आमीन हुसैन @ रतलाम
रतलाम में अक्सर ग्रामीण अंचलों में रास्तों को लेकर विवाद होना आम बात है। पुलिस थानों से लेकर राजस्व न्यायालय में ऐसे कई प्रकरण रोज देखने को मिल जाते हैं, लेकिन यहां मामला थोड़ा अलग है। रतलाम में एक सब इंस्पेक्टर को विवादित रास्ता खुलवाने के लिए रिश्वत लेने के मामले में पकड़ा गया है। दरअसल, विवादित खेत के रास्ते को खुलवाने के लिए नामली थाने पर पदस्थ सब इंस्पेक्टर ने एक ग्रामीण से 15 हजार रुपए की रिश्वत की मांग रखी थी।
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एसआई ने 15000 रिश्वत की रखी थी मांग
मामला रतलाम के नामली थाना क्षेत्र के सीखेड़ी गांव का है, जहां खेत के लिये रास्ते को लेकर फरियादी धारासिंह से नामली पुलिस थाने के सब इंस्पेक्टर रायसिंह रावत ने 15 हजार रूपये की मांग की थी। जिसकी शिकायत फरियादी ने उज्जैन लोकायुक्त पुलिस से कर दी थी।
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एसआई ने करीबी को भेजा रिश्वत लेने
लोकायुक्त उज्जैन ने महानिदेशक लोकायुक्त जयदीप प्रसाद के निर्देशन में, लोकायुक्त एसपी अनिल विश्वकर्मा के आदेशानुसार लोकायुक्त डीएसपी सुनील तलान, उप पुलिस अधीक्षक राजेश पाठक की टीम बनाकर 12 नवम्बर को शिकायत पर कार्रवाई शुरू की गई, फिर रतलाम के मेडिकल कालेज के पास से सब इंस्पेक्टर राय सिंह रावत द्वारा रिश्वत लेने के लिए भेजे गए व्यक्ति दिलीप प्रजापति को रिश्वत के रूपये लेते रंगे हाथ पकड़ा लिया गया था। लोकायुक्त पुलिस दल ने दिलीप से मोबाइल पर सब इंस्पेक्टर राय सिंह रावत से बात करवाई और उसके बाद लोकायुक्त पुलिस ने सब इंस्पेक्टर राय सिंह रावत और दिलीप के खिलाफ धारा 7, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधन 2018) के अधीन प्रकरण दर्ज कर लिया गया है।
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रंगे हाथों पकड़ाया सब इंस्पेक्टर का करीबी
मामले की जानकारी देते हुए लोकायुक्त डीएसपी सुनील तलान ने बताया कि जिले के सिखेड़ी निवासी धारासिंह ने शिकायत में बताया था कि नामली थाने के एसआई रायसिंह रावत ने विवाद के रास्ते को खुलवाने और धारा 151 नहीं लगाने के बदले 15 हजार रुपए की मांग की थी। शिकायत के बाद टीम बनाकर शिकायत का वेरिफिकेशन करवाया गया और फिर मेडिकल कॉलेज के बाहर रुपए देने के लिए एसआई रायसिंह रावत को बुलाया गया था, लेकिन एसआई खुद नहीं आया और उसने एक प्राइवेट व्यक्ति दिलीप प्रजापति को भेजा। दिलीप ने जैसे ही रिश्वत के पैसे लिए उस ही वक्त उसे लोकायुक्त की टीम ने रंगे हाथों पकड़ लिया।
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