प्रज्ञान ने ली तस्वीर... ''विक्रम लैंडर, प्लीज थोड़ा मुस्कुराइए'', दो पेलोड चेस्ट और आईएलएसए आए नजर

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The Sootr CG
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प्रज्ञान ने ली तस्वीर... ''विक्रम लैंडर, प्लीज थोड़ा मुस्कुराइए'', दो पेलोड चेस्ट और आईएलएसए आए नजर

Bangalore. चंद्रयान 3 की सफल लैंडिंग के बाद लैंडर चांद की नई-नई फोटो भेज रहा है तो रोवर प्रज्ञान चांद से जुड़ी अहम जानकारी दे रहा है। इस बीच अब चांद पर सैर करते हुए रोवर ने लैंडर की ही फोटो खींच भेजी है। प्रज्ञान रोवर ने बुधवार (30 अगस्त) सुबह 7 बजकर 35 मिनट पर विक्रम लैंडर की बेहद साफ तस्वीर ली है। लैंडर की फोटो रोवर के नेविगेशन कैमरे द्वारा ली गई थी। चंद्रयान-3 मिशन के लिए NavCams इलेक्ट्रो-ऑप्टिक्स सिस्टम प्रयोगशाला द्वारा विकसित किए गए हैं। 



इसरो ने पोस्ट कर लिखा- स्माइल प्लीज... 



इसरो ने बुधवार को लैंडर की फोटो जारी करते हुए प्रज्ञान रोवर की तरफ से लिखा ‘लैंडर थोड़ा स्माइल कीजिए’। बता दें कि फोटो रोवर के नेविगेशन कैमरे द्वारा ली गई थी। तस्वीर में विक्रम लैंडर को चांद की सतह पर खड़ा देखा जा सकता है। इसरो ने अपनी पोस्ट में बताया है कि फोटो में इसके दो पेलोड चेस्ट और आईएलएसए दिख रहे हैं। 




— ISRO (@isro) August 30, 2023



एक सेमी प्रति सेकंड की गति से चल रहा रोवर



छह पहियों वाले प्रज्ञान रोवर का वजन 26 किलो है। लैंडर 23 अगस्त को शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चंद्रमा पर उतरा था। ये 1 सेमी प्रति सेकंड की गति से चलता है और अपने आस-पास की चीजों को स्कैन करने के लिए नेविगेशन कैमरों का इस्तेमाल करता है।



अब तक कुल 9 एलिमेंट चांद की मिट्टी में मिले 



चांद पर पहुंचने के छठे दिन (29 अगस्त) को चंद्रयान ने दूसरा ऑब्जर्वेशन भेजा था। इसके मुताबिक चांद के साउथ पोल पर सल्फर की मौजूदगी है। चंद्रमा की सरफेस पर एल्युमीनियम, कैल्शियम, आयरन, क्रोमियम, टाइटेनियम की मौजूदगी का भी पता चला है। इसके अलावा चांद की मिट्टी में मैगनीज, सिलिकॉन और ऑक्सीजन भी मौजूद हैं, जबकि हाइड्रोजन की खोज जारी है। यानी अब तक कुल 9 एलिमेंट चांद की मिट्टी में मिले हैं।



14 दिन का चंद्रयान-3 मिशन : इसके बाद भयंकर ठंड नहीं झेल पाएंगे लैंडर-रोवर



चंद्रयान-3 मिशन 14 दिनों का है। दरअसल, चंद्रमा पर 14 दिन तक रात और 14 दिन तक उजाला रहता है। जब यहां रात होती है तो तापमान -100 डिग्री सेल्सियस से भी कम हो जाता है। चंद्रयान के लैंडर और रोवर अपने सोलर पैनल्स से पावर जनरेशन कर रहे हैं। इसलिए वो 14 दिन तो पावर जनरेट कर लेंगे, लेकिन रात होने पर पावर जनरेशन प्रोसेस रुक जाएगी। पावर जनरेशन नहीं होगा तो इलेक्ट्रॉनिक्स भयंकर ठंड को झेल नहीं पाएंगे और खराब हो जाएंगे।

 


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