JAIPUR. राजस्थान में बीजेपी की परिवर्तन यात्रा को लेकर विवाद सामने आया है। बीजेपी की पूर्व सरकारों में मंत्री रह चुके पार्टी के वरिष्ठ नेता रामकिशोर मीणा ने पार्टी के चुनाव प्रभारी प्रहलाद जोशी को पत्र लिखा है और इसमें परिवर्तन यात्रा की व्यवस्थाओं के लिए टिकट के दावेदारों से पैसे लिए जाने तथा परिवर्तन यात्रा के रथ पर चढ़ने के लिए पार्टी के 'प्रोटोकॉल' के बारे में जानकारी मांगी है। हालांकि, मीणा के पास अभी जोशी की तरफ से कोई जवाब नहीं आया है।
यात्रा के स्वागत के लिए टिकट के दावेदारों से पैसे लिए
जोशी को लिखे इस पत्र में रामकिशोर मीणा ने दौसा जिले में परिवर्तन यात्रा के आगमन के दौरान प्रोटोकाल के नाम पर उन्हें रथ पर नहीं चढ़ने देने की व्यथा बताई है और साथ ही यह भी लिखा है कि यात्रा के स्वागत तथा व्यवस्था के लिए टिकिट के दावेदारों से पैसे लिए गए हैं। पूर्व मंत्री ने पत्र के जरिए पूछा है कि क्या पार्टी ने पैसे लेने का कोई निर्णय किया है और पार्टी में प्रोटोकॉल की क्या व्यवस्था है।
पूर्व मंत्री मीणा ने लिखा कि सरकारी कार्यक्रम में तो प्रोटोकॉल समझ आता है, परंतु यह पार्टी के कार्यक्रम कैसा प्रोटोकॉल है और इसकी क्या व्यवस्था है।
यात्रा संयोजक ने रथ पर नहीं चढ़ने दिया
मीणा ने लिखा हैं कि 10 सितम्बर 2023 को सिकराय विधानसभा क्षेत्र की पीचूपाड़ा मेगा हाइवे टोल से परिवर्तन यात्रा का कार्यक्रम था। जिसके लिए मुझे सिकराय विधानसभा संयोजक रामअवतार कसाना और कई मण्डल अध्यक्षों और वरिष्ठ कार्यकर्ताओं ने आंमत्रित किया था। 12 बजे उपरोक्त स्थान पर बांदीकुई से यात्रा आने का समय था। मैं समय से यात्रा स्थल पर पहुंच गया। इसके बाद मुझे केंद्रीय मत्री कृष्णपाल, जसकोर मीणा, रामकुमार वर्मा और टिकट के आकांक्षी रथ पर सवार थे। मुझे रथ पर ऊपर आने का इशारा किया गया, लेकिन यात्रा के संयोजक अरुण चतुर्वेदी ने प्रोटोकॉल का हवाला देते हुए नहीं चढ़ने दिया। हालांकि, बाद में रथ में पीछे की सीट पर बिठा लिया। इसके बाद अरुण के यह कहने पर कि सिकन्दरा चौराहे वाली आमसभा में आपका कहीं कोई प्रोटोकॉल नहीं है। इसके बाद वे रथ से उतर गए और रथ के आगे-आगे चलने लगे।
यात्रा संयोजक के मना करने पर ही सभा में नहीं पहुंचा
मीणा ने कहा कि यात्रा के संयोजक अरुण चतुर्वेदी की यह बात सुनकर कि मीणा के समर्थकों ने सभा में व्यवधान पैदा किया। यह बात सुनकर काफी वेदना हुई। उन्होंने कहा कि चतुर्वेदी के मना करने पर ही मैं सभा में नहीं पहुंचा। मीणा ने पार्टी के चुनाव प्रभारी प्रहलाद जोशी को लिखा कि आप देश चलाते हैं, मैं दो बार मंत्री रहा हूं। मैंने सरकारी कार्यक्रमों में तो प्रोटोकाल सिस्टम देखा है कि किन्तु संगठन के कार्यक्रमों में मैंने पहली बार प्रोटोकाल शब्द का अरूण जी से उच्चारण सुना। फिर यह उचित समझा कि आपसे इस संदर्भ में मार्गदर्शन लूं।
मीणा ने चुनाव प्रभारी जोशी को लिखे पत्र के अंश
- परिवर्तन रथ में चढ़ने बैठने के क्या-क्या प्रोटोकाल है ?
- परिवर्तन यात्रा - सभा में क्या-क्या प्रोटोकॉल है? कृपया उपरोक्त प्रोटोकॉल हेतु मार्गदर्शन कर अनुग्रहीत करें।
- मेरी जानकारी में आया है कि भारतीय जनता पार्टी के टिकिट के अभ्यर्थियों से जिले भर में जिला संगठन द्वारा किसी से 1 लाख, किसी से 50 हजार तथा कई विधानसभाओं से 25-25 हजार रुपए एकत्रित कर प्रदेश संगठन के निर्देश के नाम पर लिए गए थे, लिए जा रहे हैं, सिकराय विधानसभा से 13 उम्मीदवारों से 50-50 हजार रुपए से लेकर 1 लाख रुपए प्रति आवेदक से लिए गए हैं। दौसा विधानसभा में 22 उम्मीदवारों से 25-25 हजार रुपए एकत्रित किए। जिले की अन्य विधानसभओं क्षेत्रों से भी पैसे लिए जाने की भी जानकरी आ रही है।
- सभा के आयोजन स्वागत व भोजन के लिए भी राशि एकत्रित की जा रही है। जबकि यह प्रदेश संगठन से दिए जाने की व्यवस्था होती अब तक होती आई है। प्रदेश नेतृत्व स्तर पर ऐसा क्या कोई निर्णय हुआ है?
- सन 1977 से राजनीति में हूं। 14 बार विधायक, जिसमें दो बार राजस्थान सरकार में मंत्री, एक बार प्रधान ( राजस्थान के कुल 9 में से 1 प्रधान), दो बार पार्टी उपाध्याक्ष तथा गत दिनों में ST मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष का दायित्व संगठन के आदेश से निभाया है। इस सरकारी कार्यक्रमों में तो यह प्रोटोकाल शब्द का प्रयोग सुना हैं किन्तु पार्टी कार्यक्रमों में पहली बार 'प्रोटोकाल' का उपचारण सुना है। क्या नया पार्टी प्रोग्राम में कोई प्रोटोकॉल का नियम जुड़ा है?
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मीणा ने कहा अब तक जवाब नहीं आया
द सूत्र से बातचीत में रामकिशोर मीणा ने स्वीकार किया कि उन्होंने पत्र लिखा है और घटना का जिक्र करते हुए मार्गदर्शन भी मांगा है। उन्होंने कहा कि यह पत्र 11 या 12 सितंबर को लिखा था, लेकिन अभी तक जवाब नहीं आया है।