जबलपुर. ओबीसी आरक्षण मामले में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में शुक्रवार को एक कैविएट (caveat) दायर की गई। यह कैविएट राज्य सरकार के 27 फीसदी आरक्षण (OBC reservation) देने के समर्थन में दाखिल की गई है। यानी अगर कोई सरकार के 27 फीसदी आरक्षण देने के फैसले के विरोध में हाईकोर्ट (mp highcourt) में याचिका दायर करता है। इस स्थिति में हाईकोर्ट मामले की एकतरफा सुनवाई नहीं करेगा।
वकीलों की संस्था ने कैविएट दायर किया
कैविएट ओबीसी एडवोकेट्स वेलफेयर एसोसिएशन की तरफ से दायर की गयी है। यह संस्था 2019 मार्च से ही बढ़े हुए ओबीसी आरक्षण की पैरवी कर रहा है। 2 सितंबर को सरकार ने आदेश जारी किया था। जिसके तहत सरकारी भर्तियों और परीक्षाओं में ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण दिया जाए। लेकिन इस आदेश में हाईकोर्ट में लंबित मामलों की रोक को जारी रखा गया है। यानी पीजी नीट (NEET PG) परीक्षा 2019- 2020, पीएसी मेडिकल अधिकारी क्लास 2 की भर्ती 2020 और शिक्षक भर्ती 2018 में 27 फीसदी आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा।
कैविएट से क्या होगा असर
कैविएट का मतलब है ऐसी याचिका जिसमें याचिकाकर्ता का पक्ष सुने बिना अदालत अपना फैसला नहीं दे सकती है। यह कैविएट उच्चतम और उच्च न्यायालय में दाखिल की जाती हैं। कैविएट उस परिस्थिति में दाखिल किया जाता है जब याचिकाकर्ता को ऐसा पूर्वानुमान हो कि दूसरा पक्ष उसकी याचिका को चुनौती दे सकता या फिर उसे अदालत से खारिज करवा सकता है।