संजय गुप्ता@ INDORE. विधानसभा चुनाव 2023 के पहले बीजेपी से कांग्रेस ( Congress ) में गए और अब फिर बीजेपी ( BJP ) में शामिल हुए महू के नेता रामकिशोर शुक्ला ( Ramkishore Shukla ) बुधवार को महू में दावा किया था कि वह रणनीति के तहत पूर्व मंत्री और बीजेपी विधायक उषा ठाकुर ( Usha Thakur ) की सहमति से कांग्रेस में गए थे, ताकि बीजेपी जीत जाए। लेकिन राजनीतिक धरातल पर उनके दावों की पोल अलग खुल रही है।
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पहले देखते हैं क्या है उनके दावे
उन्होंने कहा कि उषा दीदी का महू में बीजेपी के अंदर ही भारी विरोध था। भीतरघात के चलते उनका चुनाव जीतना मुश्किल था। इसलिए रणनीति के तहत उन्हें जिताने के लिए बड़े नेताओं और खुद दीदी ने मुझे कांग्रेस में शामिल होने और चुनाव लड़ने के लिए कहा था। रणनीति थी कि कांग्रेस नेता ( अंतर सिंह दरबार ) के निर्दलीय लड़ने और मेरे कांग्रेस से प्रत्याशी बनने पर त्रिकोणीय चुनाव होने से कांग्रेस के वोट बंट जाएगा। इससे विधायक उषा ठाकुर आसानी से चुनाव जीत सकती हैं। इसी रणनीति का लाभ उठाकर दीदी इस बार महू से 35 हजार वोट से चुनाव जीत गई। मैं कांग्रेस से चुनाव जीतता भी तो फिर बीजेपी में आ जाता। पहले से तय था कि चुनाव के बाद फिर बीजेपी में ले लेंगे। मुझे चुनावी महाभारत में कांग्रेस के चक्रव्यूह में लड़ने के लिए भेजा, इसमें मैं वीरगति को प्राप्त हुआ। पांडवों की विजय हुई।
कैलाश विजयवर्गीय के बयान इस तरह खोल रहे पोल
नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय 2008 व 2013 में महू से विधायक रह चुके हैं। उनकी यहां खासी पकड़ है। शुक्ला ने चुनाव में हार के बाद, लगातार विजयवर्गीय से संपर्क साधने की कोशिश कर बीजेपी में आने का जतन किया। खुद विजयवर्गीय ने 18 मार्च को इंदौर में हुए कार्यकर्ता सम्मेलन में कहा था कि- महू में आधी कांग्रेस तो बीजेपी में आ चुकी है, आज रामकिशोर शुक्ला आए थे, मैंने कहा यार अभी रूक जाओ थोड़ा, तेरे आने से क्या होगा, अभी कांग्रेस में बने रहो, कुछ तो दो-चार लोग बने रहे।
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उषा ठाकुर ने शुक्ला के दावों का इस तरह किया खंडन
उधर शुक्ला का दावा आने के बाद उषा ठाकुर ने उसका खंडन करते हुए वीडियो जारी कर दिया। उन्होंने साफ कहा कि वह (शुक्ला) नरोत्तमजी के पास भी गए थे उन्होंने कहा था अभी रूको। मुझे बस चुनाव के पहले कहा था कि मैं 20 साल से पार्टी की सेवा कर रहा हू लेकिन आप लोग मुझे कोई पद नहीं दिला पाए मैं दुखी हूं और पार्टी छोड़ रहा हूं। मैंने कभी कांग्रेस में जाने के लिए नहीं कहा, बीजेपी हमेशा से महू में मजबूत है। पार्टी ने नीति बनाई थी कांग्रेसियों को बीजेपी में लेना है। स्थापना दिवस पर 6 अप्रैल को हमारे शक्ति केंद्र प्रमुख लक्ष्मीनारायण पंवार, गजेंद्र सिंह, नगर परिषद अध्यक्ष नवीन, हमारे नगर के अध्यक्ष यह सभी बूथ पर कांग्रेसियों को बीजेपी ज्वाइन करा रहे थे, इन्होंने शुक्ला को भी ज्वाइन करा दिया, फिर मेरे इंदौर कार्यालय पर आ गए तो मैंने भी दुपट्टा पहना दिया।
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दरबार ने बोला- मानसिक दिवालियापन है शुक्ला का
कांग्रेस के टिकट पर पांच बार महू से चुनाव लड़ दो बार विधायक रह चुके और इस बार चुनाव में कांग्रेस से टिकट कटने पर निर्दलीय लड़े दरबार ने द सूत्र से चर्चा में कहा कि शुक्ला के दावे बता रहे हैं कि वह मानसिक दिवालिया हो चुके हैं। वह ऐसा बता रहे हैं कि बीजेपी और कांग्रेस में उनकी बात सभी सुनते हैं, बीजेपी से गए, कांग्रेस से टिकट ले लिया, हार गए और फिर बीजेपी में आ गए। क्या एक व्यक्ति दोनों ही दलों को मैनेज कर रहा है। कुछ भी बोल रहे हैं शुक्ला। रही मेरी बात तो अब मेरे लिए कांग्रेस में कुछ नहीं बचा, शुक्ला के मोह में कांग्रेस ने मेरा टिकट काट दिया, जबकि वह किसी सर्वे में भी नहीं थे, जब वह कांग्रेस में आए तो स्क्रूटनी कमेटी की बैठक पहले ही चुकी थी, तो फिर उनका नाम कैसे आ गया? इसलिए अब मैं बीजेपी में हूं।
शुक्ला अब बच रहे सवालों से, बोले- अब बीजेपी में आ गया हूं
उधर द सूत्र ने जब शुक्ला से फोन पर चर्चा कर पूछा कि आप तो लगातार नेताओं के पास जा रहे थे बीजेपी में आने के लिए, तो फिर कैसे रणनीति थी? उषा ठाकुर भी मना कर रही है। इस पर शुक्ला बोले अब छोड़ो यह सब बातें, मैं तो अब बीजेपी में चुका हूं, इन सवालों, बातों का कोई मतलब नहीं बनता।
उषा के बाद दूसरे नंबर पर दरबार और शुक्ला तीसरे नंबर पर थे
विधानसभा चुनाव में महू में उषा ठाकुर को 1.02 लाख वोट मिले और वह चुनाव जीती। दूसरे नंबर पर रहे दरबार को 69 हजार तो कांग्रेस प्रत्याशी शुक्ला को 29 हजार करीब वोट मिले और वह तीसरे नंबर पर रहे।