RAJASTHAN Top News : राजस्थान की बड़ी खबरें

नमस्कार, राजस्थान की बड़ी खबरों में आपका स्वागत है। महाराजा-प्रिंसेज टाइटल लगाने पर हाई कोर्ट नाराज। सवाल पूछा तो प्रेस कॉन्फ्रेंस छोड़ चले गए चिकित्सा मंत्री खींवसर। बुजुर्गों के खिलाफ अपराध हुए दोगुने। वरिष्ठ कांग्रेस नेता रामेश्वर डूडी का निधन...

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Amit Baijnath Garg
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Rajasthan top news 04 oct

Photograph: (the sootr)

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हाई कोर्ट ने कहा-महाराजा और प्रिंसेज जैसे टाइटल हटाओ, अन्यथा स्वत: ही खारिज हो जाएगी पिटीशन

राजस्थान हाई कोर्ट ने इस बात पर आपत्ति जताई है कि पूर्व राजघराने के सदस्यों के नाम के आगे अभी भी महाराजा और प्रिंसेज क्यों लिखा जा रहा है। इसके साथ ही कोर्ट ने जयपुर के पूर्व राजपरिवार के सदस्यों को पिटीशन में नाम से पहले महाराजा और प्रिंसेज जैसे टाइटल हटाने को कहा है। जस्टिस महेंद्र कुमार गोयल ने य​ह निर्देश राजपरिवार से जुड़े दिवंगत पृथ्वीराज सिंह और जगत सिंह के कानूनी वारिसों की याचिकाओं पर दिए। अदालत ने कहा है कि महाराजा और प्रिंसेज हटाकर संशोधित टाइटल पेश नहीं करने पर दोनों पिटीशन स्वत: ही खारिज मानी जाएंगी। कोर्ट ने दोनों याचिकाओं में पिटीशनर के नाम के पहले महाराजा और प्रिंसेज हटाकर संशोधित टाइटल पेश करने पर सुनवाई 13 अक्टूबर तय की है। जयपुर राजपरिवार के सदस्य पृथ्वीराज सिंह और जगत सिंह ने दो अलग-अलग याचिका दायर करके हाउस-टैक्स और अब यूडी टैक्स की वन-टाइम वसूली को चुनौती दे रखी है। दोनों ही पिटीशन 24 साल से हाई कोर्ट में पेंडिंग हैं। खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...

हाईटेक डिवाइस से निकलेगी शेर की दहाड़ और गोली की आवाज, जानवरों से बचेगी किसानों की फसल

राजस्थान के जोधपुर में केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान (काजरी) ने एक नई और हाईटेक डिवाइस तैयार की है, जो किसानों की फसलों को जंगली जानवरों से सुरक्षित रखेगी। इस डिवाइस का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह सौर ऊर्जा (Solar Energy) से चलती है और इसमें शेर की दहाड़, बाघ की गर्जना, गोली की आवाज और जंगली सूअर के पिंजरे में फंसने जैसी आवाजें रिकॉर्ड की जाती हैं। इन आवाजों के जरिए जानवरों को खतरे का आभास होता है, जिससे वे खेतों से दूर रहते हैं। इस डिवाइस की खासियत यह है कि इसे किसान अपने मोबाइल फोन से नियंत्रित कर सकते हैं। इससे किसानों को खेतों की निगरानी घर बैठे करने का मौका मिलता है। काजरी के वैज्ञानिकों ने इस डिवाइस को पिछले पांच सालों की मेहनत के बाद तैयार किया है। यह डिवाइस अखिल भारतीय कशरुकी नाशी जीव नेटवर्क परियोजना के तहत विकसित की गई है। भविष्य में इसे सेंसर युक्त बनाकर और उन्नत करने की योजना भी है। खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...

