हाल ही में ChatGPT जैसे AI टूल्स का गलत इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है, जिससे नकली आधार और पैन कार्ड बनाने की घटनाएं सामने आई हैं। OpenAI के GPT-4o मॉडल के द्वारा इमेज जनरेशन की नई क्षमता के साथ अब लोग असली जैसे दस्तावेज तैयार कर रहे हैं, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। यह मामला न केवल हैरान करने वाला है, बल्कि तकनीकी विकास के गलत इस्तेमाल को लेकर गंभीर सवाल भी खड़े करता है।
GPT-4o के लॉन्च होने के बाद ChatGPT ने 700 मिलियन से अधिक तस्वीरें बनाई हैं। इसका इमेज जनरेशन फीचर अब बहुत पावरफुल हो चुका है, जिससे नकली आधार कार्ड तैयार करना बेहद आसान हो गया है। इन नकली कार्डों में असली आधार कार्ड जैसी डिजाइन, बारकोड और नंबर होते हैं, बस चेहरे के फीचर्स थोड़े अलग दिखते हैं। इसके बावजूद, पूरी तस्वीर असली जैसी लगती है, जिससे इसे पहचान पाना मुश्किल हो जाता है।
PAN कार्ड भी बन रहे हैं नकली
आधार कार्ड के अलावा, अब लोग ChatGPT से नकली PAN कार्ड भी बना रहे हैं। इन कार्डों में असली कार्ड जैसी डिज़ाइन और जानकारी होती है, लेकिन चेहरे की कमी के कारण इन्हें पकड़ना मुश्किल हो जाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि PAN कार्ड जैसे दस्तावेजों में चेहरा नहीं होता, जिससे धोखाधड़ी करना आसान हो जाता है। जबकि आधार कार्ड की जानकारी को आसानी से बैकएंड सिस्टम से जांचा जा सकता है, PAN और ड्राइविंग लाइसेंस में इस तरह की जांच करना अधिक चुनौतीपूर्ण होता है।
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GPT-4o के तकनीकी खतरे
GPT-4o का इमेज जनरेशन सिस्टम पहले के DALL-E मॉडल से कहीं ज्यादा सटीक और फोटोरियलिस्टिक इमेज बना सकता है। हालांकि, OpenAI ने बच्चों की फोटो, एडल्ट कंटेंट और हिंसक सामग्री पर सख्त पाबंदी लगाई है, फिर भी यह तकनीक अब ऐसे फर्जी दस्तावेज तैयार करने में इस्तेमाल हो रही है। इससे समाज में पहचान की चोरी और धोखाधड़ी जैसी समस्याओं का सामना हो सकता है।
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AI टूल्स के गलत इस्तेमाल को रोकने के उपाय
विशेषज्ञों का मानना है कि AI टूल्स के इस्तेमाल पर सख्त नियम बनाने की आवश्यकता है। डिजिटल वॉटरमार्क और कंटेंट ट्रैकिंग जैसी तकनीकों को लागू करना जरूरी होगा, ताकि इन तस्वीरों का गलत इस्तेमाल रोका जा सके। इसके अलावा, पहचान चोरी को रोकने के लिए सख्त नियमों की आवश्यकता है, ताकि डिजिटल धोखाधड़ी से बचा जा सके।