24 घंटे तक महंत को रखा डिजिटल अरेस्ट, ठगे 71 लाख रुपए, अब 4 गिरफ्तार

मध्य प्रदेश की महाकाल नगरी उज्जैन में एक महीने पहले रामकृष्ण मिशन आश्रम के महंत के साथ धोखाधड़ी का मामला सामने आया था। अब पुलिस ने इस मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए इंदौर से चार बदमाशों को गिरफ्तार किया है।

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Raj Singh
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मध्य प्रदेश की महाकाल नगरी उज्जैन में एक महीने पहले रामकृष्ण मिशन आश्रम के महंत के साथ धोखाधड़ी का मामला सामने आया था। अब पुलिस ने इस मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए इंदौर से चार बदमाशों को गिरफ्तार किया है। इन बदमाशों ने महंत से डिजिटल अरेस्ट का डर दिखाकर 71 लाख रुपए की धोखाधड़ी की थी।

पुलिस की कार्रवाई

गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने आरोपियों के पास से 23 लाख 61 हजार रुपए सीज किए, ताकि वह दूसरे अकाउंट में न जा सकें। ये बदमाश डिजिटल अरेस्ट के जरिए लोगों को धोखा देने का काम करते थे। उज्जैन के नानाखेड़ा थाना पुलिस और साइबर सेल ने इन ठगों को पकड़ने में सफलता हासिल की।

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महंत कैसे फंसे?

महंत ने अपनी शिकायत में बताया था कि 12 नवंबर 2024 को दोपहर के समय उनके मोबाइल पर एक अज्ञात महिला का कॉल आया। महिला ने खुद को सेडेक्स इंटरनेशनल कोरियर्स की मुंबई शाखा से बताया और कहा कि उनके नाम से एक ड्रग पार्सल मुंबई से ताइवान भेजा गया था, जो वापस मुंबई लौट आया था। महिला ने यह भी बताया कि इस पार्सल में ड्रग्स थे और सीबीआई मामले की जांच कर रही है। इसके बाद महिला ने दावा किया कि अंधेरी पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज हो रही है और उनकी गिरफ्तारी की प्रक्रिया शुरू होने वाली है।

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71 लाख का लगाया चूना

महंत ने बताया कि फिर महिला ने उसे अंधेरी पुलिस स्टेशन से संपर्क करवाने का नाटक किया। वहां बैठे कुछ लोग कहने लगे कि उन्हें ड्रग्स मामले में सर्विलांस पर लिया जा सकता है। इस डर के कारण महंत ने 24 घंटे में कुल 71 लाख रुपए अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर दिए।

महंत से स्काई ऐप डाउनलोड करवाया गया और उनका फोन 24 घंटे तक उनके पास रखा गया। उन्हें यह धमकी दी गई कि अगर वह इस कार्रवाई में सहयोग नहीं करेंगे, तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इसके बाद महंत ने यस बैंक के खाते में 59 लाख रुपए जमा कराए और फिर आईसीआईसीआई बैंक के खाते में 12 लाख रुपए भेजे। इस तरह धोखाधड़ी के कुल 71 लाख रुपए का लेन-देन हुआ।

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पुलिस ने क्या बताया?

एसपी प्रदीप शर्मा ने बताया कि जैसे ही पुलिस को जानकारी मिली, उन्होंने 71 लाख रुपए में से 23 लाख रुपए को रोक लिया। यस बैंक के खाते से ये रुपए ट्रांसफर किए जा चुके थे, जिनमें से एक हिस्सा महेश फतेचंदानी के एसबीआई बैंक अकाउंट में ट्रांसफर हुआ था। इसके बाद पुलिस ने महेश और उसके साथियों मयंक सेन और यश अग्रवाल को गिरफ्तार किया। इन आरोपियों ने माना कि यह पैसा साइबर ठगी से आया था और उन्हें इसके बदले 19 हजार 500 रुपए का कमीशन मिला था।

महेश बना मुख्य आरोपी का काल

महेश के बयान के आधार पर पुलिस ने आरोपी सतवीर राजपूत को भी गिरफ्तार किया। पूछताछ में सतवीर ने बताया कि ऑनलाइन ठगी से मिले पैसों को उसने विशाल और चेतन सिसोदिया को दिया था। इन दोनों और उनके साथी इस पैसे को ऑनलाइन एप्लिकेशन फाइनेंस वॉलेट में यूएसडीटी करेंसी में बदलकर अन्य आरोपियों तक पहुंचाते थे। इस मामले में पुलिस ने सख्त कार्रवाई करते हुए धोखाधड़ी करने वाले गिरोह को पकड़ लिया और पीड़ितों को न्याय दिलाया।

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