सवाल पूछा तो बीच में ही प्रेस कॉन्फ्रेंस छोड़कर चले गए चिकित्सा मंत्री खींवसर, कहा-कफ सिरप से कोई मौत नहीं

राजस्थान के चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने शनिवार को जोधपुर के सर्किट हाउस में कफ सिरप से होने वाली मौतों के मामले में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रदेश में कफ सिरप के सेवन से मौतें नहीं हुई हैं और इस संबंध में पहले भी एक जांच समिति बनाई गई थी, जिसने यह पाया कि इस दवा से मौतें नहीं हुई हैं। मंत्री खींवसर ने अपने बयान के दौरान पत्रकारों से सवाल पूछे जाने पर प्रेस कॉन्फ्रेंस छोड़ दी। जब उनसे यह पूछा गया कि केंद्र सरकार ने कुछ ही घंटे पहले इस दवा के फॉर्मूले को बैन कर दिया है, तो उन्होंने इस पर प्रतिक्रिया देने की बजाय अधिकारियों से जानकारी ली। इस घटनाक्रम ने पूरे मुद्दे को और भी चर्चा में ला दिया है। खींवसर ने कहा कि केंद्र सरकार ने कफ सिरप के फॉर्मूले को बैन किया है और राज्य सरकार भी इस मुद्दे पर अपनी जांच करवा रही है। खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...

आजीविका मिशन में करोड़ों का भ्रष्टाचार, फर्जी अटेंडेंस दिखाकर उठाया भुगतान, राजकॉम्प और निगम का खेल

राजस्थान में आजीविका मिशन के तहत चल रहे ट्रेनिंग सेंटरों पर स्टूडेंट की सौ फीसदी उपस्थिति दिखाकर राजस्थान सरकार को करोड़ों रुपए का चूना लगाने का मामला सामने आया है। इस घोटाले में राजकॉम्प, राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम के साथ ही अटेंडेंस के लिए सॉफ्टवेयर बनाने वाली कंपनी की मिलीभगत बताई जा रही है। इस संबंध में मुख्यमंत्री को भेजी गई शिकायत पर मुख्यमंत्री ऑफिस ने उन्हीं विभाग के एसीएस और प्रमुख सचिव से जानकारी मांगी है, जिनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं। सीएम ऑफिस ने कौशल एवं उद्यमिता तथा रोजगार विभाग के एसीएस और सूचना व प्रौद्योगिकी व संचार विभाग के प्रमुख सचिव से मामले में जानकारी मांगी है। शिकायत में बताया है कि राजकॉम्प ने राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम के लिए इंटीग्रेटेड स्कीम मैनेजमेंट सिस्टम नाम से सॉफ्टवेयर बनाया है। इस सॉफ्टवेयर के जरिए राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम में रजिस्टर्ड स्टूडेंट के आधार नंबर से अटेंडेंस दर्ज होती है। अटेंडेंस दर्ज करने के इस खेल में ही घोटाला करने के आरोप हैं। खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...

जमवारामगढ़ : विक्रम मीणा सुसाइड केस में बनी सहमति, आर्थिक सहायता-संविदा नौकरी, दोषियों पर एक्शन

राजस्थान के जयपुर के जमवारामगढ़ में तीन दिन से विक्रम मीणा प्रकरण में चल रहे आंदोलन में शनिवार को आखिरकार सहमति बन गई और आंदोलन समाप्त करने की घोषणा कर दी गई। प्रशासन और नेताओं ने परिवार के साथ सहमति बनाते हुए 24.5 लाख रुपए सहायता देने का ऐलान किया। इसमें प्रशासन की ओर से 21 लाख रुपए और बाकी नेताओं की ओर से देने की घोषणा की गई। इसके साथ ही विक्रम के परिवार के एक सदस्य को संविदा पर नौकरी भी दी जाएगी। सभी मांगों पर सहमति बनने के बाद आंदोलन के प्रमुख नरेश मीणा और अन्य नेताओं की मौजूदगी में परिवार के सदस्यों और नरेश मीणा ने आंदोलन समाप्त करने का ऐलान किया। रायसर थाना क्षेत्र में तीन दिन से बनी पुलिस छावनी हटाई गई और शांति बहाल हुई। अब परिजन विक्रम मीणा का अंतिम संस्कार कर रहे हैं। खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...

