वेंकटेश कोरी, JABALPUR. नर्सिंग कॉलेजों के फर्जीवाड़े से संबंधित मामले की आज मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। नर्सिंग फर्जीवाड़े से जुड़ी लॉ स्टूडेंटस एसोसिएशन के अध्यक्ष विशाल बघेल की जनहित याचिका के अलावा 50 अन्य मामलों की भी एक साथ सुनवाई हो रही है। मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता प्रशांत सिंह हाजिर हुए, उन्होंने आवेदन पेश कर सीबीआई जांच में पात्र पाए गए कॉलेजों के छात्रों को अन्यत्र शिफ्टिंग करने और जिन कॉलेजों में छोटी-मोटी कमियां पाई गई है उन्हें कमी पूर्ति का समय देने और सबसे ज्यादा कमी वाले संस्थानों को बंद करने की अनुशंसा करने एक विशेषज्ञ समिति का गठन करने का प्रस्ताव दिया।
जांच के दायरे में 200 से ज्यादा नर्सिंग कॉलेज
प्रकरण की सुनवाई करते हुए मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने कहा है कि बचे हुए शेष नर्सिंग कॉलेजों की भी सीबीआई जांच होगी, यानी करीब 200 से ज्यादा नर्सिंग कॉलेज सीबीआई जांच के दायरे में आ गए हैं। याचिकाकर्ता ने आवेदन पेश करते हुए कोर्ट को बताया कि अभी मात्र सीबीआई ने 364 नर्सिंग कॉलेजों की ही जांच की है, जबकि पिछले 3 सालों में लगभग 700 से ज्यादा नर्सिंग कॉलेज मध्यप्रदेश में खुले हैं और नए खोले गए कॉलेज भी मापदंडों को पूरे नहीं कर रहे हैं।
फर्जी नर्सिंग कॉलेजों के फोटोग्राफ भी अदालत में पेश किए
मापदंडों से संबंधित उदाहरण भी याचिकाकर्ता ने पेश करते हुए कॉलेजों की जांच की मांग करते हुए साल 2022-23 में नए खुले फर्जी नर्सिंग कॉलेजों के फोटोग्राफ भी अदालत के सामने पेश किए जिस पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जाहिर की और हैरानी जताते हुए सरकार से अपात्र कॉलेजों को मान्यता देने वालों पर कार्रवाई करने और याचिकाकर्ता के आवेदन पर जवाब पेश करने के निर्देश दिए। हाईकोर्ट ने मौखिक रूप से यह टिप्पणी भी की है कि यदि जरूरत पड़ी तो हाईकोर्ट खुद मौके पर जाकर हालात का आकलन करेगा।
प्रस्तावित कमेटी के सदस्यों पर ऐतराज
सरकार के आवेदन पर याचिकाकर्ता लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन संगठन की तरफ से प्रस्तावित कमेटी के सदस्यों पर ऐतराज बताए गया जिस पर कोर्ट ने याचिकाकर्ता को भी प्रस्तावित कमेटी के लिए नाम का सुझाव देने के भी निर्देश दिए गए।