रिजल्ट फियर को दूर करने सरकार की नई कोशिश, परीक्षा परिणाम के पहले बच्चों के साथ माता- पिता की काउंसलिंग

छत्तीसगढ़ में आने वाले समय में विभिन्न बोर्ड परीक्षाओं के परीक्षा परिणाम घोषित किए जाएंगे। परीक्षा परिणाम घोषित होने के पहले तनाव एक स्वाभाविक प्रक्रिया है, लेकिन कई बार बच्चे उस तनाव के चलते अवसाद ग्रस्त हो जाते हैं। 

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Pratibha ranaa
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RAIPUR. बच्चों के मन से परीक्षा परिणाम के तनाव को दूर करने के लिए सरकार ने नया प्लान शुरू किया है। माध्यमिक शिक्षा मंडल ने टोल फ्री नंबर 18002334363 जारी किया है, जिस पर विशेषज्ञ, काउंसलर और मोटिवेशनल स्पीकर  निःशुल्क परामर्श  देंगे।

परीक्षा परिणाम के पहले बच्चों के साथ पेरेंट्स की काउंसलिंग

आने वाले समय में विभिन्न बोर्ड परीक्षाओं के परीक्षा परिणाम घोषित किए जाएंगे। परीक्षा परिणाम घोषित होने के पहले तनाव एक स्वाभाविक प्रक्रिया है, लेकिन कई बार बच्चे उस तनाव के चलते अवसाद ग्रस्त हो जाते हैं। यह समय बच्चों और पालकों के लिए बहुत ही संवेदनशील होता है। तनाव में रहने के कारण विद्यार्थी द्वारा कोई अप्रिय निर्णय लिए जाने की आशंका बढ़ जाती है। परीक्षा परिणामों को लेकर कई बार पालकों की भी नकारात्मक भूमिका सामने आई है। 

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तनाव के लक्षण दिखने पर यहां करें संपर्क

यदि किसी भी विद्यार्थी में तनाव के लक्षण दिखाई देते हैं और परामर्श की आवश्यकता होती है। छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल ( 

Chhattisgarh Board of Secondary Education ) के टोल फ्री नंबर 18002334363 पर एक मई से 15 मई तक सुबह 10.30 बजे से शाम 5 बजे तक मानसिक स्वास्थ्य हेल्पलाईन टेलीमानस टोल फ्री नंबर 14416 पर चौबीस घंटे सातों दिन संपर्क कर निःशुल्क परामर्श प्राप्त कर सकते हैं। 

29 को ऑनलाइन दक्षता विकास प्रशिक्षण का आयोजन 

छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा मनोवैज्ञानिक चिकित्सकों, कैरियर सलाहकार और एससीईआरटी के विशेष अकादमिक सहयोग से ऑनलाइन दक्षता विकास प्रशिक्षण का आयोजन 29 अप्रैल को दोपहर 12 बजे से किया जा रहा है। इसका वेबलिंक विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी, बीआरसीसी, छत्तीसगढ़ के माध्यम से सर्वसंबंधित शिक्षकों को भेजा जाएगा। 

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पत्र में ये लिखा-

इस संबंध में स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव ने सभी कलेक्टर, सभी जिला शिक्षा अधिकारी, विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी, बीआरसीसी और सीआरसीसी को पत्र जारी कर आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करने कहा है। पत्र में उल्लेख किया गया है कि परीक्षा परिणाम से उत्पन्न तनाव को दूर करने के लिए जनजागरण और सकारात्मक माहौल, बच्चों और पालकों के बीच लाया जाए, जिससे पालक, बच्चों पर अनावश्यक दबाव न बनाएं और न ही नकारात्मक प्रतिक्रिया दी जाए। किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए सार्थक प्रयास किया जाए, इसके लिए यह बात विद्यार्थियों, माता-पिता और पालकों तक पहुंचाना है। परीक्षा परिणाम आशा अनुरूप न होना, जीवन का कोई अंतिम परिणाम नहीं है। हमारे सामने बहुत से ऐसे उदाहरण है, जिन्होंने शिक्षा के दौरान अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है, लेकिन वे जीवन में अत्यंत सफल रहे हैं और वे हमारे प्रेरणा-स्त्रोत रहे हैं। 

पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि तनाव ग्रसित बच्चों में पूर्व से भी कुछ लक्षण दिखने लगते हैं, जैसे शांत (मौन) रहना, अकेले गुमसुम रहना, किसी काम में मन न लगना, चिड़चिड़ापन, भूख नहीं लगना, इन लक्षणों के आधार पर बच्चों की निगरानी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

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