सवा लाख का iPhone 10 हजार रुपए में खरीदना पड़ गया भारी, अब चोरी के मामले में सलाखों के पीछे जाएंगे

राजस्थान की राजधानी जयपुर में दो युवकों को गिरफ्तार किया गया है, जिन्होंने महंगे iPhone को बेहद सस्ते में खरीदा था। सवा लाख रुपए कीमत वाला iPhone केवल 10-10 हजार रुपए में मोहसिन खान और शादाब ने खरीदा। अब ये दोनों हवालात में हैं और जल्द ही जेल जा सकते हैं। चोर और लूटे गए मोबाइल की बिक्री में फर्जी बिल बनाकर खरीदारों को भ्रमित किया जाता है। इसके कारण लोग सोचते हैं कि मोबाइल कानूनी तरीके से खरीदा गया है। इस घटना में गिरफ्तार आरोपियों से तीन iPhone बरामद किए गए हैं, जबकि पुलिस अबरार नामक मुख्य आरोपी की तलाश कर रही है। विधायकपुरी थाना प्रभारी बनवारी लाल मीणा ने बताया कि 14 सितंबर को परिवादी योगेश गुरनानी ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि विराट ट्रैवल्स ऑफिस से 11 नए iPhone चोरी हो गए। चोरी हुए मोबाइल में से तीन iPhone मोहसिन ने 10-10 हजार रुपए में खरीदे और एक मोबाइल दानिश को बेचा। खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...

बॉर्डर पर बसा राजस्थान में देश पहला गांव अकली, 75 साल बाद भी मूलभूत सुविधाओं के लिए जूझ रहे लोग

भारत का पहला गांव अकली है, जो राजस्थान के बाड़मेर जिले में भारत-पाकिस्तान सीमा पर स्थित है। इस गांव ने 1965 और 1971 के युद्धों में भारतीय सेना का समर्थन किया था, लेकिन आजादी के 75 साल बाद भी यह गांव विकास के अभाव में अटका हुआ है। यहां के लोग आज भी बुनियादी सुविधाओं के बिना जीवन बिता रहे हैं। अकली गांव में शिक्षा की स्थिति बेहद चिंताजनक है। यहां का प्राइमरी स्कूल करीब 60 साल पुराना है, जो अब 8वीं तक अपग्रेड हो चुका है, लेकिन इसके बाद आगे की शिक्षा के लिए कोई स्कूल नहीं है। स्कूल भवन जर्जर हो चुका है, जिससे किसी भी समय बड़ा हादसा हो सकता है। यहां के युवा बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं और छोटे बच्चों के लिए आंगनबाड़ी भवन भी खस्ताहाल हो चुका है। खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...

ओडिशा से राजस्थान पहुंचा 5 करोड़ का गांजा, कंटेनर के गुप्त तहखाने में छिपाकर लाए; पुलिस ने किया खुलासा

राजस्थान एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (AGTF) और झुंझुनूं पुलिस ने मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने एक कंटेनर ट्रक से 1014 किलो अवैध गांजा बरामद कर दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। बरामद गांजे की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत लगभग 5 करोड़ रुपए आंकी गई है। पुलिस ने तस्करी में शामिल दो आरोपियों को गिरफ्तार किया: सुभाष गुर्जर और प्रमोद गुर्जर। सुभाष पहले भी आपराधिक मामलों में शामिल रहा है, जबकि प्रमोद का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं पाया गया। गिरफ्तारी के बाद पुलिस अब तस्करी नेटवर्क और इस अवैध कारोबार की फंडिंग से जुड़े अन्य लोगों के बारे में जानकारी जुटा रही है। खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...

केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने पीए नितिन सांगवान को जिताने में लगाया दम, चेयरमैन बनाने के लिए बिछाई गोटियां

राजस्थान में अलवर सरस डेयरी से जुड़े अलवर जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लिमिटेड के चेयरमैन पद के होने वाले चुनाव में केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री और अलवर सांसद भूपेंद्र यादव की प्रतिष्ठा दांव पर है। चुनाव छह अक्टूबर को होने हैं। इसमें केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है। अलवर की सरस डेयरी से जुड़े यह चुनाव बड़े रोमांचक होने की संभावना है। क्योंकि, संघ के सभी 12 डायरेक्टर निर्विरोध चुने गए हैं। खास बात यह है कि इसमें केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव अपने निजी सहायक और आईआईटियन नितिन सांगवान को भी निर्विरोध डायरेक्टर बनाने में कामयाब हो गए हैं। जिस तरह से मंत्री भूपेंद्र यादव इन चुनावों में सक्रिय हैं, उसमें माना जा रहा है कि केंद्रीय मंत्री के दांव-पेंच से नितिन सागवान डेयरी अध्यक्ष बन सकते हैं। इस चुनाव में कांग्रेस बैकफुट पर दिख रही है। उसके नेता एक तरह से शांत बैठे हैं। खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...

