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Photograph: (the sootr)
भ्रष्टाचार से घिरे अफसर को हाई कोर्ट से मिली राहत, सरकार का सुप्रीम कोर्ट जाने से इनकार
लगता है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ राजस्थान सरकार का जीरो टॉलरेंस का नारा फुस्स हो गया है। सरकार ने भ्रष्टाचार के आरोपों में हाई कोर्ट से राहत पाने वाले गृह विभाग के सेक्शन अधिकारी के मामले में सुप्रीम कोर्ट में अपील करने से इनकार कर दिया है। हाईकोर्ट ने मार्च, 2025 में राकेश कुमार मीणा के खिलाफ एसीबी में दर्ज एफआईआर, अभियोजन स्वीकृति और टेलीफोन टैपिंग की अनुमति को रद्ध करते हुए एसीबी कोर्ट में चल रहे मुकदमे को भी निरस्त कर दिया था। पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...
पुलिस हिरासत में मौत के बाद किशनगंज थाने के एसएचओ समेत 23 पुलिसकर्मी लाइन हाजिर
राजस्थान में फिर पुलिस हिरासत में मौत का मामला सामने आया है। बारां जिले के किशनगंज थाना क्षेत्र में हत्या के आरोपी लोकेश सुमन की पुलिस हिरासत में मौत ने पूरे पुलिस प्रशासन को कटघरे में खड़ा कर दिया है। मृतक के परिजनों ने पुलिस पर मारपीट का आरोप लगाया है और मामले को हत्या के रूप में दर्ज करने की मांग की है। इसके अलावा, परिवार ने एक करोड़ रुपए मुआवजे और सरकारी नौकरी की भी मांग की है। मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला पुलिस अधीक्षक अभिषेक अंडासु ने तुरंत कार्रवाई करते हुए किशनगंज थाने के SHO विनोद मीणा समेत 23 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया है। पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...
झुंझुनूं की शहीद पत्नी ने मांगी इच्छा मृत्यु, कहा-अब मेरी न्याय की उम्मीद पूरी तरह टूट चुकी
राजस्थान के झुंझुनूं जिले की वीरांगना ओम कंवर ने जिला कलेक्टर कार्यालय में एक ज्ञापन सौंपकर इच्छा मृत्यु की अनुमति मांगी है। उनका कहना है कि पिछले आठ महीने से उनके खेत पर दबंगों ने कब्जा कर रखा है और वे बार-बार पुलिस थानों के चक्कर काटने के बावजूद न्याय प्राप्त नहीं कर पा रही हैं। इस निरंतर हो रही प्रताड़ना और न्याय की अनदेखी से वह इतनी टूट चुकी हैं कि उन्होंने अब इच्छा मृत्यु की मांग की है। 19 जुलाई, 2025 को ओम कंवर के पड़ोसियों विकेंद्र सिंह, आनंद सिंह, राजू कंवर और सुरज्ञान कंवर ने उनके खेत पर कब्जा करने की कोशिश की। जब उन्होंने इसका विरोध किया, तो उन्हें मुंह दबाकर खेत से बाहर फेंक दिया गया। पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...
छात्रसंघ चुनाव की लड़ाई हाई कोर्ट तक पहुंची, कोर्ट ने राजस्थान विश्वविद्यालय को किया तलब
राजस्थान हाई कोर्ट ने राजस्थान विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव नहीं करवाने पर राज्य सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन से एक अगस्त तक जवाब मांगा है। जस्टिस अनूप ढंड ने यह अंतरिम आदेश राजस्थान विश्वविद्यालय के एमए के छात्र जय राव की याचिका पर दिए। राव के एडवोकेट शांतनु पारीक ने कोर्ट को बताया कि विश्वविद्यालय के हर छात्र को अपना प्रतिनिधि चुनने का संवैधानिक अधिकार है। अपने प्रतिनिधि के माध्यम से ही विद्यार्थियों की समस्याएं प्रशासन तक पहुंचती हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भी केरल विश्वविद्यालय के मामले में इसे मूलभूत अधिकार माना है। पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...
राजुवास बीकानेर विवि: त्रिभुवन शर्मा को सर्च कमेटी अध्यक्ष बनाने पर विवाद
राजुवास यानी राजस्थान पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, बीकानेर के कुलपति की नियुक्ति के लिए गठित सर्च कमेटी के अध्यक्ष पद पर त्रिभुवन शर्मा की नियुक्ति को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया है। त्रिभुवन शर्मा को इस पद से हटाया नहीं गया है। इस निर्णय से विवि की पारदर्शिता और नियमों के पालन पर सवाल उठ रहे हैं। केंद्र सरकार द्वारा जारी की गई अधिसूचना और राज्यपाल के निर्देशों के अनुसार, किसी भी व्यक्ति को उस विश्वविद्यालय में पहले से कार्यरत होने के कारण सर्च कमेटी का अध्यक्ष नहीं बनाया जा सकता। पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...
