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Photograph: (the sootr)
सोलर कंपनियों के लिए दलाली कर रहे जैसलेमर कलेक्टर, तहसीलदार ने लगाए गंभीर आरोप
राजस्थान में पाकिस्तान से सटे जैसलमेर के जिला कलेक्टर प्रताप सिंह नाथावत विवादों में हैं। उन पर निजी सोलर प्रोजेक्ट के लिए 'दलाल' की भूमिका में काम करने के गंभीर आरोप लगे हैं। ये आरोप लगाने वाले कोई नहीं, बल्कि उनके मातहत अधिकारी हैं। कलेक्टर पर आरोप पहले पोकरण के उपखंड अधिकारी प्रभजोत सिंह ने और अब वहां के तहसीलदार विश्व प्रकाश चारण ने लगाए हैं। कलेक्टर के कारनामों को उजागर करने के बाद उपखंड अधिकारी और राज्य प्रशासनिक सेवा के प्रभजोत सिंह गिल को एपीओ कर दिया गया, जबकि तहसीलदार विश्व प्रकाश चारण अब निलंबित हो चुके हैं। ऐसे में कलेक्टर की कार्यशैली पर भी बड़े सवाल खड़े हो गए हैं। खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें...
बैंक ने 618 किसानों को 61 लाख रुपए किए वापस, फसल बीमा के नाम पर काट ली थी राशि
राजस्थान में अलवर जिले के नौगांवा में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में फसल बीमा के नाम पर काटे 61.8 लाख रुपए वापस खातों में जमा कर दिए। बैंक अधिकारियों ने बैंक की गलती मानते हुए 618 किसानों के खातो से कटे 10-10 हजार रुपए सभी किसानों के खाते में वापस कर दिए हैं। इस मामले में आई शिकायत की बैंक ने टीम भेजकर जांच की। इसके बाद यह राशि वापस किसानों के खाते में जमा की गई। सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की नौगांवा शाखा के प्रबंधक दीपक शर्मा ने बताया कि तकनीकी खराबी के कारण 618 किसान खाताधारकों के खातो से प्रत्येक के खाते से 10000-10000 रुपए की राशि कट गई थी। खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें...
राजस्थान यूनिवर्सिटी में रैगिंग : सीनियर छात्रों ने 35 नए विद्यार्थियों को 7 दिन तक परेशान किया
राजस्थान यूनिवर्सिटी में साइंस के फर्स्ट सेमेस्टर के 35 विद्यार्थियों के साथ रैगिंग का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यह घटना पिछले एक सप्ताह से जारी थी, जिसमें साइंस के थर्ड सेमेस्टर के विद्यार्थियों ने फर्स्ट सेमेस्टर के विद्यार्थियों को परेशान किया। इन विद्यार्थियों को क्लास के अंदर बंद कर डांस और एक्टिंग करने के लिए मजबूर किया जाता था। इस रैगिंग की घटना का विरोध करते हुए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने यूनिवर्सिटी प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोला। खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें...
रेरा का आदेश : बिल्डर और जमीन मालिक के बीच विवाद हो, तो घर खरीदने वाले नहीं होंगे प्रभावित
राजस्थान रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) ने कहा है कि हाउसिंग प्रोजेक्ट में बिल्डर और जमीन मालिक के विवाद से घर खरीदने वाले के अधिकार पर कोई प्रभाव नहीं होगा। रेरा ने एक प्रोजेक्ट में तय समय सीमा के भीतर क्रेता को मकान का कब्जा नहीं देने पर उससे वसूली गई पूरी राशि ब्याज सहित लौटाने के आदेश दिए हैं। जलाराम चौधरी ने अलौकिक बिल्डकॉन के प्रोजेक्ट मयूर ध्वज ग्रैंड में 59 लाख 80 हजार 500 रुपए में मकान खरीदने के लिए बिल्डर से एग्रीमेंट किया था। इसके लिए चौधरी ने 46 लाख रुपए बिल्डर अलौकिक बिल्डकॉन को अदा भी कर दिए थे। बिल्डर ने अप्रेल, 2020 तक मकान का कब्जा देने का एग्रीमेंट किया था। खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें...
डॉग बाइट के बढ़ते मामले और निराश्रित पशुओं से सड़क हादसे, हाईकोर्ट ने कहा सड़कें आमजन के लिए असुरक्षित
राजस्थान में निराश्रित पशुओं और बढ़ते डॉग बाइट के मामलों को लेकर राजस्थान हाई कोर्ट ने गंभीर रुख अपनाया है। अदालत ने स्वतः संज्ञान लेते हुए कहा कि राज्य में सड़कें और राष्ट्रीय राजमार्ग अब आमजन के लिए असुरक्षित हो गए हैं। कोर्ट की यह टिप्पणी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्टों के आधार पर था, जिसमें इन घटनाओं की गंभीरता को उजागर किया गया था। राजस्थान सड़क सुरक्षा के मामले में खास ध्यान दे तो हालात सुधर सकते हैं। निराश्रित पशु हादसे की वजह बन रहे हैं। खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें...
