भादौ में उज्जैन में निकलने वाली बाबा महाकाल की अंतिम सवारी को शाही कहने पर बहस जारी है। रविवार को उज्जैन में प्रसिद्ध कथावचक पंडित प्रदीप मिश्रा (Pandit Pradeep Mishra) ने शाही (shahi) शब्द हटाने को अच्छा फैसला बताया। पं. प्रदीप मिश्रा ने कहा कि शाही के स्थान पर सनातनी शब्द लाएं तो आनंद आएगा।
गर्भकाल …मोहन यादव सरकार के नौ माह और आपका आंकलन…
कैसी रही सरकार की दशा और दिशा…
आप भी बताएं मोहन कौन सी तान बजाएं….
इस लिंक पर क्लिक करके जानें सबकुछ…
https://thesootr.com/state/madhya-pradesh/cm-mohan-yadav-garbhkal-the-sootr-survey-6952867
'शाही' शब्द पर पं. प्रदीप मिश्रा का जवाब
दरअसल, उज्जैन पहुंचे सीहोर के प्रसिद्ध शिव पुराण कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने महाकालेश्वर मंदिर में भगवान महाकाल का विधिवत पूजन और पंचामृत से अभिषेक किया। इसके बाद उन्होंने 'शाही' शब्द के सवाल को लेकर मीडिया के सामने खुलकर अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि शाही शब्द हटना चाहिए, इसकी जगह सनातन से जुड़ा नया शब्द प्रयोग में लाना चाहिए। जिससे आनंद आएगा।
सीएम के पिता के निधन पर जताया शोक
बाबा महाकाल के दर्शन के बाद पंडित प्रदीप मिश्रा मुख्यमंत्री मोहन यादव के निवास पर पहुंचे। जहां उन्होंने सीएम मोहन और परिवार से मिलकर कर मुख्यमंत्री के पिता पूनमचंद यादव के निधन पर संवेदना व्यक्त की। साथ ही श्रद्धांजलि अर्पित की। बता दें कि पंडित प्रदीप मिश्रा मुख्यमंत्री मोहन यादव के पिता के निधन पर शोक व्यक्त करने के लिए उज्जैन पहुंचे थे।
शाही को बताया था उर्दू का शब्द
बता दें कि महाकाल की शाही सवारी और कुंभ मेले के शाही स्नान में शाही शब्द को लेकर उठे सवाल के बीच अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और महामंडलेश्वरों ने अपने राय रखते हुए शाही को उर्दू और इस्लामिक शब्द बताया था। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी महाराज ने कहा था कुंभ के शाही स्नान में से शाही शब्द हटाने की शुरुआत प्रयागराज से होगी।
महाकाल मंदिर के पुजारी का बड़ा बयान
शाही शब्द को लेकर जारी बहस के बीच महाकाल मंदिर के पुजारी महेश पुजारी (Mahakal Temple Mahesh Pujari) का भी बड़ा बयान सामने आया है। महेश पुजारी ने कहा कि महामंडलेश्वरों और अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष को अज्ञानी है। शाही शब्द को लेकर भ्रम शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद दूर कर चुके हैं।
अभ्रंश हो गया शाही शब्द
शंकराचार्य स्पष्ट किया है कि 'साही' शब्द है और उन्होंने इसकी परिभाषा भी बताई हैं, कि कैसे यह 'साही' शब्द 'शाही' हो गया। शाही शब्द अभ्रंश हो गया है। साही का मतलब होता है शेष और सवारी का अर्थ होता है वारी, वारी मतलब गंगा यानि जिस गंगा और शेष को लेकर महाकाल चलते हैं। यह होती साही सवारी। शाही सवारी के रूप में ही महाकाल की सवारी निकलेगी।
गुलामी दूर करना है तो...
महेश पुजारी ने आगे कहा कि देश की व्यवस्था को गुलामी से दूर करना चाहते हैं तो महामंडलेश्वरों और अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष को आगरा में बने किले, शाही मस्जिदें, शाही इमामबाड़े इन सभी की गुलामी को दूर कराने के लिए बोलना चाहिए।
thesootr links
- मध्य प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- रोचक वेब स्टोरीज देखने के लिए करें क्लिक