाली लोगों को शेयर पार्टनर बनाया।
कौन है चंद्रभूषण वर्मा
चंद्रभूषण वर्मा मौजूदा समय में ASI है।मौजूदा भूपेश सरकार के दौर में यह बेहद चर्चा में रहा है। चंद्रभूषण वर्मा को लेकर यह कहा जाता रहा है कि यह सरकार में बेहद प्रभावशाली किन्ही दो लोगों के हवाले से उन बेहद अहम जगहों पर मौजूद होता था, जहां को लेकर कहा जाता है कि सरकार यहाँ रहती है।चंद्रभूषण वर्मा होने को सिपाही हवलदार था लेकिन उसे लेकर चर्चा रही है कि वह एसपी से लेकर टीआई तक का ट्रांसफ़र करा देने की अहद रखता था। इस अहद के पीछे उसके वही दो प्रमुख प्रभावशाली संपर्क थे। बाद में इसका ट्रांसफ़र बीजापुर हुआ, लेकिन खबरें हैं कि इसे ईडी ने रायपुर से गिरफ़्तार किया।
महादेव सट्टा एप पर दुर्ग रायपुर पुलिस की ताबड़तोड़ कार्यवाही लेकिन फिर भी सवाल
महादेव सट्टा एप पर ताबड़तोड़ कार्यवाही दुर्ग और रायपुर में हुई। महादेव सट्टा एप को लेकर जितनी कार्यवाही हुई वह आँकड़ा चार सौ के उपर है।दुर्ग में एसपी अभिषेक पल्लव और रायपुर में कप्तान प्रशांत अग्रवाल ने ना केवल प्रदेश बल्कि देश के अन्य हिस्सों में भी टीम भेजी और महादेव सट्टा एप से जुड़े लोगों को पकड़ा।लेकिन उसके बाद भी आरोप लगते रहे कि, प्रभावशाली लोगों की वजह से पुलिस असली किरदारों तक नहीं पहुँचती थी और सख़्त कार्रवाई नहीं कर पाती थी। आरोप के केंद्र में पुलिस के ही कुछ अधिकारी भी रहे हैं जिन्हें लेकर यह चर्चा हुई कि इन अधिकारियों ने सट्टा मामले में पकड़ाए आरोपियों को हिरासत में भी व्हीआईपी ट्रीटमेंट दिया,लेकिन इन आरोपों की कभी पुष्टि नहीं हुई। यह भी ग़ौरतलब है कि भूपेश सरकार ही बाद में सट्टे जुए को लेकर कानून लाई और उसमें शर्त लगाने से लेकर ऑनलाइन सट्टे को अपराध के दायरे में लाकर सजा कड़ी कर दी। लेकिन यह भी सही है कि, महादेव सट्टा एप का बाज़ार कभी भी मंदा नहीं पड़ा कभी भी इसकी रफ़्तार धीमी नहीं हुई।