मंत्री किरोड़ीलाल मीणा ने सरकारी तंत्र पर उठाए सवाल, बोले-राजनीति अब सेवा नहीं, धंधा बन गई
जो इंसान दिल से काम करता है, वहीं असली जनसेवक होता है, लेकिन दुख के साथ बोलना पड़ रहा है कि आज राजनीति सेवा नहीं बल्कि धंधा बनकर रह गई है। सरकारी तंत्र में भ्रष्टाचार काफी गहराई तक घर कर चुका है, इस तंत्र को तोड़ना मुश्किल है पर नामुमकिन नहीं है। यह बातें राजस्थान सरकार के कृषि मंत्री किरोड़ीलाल मीणा ने सीकर के फतेहपुर में कही। उन्होंने यह बातें अधिकारियों द्वारा सरकारी योजनाओं में बरती जा रही लापरवाही को लेकर कही। मीणा ने इसके साथ ही अपनी राजनीतिक यात्रा की व्याख्या करते हुए कहा कि उनकी हमेशा से यह भावना रही है कि गरीबों, दबे-कुचलों और वंचितों की सेवा होनी चाहिए। खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें...
जनजाति शिक्षा के प्रति यह कैसा रवैया! अस्तित्व के संकट से जूझ रही राजस्थान की गोविन्द गुरु ट्राइबल यूनिवर्सिटी
दक्षिण राजस्थान के पिछड़े जनजातीय अंचल के तीन जिलों बांसवाड़ा, डूंगरपुर और प्रतापगढ़ में जनजाति के बच्चों में शिक्षा की अलख जगाने के लिए स्थापित गोविन्द गुरु ट्राइबल यूनिवर्सिटी खुद अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रही है। इस यूनिवर्सिटी की स्थापना को 13 वर्ष हो चुके हैं लेकिन, इस अवधि में विश्वविद्यालय ने स्थायी स्टाफ की नियुक्ति तक नहीं की है। रजिस्ट्रार से लेकर अकादमिक व शैक्षणिक पदों पर सभी संविदा या अस्थायी कर्मी ही कार्य कर रहे हैं। यूनिवर्सिटी में अभी तक कोई विभाग भी गठित नहीं हो पाया है। इसके साथ ही विश्वविद्यालय परिसर का निर्माण भी अधूरा है। खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें...
आईसीयू में पढ़ाई कर रहे बच्चों का जज्बा देखने लायक, परिजनों की मदद से लौट रही मुस्कान
झालावाड़ के पिपलोदी गांव में हुए स्कूल हादसे ने पूरे क्षेत्र को झकझोर दिया। इस हादसे में घायल हुए 11 बच्चों को उपचार के लिए झालावाड़ के मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया। हादसे की दर्दनाक यादें भले ही लोगों के दिमाग से नहीं निकलें, लेकिन इन बच्चों का हौसला और संघर्ष देखने लायक है। आईसीयू में भी ये बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं, जो उनके मजबूत जज्बे को दर्शाता है। हादसे के बाद इन बच्चों की शिक्षा के प्रति लगन उनके उज्ज्वल भविष्य के सपनों को सामने लाती है। हादसे के बाद इन बच्चों का हौसला और आत्मविश्वास बढ़ गया, खासकर जब उनके परिजनों ने उन्हें किताबें और स्कूल बैग दिए। इस दृश्य को देखकर हर कोई भावुक हो गया। खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें...
गणित में पिछड़ रहे राजस्थान के बच्चे, 8वीं कक्षा के 10 में से 4 छात्र ही कर पाते हैं भाग
राजस्थान के ग्रामीण सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे 8वीं कक्षा के बच्चों की गणितीय समझ और भाग करने की क्षमता में एक महत्वपूर्ण गिरावट देखी गई है। हाल में ही प्रकाशित एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट रूरल 2024 में इस समस्या का खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार, राजस्थान के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले केवल 25.5% बच्चे ही 2024 में सही तरीके से भाग कर पाए। यह आंकड़ा 2018 में 34.3% था। यानी बीते छह वर्षों में प्रदर्शन में करीब 9 प्रतिशत अंकों की गिरावट दर्ज की गई है। खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें...
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