राजस्थान में बुजुर्गों के खिलाफ अपराध हुए दोगुने, 2023 में 12 हत्या के मामले आए सामने

वर्ष 2023 में राजस्थान में बुजुर्गों के खिलाफ अपराधों में वृद्धि देखी गई। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) द्वारा जारी आंकड़ों में यह स्पष्ट हुआ कि 2023 में 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के बुजुर्गों से जुड़ें अपराधों की संख्या में भारी इजाफा हुआ। बुजुर्गों के खिलाफ बढ़ते अपराधों ने राज्य में सुरक्षा के मामलों को गंभीर बना दिया है। यह चिंता की बात है कि कि समाज के वरिष्ठ नागरिकों को बढ़ती हिंसा और धोखाधड़ी से सुरक्षा प्रदान करना अब कठिन हो गया है। एनसीआरबी के ताजा आंकड़ों के अनुसार, राजस्थान में वर्ष 2022 के मुकाबले 2023 में बुजुर्गों के खिलाफ अपराधों में लगभग 98 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। जहां 2022 में राजस्थान में 278 बुजुर्गों के खिलाफ अपराध हुए थे, वहीं 2023 में यह आंकड़ा बढ़कर 553 तक पहुंच गया। यह वृद्धि एक गंभीर चेतावनी है, जो राज्य में बुजुर्गों की सुरक्षा पर सवाल खड़े करती है। इसमें शामिल हैं: 12 हत्याएं, 114 ठगी, और 58 धोखाधड़ी के मामले। खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...

दवा कंपनियों की धोखाधड़ी, जीएसटी कम होने का लाभ नहीं दे रहीं, मरीज परेशान

राजस्थान में दवाओं पर जीएसटी (GST) स्लैब कम होने के बाद यह उम्मीद की जा रही थी कि मरीजों को दवाओं की कीमतों में कमी देखने को मिलेगी। लेकिन असलियत कुछ और ही थी। पड़ताल में यह सामने आया है कि कुछ दवा कंपनियों ने नियमों का उल्लंघन करते हुए दवाओं की पुरानी अधिकतम खुदरा कीमत (MRP) काटकर नई अधिक कीमतें चिपका दी हैं। इससे जीएसटी का लाभ मरीजों तक नहीं पहुंचा, बल्कि दवाइयां और महंगी हो गईं। चलिए पहले समझते हैं कि जीएसटी स्लैब में कमी का क्या प्रभाव था। भारतीय सरकार ने दवाओं पर जीएसटी स्लैब को घटाकर मरीजों के लिए राहत देने की योजना बनाई थी। इसका उद्देश्य था कि मरीजों को सस्ती दवाएं मिलें और दवाओं की कीमतों में कमी आए। इसके साथ ही दवा कंपनियों को भी उत्पादों की कीमतें घटाने का निर्देश दिया गया था। खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...

राजस्थान के 18 IAS-IPS बने चुनाव पर्यवेक्षक, बिहार चुनाव में निभाएंगे महत्वपूर्ण भूमिका

बिहार विधानसभा चुनाव और कुछ अन्य राज्यों में होने वाले उपचुनाव को देखते हुए चुनाव आयोग ने केंद्रीय पर्यवेक्षकों (Observers) की नियुक्ति की है। चुनाव आयोग ने यह फैसला लिया है कि भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) और भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के अधिकारियों को इन चुनावों में पर्यवेक्षक के रूप में लगाया जाएगा। इस नियुक्ति के तहत राजस्थान से कुल 18 अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है। चुनाव आयोग का मुख्य उद्देश्य चुनाव प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाए रखना है। इन पर्यवेक्षकों को विशेष रूप से चुनावी कानूनों, नियमों और दिशा-निर्देशों का पालन करने की जिम्मेदारी दी गई है। इसके अलावा, इन अधिकारियों को मतदाताओं के लिए चुनावी प्रक्रिया को सहज और सुलभ बनाने के लिए विभिन्न उपायों को लागू करने का काम सौंपा गया है। खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...

