छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय ( CM Vishnudev Sai ) ने बेमेतरा बारुद ब्लास्ट मामले की जांच ( investigation ) के लिए एक कमेटी गठित कर दी है। कमेटी ये पता लगाएगी कि आखिर विस्फोट कैसे हुआ है। प्रारंभिक जांच में विस्फोट का कारण नहीं आया है। प्रशासन घायल और मृतक के परिजनों की हर संभव मदद कर रही है। दरअसल बेमेतरा बेरला के पिरदा में पिछले 27 साल से स्पेशल ब्लास्ट प्राइवेट लिमिटेड बारुद फैक्ट्री चल रही है। शनिवार यानी 25 मई की सुबह 7:57 बजे इसकी पीईटीएन यूनिट में जोरदार धमाका हुआ था। विस्फोट इतना जोरदार था कि दो मंजिला बिल्डिंग जमीदोंज हो गई और कई कर्मचारियों के चिथड़े उड़ गए थे।
विस्फोट की वजह नहीं आई सामने
बेमेतरा बारुद फैक्ट्री में पेंटाएरीथ्रिटोल टेट्रानाइट्रेट (पीईटीएन) हाइली एक्सप्लोसिव हैं। फैक्ट्री में एडवांस विस्फोटक बनाया जा रहा था। यह कार्बनिक यौगिक है। यह चार नाइट्रेट क्रिया समूह का है। इसका उपयोग डेटोनेटिंग कॉर्ड, ब्लास्टिंग कैप और अन्य विस्फोटक उपकरणों के निर्माण में किया जाता है। इसे माइन्स 20 डिग्री से भी कम तापमान में रखा जाता है। अधिक तापमान में यह फट जाता है। इस तरह की फैक्ट्री की एसओपी तय है, जिसका पालन करना जरूरी है। क्योंकि बहुत संवेदनशील पदार्थों का इसमें उपयोग होता है। धमाके की वजह शायद इस तापमान को मेंटेन न कर पाना हो सकती है।
होगी मामले की जांच: सीएम
सीएम विष्णुदेव साय ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही घायलों को 50-50 हजार रुपए और मृतक के परिजन 5 लाख रुपए देने का ऐलान किया है। इससे पहले, डिप्टी सीएम अरुण साव, मंत्री दयालदास बघेल, विधायक दीपेश साहू, ईश्वर साहू समेत आसपास कई नेता घटना स्थल पहुंचे। उन्होंने घटना स्थल का जायजा लिया। परिजनों से चर्चा की। राज्यपाल समेत अन्य ने घटना को लेकर संवेदना प्रकट किया है। दूसरी ओर, रेस्क्यू ऑपरेशन अंधेरे के चलते रात का रोक दिया गया।
दो साल पहले फैक्ट्री बंद की गई थी
2022 में फैक्ट्री को बंद कर दिया गया था। सरकार ने फैक्ट्री में सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं पाया था। कुछ ही माह बाद फैक्ट्री को फिर शुरू कर दिया गया। लेकिन सुरक्षा इंतजाम में कोई सुधार नहीं हुआ। चर्चा है कि तत्कालीन सरकार से सांठगांठ कर फैक्ट्री को चालू कर दिया गया। बेरला एसडीएम पिंकी मनहर ने बताया कि एक सप्ताह पहले ही फैक्ट्री का निरीक्षण हुआ था।
मलबा में मिल रहे इंसान के शरीर टुकड़े
मलबा हटाने के दौरान कई मानव अंग दिखाई दे रहे हैं। लापता लोगों का भी सुराग नहीं है। ऐसे में आशंका है कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। इसे लेकर फैक्ट्री के कर्मचारी और उनके परिजनों में काफी आक्रोश है। वे लगातार नारेबाजी और प्रदर्शन कर रहे हैं। बेमेतरा एसपी रामकृष्ण साहू के मुताबिक विस्फोट की जांच एक्सपर्ट की टीम से कराई जा रही है। फॉरेंसिक जांच के बाद ही वजह सामने आएगी।
डीएनए टेस्ट से की जाएगी पहचान
विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि यूनिट का पूरा मलबा आसपास के लगभग आधा किलोमीटर दूर तक छिटककर गिरा है। सीमेंट से बने यूनिट का कॉलम फैक्ट्री के बाहर से गुजरे हाई टेंशन तार पर लटकता हुआ पाया गया है। मलबा हटाते समय यूनिट में दबे मजदूरों के शरीर के चिथड़े दिखाई दे रहे थे। अब मानव अंगों की पहचान के लिए डीएनए टेस्ट किया जाएगा।
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