बाड़ ही जब खेत को खाए: रीको ने बसा दिया नाहरगढ़ सेंचुरी में औद्योगिक क्षेत्र, प्रदूषण से जंगल हो रहा बर्बाद
बाड़ ही जब खेत को खाए तो रखवाली कौन करेगा। ठीक यही स्थिति राजस्थान के जयपुर की नाहरगढ़ सेंचुरी की है, जिसे सरकार ही बर्बाद करने पर तुली है। हम यह बात इसलिए कह रहे हैं कि सरकार ने जयपुर की नाहरगढ़ सेंचुरी के उस एरिया में औद्योगिक क्षेत्र बसा दिया, जहां जंगल के नियमों में किसी भी व्यवसायिक गतिविधियों पर पूरी तरह रोक है। यहां एक-दो नहीं, बल्कि सैंकड़ों कारखानों का प्रदूषण जंगल को नुकसान पहुंचा रहा है। दरअसल, यह मामला विश्वकर्मा औद्योगिक क्षेत्र का है। सरकारी एजेंसी रीको ने नाहरगढ़ वन्यजीव अभ्यारण्य के बीड़ पापड़ गांव के खसरा नंबर 7-2 की जमीन पर इस औद्योगिक क्षेत्र के विस्तार के लिए न तो कोई भू-रूपांतरण कराया और न वन महकमे से कोई क्लियरेंस ली। उसने अपने स्तर पर मनमाने तरीके से इंडस्ट्रीज को इस खसरा नंबर की जमीनें बांट दीं। इसके बाद यहां सघन औद्योगिक क्षेत्र विकसित हो गया। पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...
अजमेर हाई सिक्योरिटी जेल में 150 हार्डकोर अपराधी बंद, दो चला रहे थे मोबाइल और स्मार्ट वॉच
अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल में पुलिस ने एक और महत्वपूर्ण कार्रवाई की है, जिसमें दो कुख्यात अपराधियों के पास मोबाइल फोन और स्मार्ट वॉच जैसी प्रतिबंधित वस्तुएं बरामद की गईं। यह कार्रवाई जेल में हो रही अवैध गतिविधियों पर लगाम लगाने के उद्देश्य से की गई। जेल में मोबाइल और स्मार्ट वॉच मिलना जेल सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है। सिविल लाइन थाना पुलिस ने हाई सिक्योरिटी जेल की वार्ड एक, ब्लॉक तीन और ब्लॉक पांच में अचानक तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान मोनू उर्फ सूखा के पास से स्मार्ट वॉच, सिम कार्ड, चार्जर और एडॉप्टर बरामद किए गए। इस बात का खुलासा हुआ कि ये बंदी जेल के भीतर रहकर बाहरी संपर्क में थे और संभवतः आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दे रहे थे। पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...
बिना उद्घाटन नए स्कूल भवनों में कक्षा प्रारंभ करने के निर्देश, ज्यादातर जगह इंतजार चल रहा
राजस्थान के शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने सभी संस्था प्रधानों एवं जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे प्रदेश में स्कूल भवन अथवा नवनिर्मित कक्षा कक्षों में कक्षाएं लगाना प्रारंभ करें। वे भवन के उद्घाटन का इंतजार ना करें। वे बिना उद्घाटन कक्षाएं शुरू करें। अब सवाल यह है कि दिलावर के ये निर्देश कितने कारगर होंगे, क्योंकि बिना उद्घाटन किसी भवन का इस्तेमाल अब तक हो नहीं पाया है। इस काम में विधायकों की दिलचस्पी सबसे ज्यादा रहती है, क्योंकि उनके नाम का बोर्ड वहां पर लगता है। क्या स्कूल भवन सुरक्षा का विषय सरकार की प्राथमिकता बन पाएगा? पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...
जयपुर के रामगढ़ बांध पर कृत्रिम वर्षा का ऐतिहासिक प्रयोग 31 जुलाई से, तैयारियां अंतिम चरण में
पानी के लिए तरस रहे जयपुर के रामगढ़ बांध पर 31 जुलाई को पहली बार कृत्रिम बारिश की जाएगी। यह प्रयोग भारतीय मौसम वैज्ञानिकों और अमरीकी कंपनी के अधिकारियों की संयुक्त पहल है। यह तकनीकी रूप से एक ऐतिहासिक कदम है, जो राजस्थान के लिए उपयोगी साबित हो सकता है । इस कार्य में ड्रोन और एआई तकनीक की मदद ली जा रही है। कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने इस परियोजना की तैयारियों की समीक्षा की है। इस प्रक्रिया के तहत, वैज्ञानिक बादलों की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए हैं। नासा के उपग्रह, आइएमडी के रडार और चलित वेदर स्टेशन सिस्टम का उपयोग कर बादलों की स्थिति को ट्रैक किया जा रहा है। सिल्वर आयोडाइड जैसे रसायनों को बादलों में छिड़कने की योजना है, ताकि वर्षा हो सके। पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...
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