BHOPAL. मध्यप्रदेश में सरकारी नौकरी की तलाश कर रहे बेरोजगार युवाओं के लिए एक अच्छी खबर है। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में करीब 70 हजार खाली पदों पर अतिथि शिक्षकों की जो भर्ती की जा रही है... उसके लिए 17 अगस्त के बाद फिर आवेदन किए जा सकेंगे। लोक शिक्षण संचालनालय यानी DPI ने लगातार तीसरी बार आवेदन प्रक्रिया की तारीख बढ़ा दी है। हालांकि DPI की कार्यप्रणाली, लेटलतीफी और मनमर्जी रवैए को लेकर अलग-अलग बेरोजगार संघ और अतिथि शिक्षक भर्ती के उम्मीदवार सवाल भी उठा रहे हैं। कब तक है आवेदन की आखिरी तारीख और उम्मीदवार क्यों उठा रहे हैं सवाल।
स्कूलों में दो माह बाद भी नहीं हो रही पढ़ाई
मध्यप्रदेश में इन दिनों शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए अतिथि शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया चल रही है। लोक शिक्षण संचालनालय ने करीब 70 हजार पदों पर हो रही भर्ती प्रक्रिया की तारीख एक बार फिर बढ़ा दी है। आवेदन शिक्षा विभाग के GFMS यानी गेस्ट फैक्ल्टी मैनेजेंट सिस्टम पोर्टल पर किए जा रहे हैं। जिस पर अब 17 अगस्त तक आवेदन भरे जा सकेंगे। इससे पहले आवेदन शुरू होने से लेकर अब तक कई तरह के विवाद सामने आ रहे हैं। जिसे लेकर आवेदकों में भारी नाराजगी है।
उन्होंने आरोप लगाए हैं कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों में एक जून से 2024-25 शैक्षणिक सत्र की शुरुआत हो चुकी है। लेकिन सरकार ने अगस्त से अतिथि शिक्षकों की भर्ती शुरू की। लेकिन वो भी सही तरीके से नहीं हो रही है। क्योंकि DPI भी MPPSC और ESB की तरह ही कोताही बरत रहा है। प्रदेश के स्कूलों में वैसे भी शिक्षकों की कमी की वजह से 2023-24 सत्र का परीक्षा परिणाम बेहद खराब रहा। जिसका ठीकरा DPI ने अतिथि शिक्षकों पर ही फोड़ दिया। वहीं सीधे-सीधे करीब 30 हजार अतिथि शिक्षकों को नए शैक्षणिक सत्र से बाहर किया जा चुका है।
खामियों से भरी है नियुक्ति की प्रक्रिया
नए शिक्षा सत्र में फिर से अतिथि शिक्षकों की भर्ती की जा रही है। लेकिन इसमें भी कई तरह की खामियां सामने आ रही हैं। DPI की लेटलतीफी का आलम देखिए कि 01 अगस्त से अतिथि शिक्षकों की ऑनलाइन नियुक्ति के लिए पोर्टल खोला था लेकिन दो अगस्त को मैंटेनेंस की वजह से पोर्टल बंद कर खेद जता दिया गया। 5 अगस्त तक पोर्टल बंद रहा जिससे हजारों युवा आवेदन करने के लिए भटकते रहे। 6 अगस्त को डीपीआई का यह पोर्टल शुरू हुआ लेकिन तकनीकी खामियों की वजह से आवेदक मुश्किल में फंस गए थे।
अतिथि शिक्षक बनने के लिए आवेदन करने के लिए कई जरूरी जानकारियां पोर्टल पर नजर नहीं आने के कारण वे डीपीआई मुख्यालय भी पहुंचे थे। स्कूल शिक्षा विभाग के निर्देश हैं कि पिछले सत्र में पढ़ाने वाले अतिथियों को अन्य के मुकाबले प्राथमिकता दी जाए। लेकिन कई स्कूलों में अतिथि शिक्षक इसमें गड़बड़झाला होने की शिकायत कर चुके हैं।
डीपीआई की लेटलतीफी से ठप स्कूली शिक्षा
डीपीआई द्वारा अतिथि शिक्षक नियुक्ति में लगातार की जा रही लेटलतीफी स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई पर बुरा असर डाल रही है। क्योंकि प्रदेश में जून से स्कूल खुल चुके हैं लेकिन अब भी ज्यादातर स्कूलों में शिक्षकों का टोटा है। कई स्कूलों में तो विषय विशेषज्ञ ही नहीं है जिसके कारण इन स्कूलों में इन विषयों में पढ़ाई दो महीने बाद भी शुरू नहीं हुई है। सोशल मीडिया पर अलग-अलग बेरोजगार संघ और युवा भी अतिथि शिक्षकों की जॉइनिंग को लेकर लगातार सरकार और DPI से सवाल पूछ रहे हैं।
उनका आरोप है स्कूल शिक्षा विभाग रेगुलर भर्ती और उच्च प्रभार पद से अतिथि शिक्षकों की सेवाएं समाप्त कर रहा है। सरकार सिर्फ कागजों में भर्ती कर रही है। नए शैक्षणिक सत्र में अतिथि शिक्षकों की भर्ती में लगातार देरी हो रही है। पिछले सत्र में भी डीपीआई की वजह से नियुक्ति में देरी हुई थी और परिणाम खराब रहने पर पूरा दोष अतिथियों पर थोप दिया गया था। सरकार का कोई ध्यान अच्छी स्कूली शिक्षा पर नहीं है।
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