कोलकाता हाई कोर्ट के तेजतर्रार न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय ( Calcutta HC's Justice Abhijit Gangopadhyay ) ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी ( BJP ) में शामिल होने की घोषणा की है। उम्मीद जताई जा रही है कि वह लोकसभा ( Lok sabha election 2024 ) का चुनाव लड़ेंगे। गंगोपाध्याय पिछले कुछ सालों से अपने खास निर्णयों को लेकर चर्चा में रहे हैं, जिससे वे पश्चिम बंगाल ( West Bengal ) की सरकार के लिए परेशानी का सबब बन रहे थे।
गुरुवार को बीजेपी में होंगे शामिल
अपने विभिन्न फैसलों के दौरान पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ( TMC ) और उसकी सरकार के ख़िलाफ़ कड़ी टिप्पणियों के लिए अक्सर सुर्ख़ियों में रहने वाले न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने सोमवार को हाई कोर्ट के जज के तौर पर आखिरी दिन काम किया और मंगलवार को मीडिया के सामने रूबरू होकर अपने इस्तीफे की घोषणा की। उन्होंने कहा कि वह कल गुरुवार को आधिकारिक तौर पर बीजेपी में शामिल होंगे। उन्होंने अभी यह नहीं बताया कि वह किस लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि गंगापाध्याय को मेदिनीपुर की किसी सीट से चुनाव मैदान में उतारा जा सकता है। रोचक बात यह है कि सोमवार को उनका आखिरी फैसला ईस्ट मेदिनीपुर जिले के एक जज को बर्खास्त बर्खास्त करने से जुड़ा हुआ था।
टीएमसी के व्यवहार से दुखी थे
उन्होंने स्पष्ट किया कि वह राजनीति में इसलिए जा रहे हैं क्योंकि टीएमसी ने उन्हें मैदान में लड़ने की चुनौती दी थी। गंगोपाध्याय के अनुसार वह पश्चिम बंगाल की वर्तमान राजनैतिक स्थित से संतुष्ट नहीं है, इसलिए राज्य के लोगों के लिए कुछ करना चाहते हैं। उन्होंने दुखी मन से कहा कि सत्ताधारी पार्टी के प्रवक्ता व नेता बार-बार उनकी आलोचना कर रहे थे, जबकि नियमों के अनुसार वह ऐसा नहीं कर सकते थे। असल में सरकार के घोटाले सामने आ रहे थे और वह इन पर टिप्पणियां व आदेश जारी कर रहे थे, जो उनका कर्तव्य था। गंगोपाध्याय के अनुसार उन्होंने सोमवार को कोलकाता हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। उन्होंने अपने आलोचकों को चुनौती दी कि वे उन निर्णयों के खिलाफ केस दर्ज करके दिखाएं जो उन्होंने अपने कार्यकाल में दिए थे।
लोगों की भलाई के लिए राजनीति में आए
राजनीति में जाने के अपने निर्णय पर उन्होंने जानकारी दी और बताया कि जज के रूप में वह लोगों की भलाई के लिए कुछ नहीं कर पा रहे थे, इसलिए उन्होंने न्यायपालिका छोड़ने और ऐसे क्षेत्र (राजनीति) में उतरने का निर्णय लिया, जो व्यापक तरीके से उनके उस उद्देश्य को पूरा करेगा जो वह जनता की भलाई के लिए करना चाहते हैं। मीडिया से बातचीत में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की और उन्हें बहुत मेहनती व्यक्ति बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि तृणमूल सरकार के शासनकाल में भ्रष्टाचार चरम पर है। पीएम मोदी बहुत मेहनती है और वह इस देश के लिए कुछ करने की कोशिश कर रहे हैं।
विभिन्न कारणों से हमेशा चर्चा में बने रहे
गौरतलब है कि गंगोपाध्याय लगातार राज्य सरकार की आंखों की किरकरी बने हुए थे। उन्होंने अपने कार्यकाल में ऐसे आदेश दिए जो सरकार के लिए असहज बने। वह प्रदेश में मसलों को तेजी से सुलटाने वाले जज के रूप में जाने जाते हैं। उन्होंने शिक्षा विभाग व शिक्षण संस्थानों में चल रहे कथित घोटालों की जांच सीबीआई (CBI) और प्रर्वतन निदेशालय (ED) को जारी किए थे। वैसे जब उन्होंने इन घोटालों को लेकर एक न्यूज चैनल को इंटरव्यू दिया था तो सत्ता पक्ष के निशाने पर आ गए थे। तब तत्कालीन चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने इस पर सवाल भी उठाए थे। विशेष बात यह भी है कि अपने कार्यकाल के दौरान गंगोपाध्याय ने एक सुनवाई के दौरान अपनी साथी जज सौमेन सेन पर सत्ताधारी पार्टी के लिए काम करने का आरोप भी लगा दिया था, जिसकी खूब चर्चा हुई थी।