कफ सिरप विवाद : राजस्थान में बच्चों की मौत के बाद जागी सरकार, कायसन फार्मा की दवाओं पर रोक

राजस्थान सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए कायसन फार्मा कंपनी की सभी 19 प्रकार की दवाइयों पर रोक लगा दी है। इस निर्णय का कारण बच्चों में खांसी की सिरप (Cough Syrup) के सेवन से होने वाली बीमारियों और कुछ मामलों में मौतों की घटनाएँ हैं। इस निर्णय ने राज्य में स्वास्थ्य सुरक्षा के मुद्दे को प्रमुख बना दिया है। इसके साथ ही सरकार ने इस संबंध में एडवाइजरी जारी की है, जिसमें निर्देश दिए गए हैं कि ये सिरप 2 साल या उससे छोटे बच्चों को नहीं दी जानी चाहिए। कायसन फार्मा (Kaysons Pharma) जयपुर स्थित एक कंपनी है, जो खांसी की सिरप के साथ-साथ अन्य दवाइयों का उत्पादन करती है। इनमें फॉलिक एसीड ऑरल सिरप, एजिस्पर-500, मैकलिनॉस, लैक्टिक एसिड बेसिलस टैबलेट और ग्लोअप-एसएफ जैसी दवाइयां शामिल हैं। खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...

राजस्थान के पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी का निधन, दो साल से कोमा में थे

राजस्थान के कांग्रेस पार्टी के कद्दावर नेता और पूर्व विधानसभा नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर लाल डूडी का शुक्रवार देर रात बीकानेर में निधन हो गया। उनका निधन 62 वर्ष की आयु में हुआ। डूडी पिछले दो वर्षों से ब्रेन हेमरेज के कारण कोमा में थे। इस दुखद घटना ने न केवल कांग्रेस परिवार बल्कि राजस्थान के किसानों, दलितों और पिछड़े वर्गों में शोक की लहर दौड़ा दी है। डूडी का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव बीरमसर में किया जाएगा। रामेश्वर लाल डूडी का जन्म 1 जुलाई 1963 को बीकानेर जिले के नोखा तहसील के बीरमसर गांव में हुआ था। वह एक साधारण किसान परिवार से थे और जाट समाज के प्रमुख चेहरे थे। उनके परिवार का जुड़ाव होटल और खदान व्यवसाय से था। डूडी ने राजनीति में अपनी शुरुआत एनएसयूआई से की, जहां उन्होंने छात्र आंदोलनों के माध्यम से अपनी पहचान बनाई। उनकी राजनीति में स्थिरता और दृढ़ संकल्प का अद्भुत मेल था। खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...

सरकारी शिविर में अव्यवस्था देख भड़के मदन दिलावर, अधिकारियों को सुनाई खरी-खोटी

राजस्थान में शहरी और ग्रामीण सेवा शिविर का आयोजन किया जा रहा है। कई स्थानों पर यह शिविर अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ रहे हैं। शनिवार को शिक्षा एवं पंचायतराज मंत्री मदन दिलावर कोटा ग्रामीण के एक सेवा शिविर में निरीक्षण करने पहुंचे। मंत्री दिलावर को शिविर स्थल पर 3-4 विभाग के अधिकारी और कुछ ही कर्मचारी नजर आए, जो पंचायत कार्यालय के अंदर बैठे थे। यह देखकर मंत्री भड़क उठे। उन्होंने तुरंत उपखंड अधिकारी (SDM) गजेंद्र सिंह को फोन कर पूछा कि एसडीएम साहब-शिविर का समय क्या है? मंत्री बोराबास के शिविर में सुबह 10 बजे पहुंचे, लेकिन तब भी कुर्सियां खाली थीं। उन्होंने थोड़ी देर कुर्सियों को देखा और फिर खुद एक कुर्सी पर बैठ गए। मंत्री के आने की सूचना पर आंगनबाड़ी कर्मचारियों ने मंच के पीछे कैंप का बैनर लगाया। इसके बाद पंचायत कार्यालय में बैठे नायब तहसीलदार लेखराज स्वामी मौके पर पहुंचे। खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...

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