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संदीप चौरसिया, NARMADAPURAM. जिस समय देश भयाभय बीमारी कोरोना से गुजर रहा था और शासन-प्रशासन आमजन को बचाने में जुटा था। इसी दौरान सरकारी ओहदे पर बैठे कुछ अधिकारियों ने अपनी जेब गर्म करने के लिए अलग-अलग तरीके भी अपनाए और अपनी जेब भरी। पवारखेड़ा के सुभाष चंद्र बोस बालक छात्रावास में फर्जी बिल लगाए गए। सीए की ऑडिट रिपोर्ट में ये सामने आया है। बीआरसी आनंद शर्मा पर धमकी देकर ब्लैंक चेक पर साइन कराने जैसे गंभीर आरोप जनशिक्षक संतोष साहू ने लगाए।
बीआरसी आनंद शर्मा पर गंभीर आरोप
पंवारखेड़ा के सुभाष चंद्र बोस बालक आवासीय छात्रावास में कोरोना काल के दौरान सभी जगह शासन ने 2019-2020 में लॉकडाउन लगाया था। सभी शासकीय स्कूल और छात्रावासों के बच्चों की छुट्टी कर दी गई थी। इसी दौरान इस छात्रावास में बच्चों की उपस्थिति दिखाकर बिलों का भुगतान कराया गया।
सीए के ऑडिट में कई बिलों के भुगतान पर आपत्ति
आरटीआई एक्टिविस्ट जनशिक्षक सुनील मालवीय ने द सूत्र को बताया कि 1 अप्रैल 2019 से 31 मार्च 2021 तक सीए के ऑडिट में कई बिलों के भुगतान पर आपत्ति लगाई गई है। ऑडिट रिपोर्ट में आयुक्त बिल दिनांक 17 फरवरी 2020 राशि 51 हजार रुपए, 1 मार्च 2020 राशि 45 हजार रुपए, बिल क्रमांक-11 दिनांक 17 मई 2020 राशि 12 हजार रुपए, इनोवा गाड़ी, छात्रावास के लिए इसी प्रकार लैपटॉप और टीवी खरीदी गई जो अनियमित रूप से खरीदी गई। इसमें ऑडिट आपत्ति दर्ज है।
झूठी जानकारी देने का आरोप
सुभाष चंद्र बोस आवासीय बालक छात्रावास में सविंदा सहायक वार्डन पद पर पीए मीना कार्यरत थे जिसे 65 साल की आयु पूर्ण होने पर जिला शिक्षा आदेश क्रमांक 820 दिनांक 5 जुलाई 2021 के द्वारा संबंधित की संविदा नियुक्ति समाप्त की जा चुकी है। वर्तमान में बीआरसी आनंद शर्मा ने तरह-तरह के षड्यंत्र रचकर पत्र क्रमांक 23 जून 2022 के द्वारा सहायक वार्डन संविदा के फर्जी हस्ताक्षर करके गलत और अधूरी जानकारी दी। सबंधित को वार्डन घोषित करते हुए और छात्रावास का रिकॉर्ड चोरी होने संबंधी जानकारी सूचना के अधिकार के तहत गलत जानकारी दी गई जो गंभीर अनियमितता और झूठी जानकारी देने की श्रेणी में आता है।
दबाव बनाकर ब्लैंक चेक पर कराए साइन
जनशिक्षक संतोष साहू का बीआरसी आनंद शर्मा पर आरोप है कि धमकी देकर ब्लैंक चेक पर हस्ताक्षर कराए। सबंधित जनशिक्षक के आवेदन में इस बात की पुष्टि हो रही है कि ब्लैंक चेक पर हस्ताक्षर दबाव बनाकर कराए जा रहे हैं जो जिला शिक्षा केंद्र में दिए गए।
बीआरसी आनंद शर्मा ने जनशिक्षक पर बनाया दबाव
जब ये मामला प्रकाश में आया तो अधिकारी ने उसे भी मानसिक रूप से प्रताड़ित करके मामले की शिकायत वापस लेने का दबाव बनाया। आरटीआई एक्टिविस्ट सुनील मालवीय ने नर्मदापुरम जनसुनवाई में 2 बार, राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल, आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो भोपाल के साथ ही संभाग आयुक्त को शिकायती पत्र सौंपे।
बीआरसी आनंद शर्मा ने मामले से पल्ला झाड़ा
अधिकारियों ने इस गंभीर मामले को लेकर आज तक कोई जांच नहीं की जिससे ये जाहिर होता है कि मामले में सभी की मिलीजुली सरकार है। वहीं जब इस मामले को लेकर बीआरसी आनंद शर्मा से द सूत्र ने बात की तो उन्होंने मामले से पल्ला झाड़ लिया।
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कांग्रेस ने की दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग
नर्मदापुरम के कांग्रेस जिला महामंत्री धर्मेंद्र सिंह नागवंशी का कहना है कि इस घोटाले में सरकार के नुमाइंदे जांच प्रक्रिया को दूषित कर रहे हैं। मामले की जांच नहीं की जा रही है। अगर सही तरीके से जांच की जाए तो लाखों रुपए की हेराफेरी सामने आएगी। अगर कोरोना काल में अधिकारी जनहित के लिए काम कर रहे थे तो उनकी नाक के नीचे इतना बड़ा घोटाला कैसे हो गया। धर्मेंद्र सिंह नागवंशी ने दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।