एमपी की लोकसभा चुनाव के लिहाज से ये सीटे क्यों हैं हाईप्रोफाइल, जानें इन सीटों में कौन किसको देगा टक्कर

मध्य प्रदेश में इस बार का लोकसभा चुनाव एमपी में पूरी तरह अलग होने वाला है। इस बार के चुनाव में जहां हाईप्रोफाइल सीटों में कुछ उलटफेर देखने को मिलेगा, वहीं कुछ सीटें ऐसी होगी जिसमें राजनीतिक सूरमा एक दूसरे कड़ी टक्कर देते नजर आएंगे ।

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Sandeep Kumar
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लोकसभा चुनाव 2024

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BHOPAL. मध्य प्रदेश के लिए लोकसभा चुनाव 2024 (  Lok Sabha elections 2024 ) कई मायनों में अलग है। साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के बाद प्रदेश का सियासी समीकरण पूरी तरह बदल चुका है। इस बार के चुनाव में हाईप्रोफाइल सीटों में कुछ उलटफेर देखने को मिलेगा, तो वहीं कुछ सीटें ऐसी भी होंगी जिनमें राजनीतिक सूरमा एक दूसरे कड़ी टक्कर देते नजर आएंगे । प्रदेश में एक तरफ बीजेपी ने जहां सभी 29 लोकसभा सीटों के लिए अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं, वहीं कांग्रेस ने प्रदेश के लिए दो बार की घोषणा में अबतक 22 प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है। आइए नजर डालते कांग्रेस-बीजेपी की तरफ से घोषित कुछ हाईप्रोफाइल सीटों पर एक नजर ।

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इन कारणों से ये सीटें हैं हाईप्रोफाइल...

रतलाम लोकसभा सीट- इस सीट से कांग्रेस ने अपने दिग्गज नेता कांतिलाल भूरिया को प्रत्याशी बनाया है। यहां पर बीजेपी ने मौजूदा सांसद गुमान सिंह डामोर का टिकट काटकर अनिता नागर सिंह चौहान को प्रत्याशी बनाया है। अनिता नागर सिंह चौहान, मध्य प्रदेश सरकार में वन मंत्री नागर सिंह चौहान की पत्नी है ।  इस सीट पर कांतिलाल भूरिया और अनिता नागर सिंह चौहान के कड़ी टक्कर देखने को मिलेगी, हालांकि यहां से बीजेपी प्रत्याशी को कांग्रेस प्रत्याशी हराना आसान काम नहीं होगा । आपको बताते चलें कि इस सीट से भूरिया पांच बार सांसद रह चुके हैं, और आदिवासी वर्ग के बड़े नेता भी माने जाते हैं।

इंदौर लोकसभा सीट- अबकी बार फिर से इंदौर लोकसभा सीट से बीजेपी ने वर्तमान सांसद शंकर लालवानी को ही मैदान में उतारा है। जबकि लालवानी के खिलाफ कांग्रेस से अक्षय कांति बम को मैदान पर उतार दिया है । अक्षय का नाम कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने ही आगे बढ़ाया है। अक्षय कांति बम आर्थिक रूप से सक्षम हैं। युवा नेता के रूप में उनकी पहचान है। वे जैन समाज से आते हैं ऐसे में जैन समाज का उनको समर्थन मिलता है। 

राजगढ़ लोकसभा सीट- इस सीट से कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह को टिकट दिया है। दिग्विजय सिंह राजगढ़ से दो बार सांसद रह चुके हैं। वे 33 साल बाद राजगढ़ से चुनाव लड़ेंगे, जबकि बीजेपी ने यहां से दो बार के सांसद रोडमल नागर को अपना प्रत्याशी बनाया है। 

छिंदवाड़ा लोकसभा सीट- ये सीट कांग्रेस की गारंटी वाली सीट मानी जाती है। पिछले 72 वर्षों से यहां कांग्रेस का दबदबा रहा है। सिर्फ एक बार 1997 के उपचुनाव में इस सीट से भाजपा उम्मीदवार चौधरी चंद्रभान सिंह जीते थे। इसके बाद इस सीट पर कांग्रेस को कभी हार का सामना नहीं करना पड़ा। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में छिंदवाड़ा सीट पर हार के बाद बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को छिंदवाड़ा का प्रभारी बनाया था। इस बार के आम चुनाव में सीट से जीत पक्की करने के लिए बीजेपी ने एड़ी चोटी का जोर लगा दिया है। इस सीट से बीजेपी ने जहां नकुलनाथ के सामने इस बार विवेक बंटी साहू को मैदान में उतारा है। 

खजुराहो लोकसभा सीट- खजुराहो लोकसभा से एक बार फिर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और वर्तमान सांसद वीडी शर्मा को चुनावी मैदान में उतारा गया है।  मध्य प्रदेश की खजुराहो लोकसभा सीट राज्य की अहम लोकसभा सीट है।  यह सीट बीजेपी की दिग्गज नेता उमा भारती की जीत का गवाह रही है।   हालांकि इस सीट पर उनको निराशा भी मिल चुकी है, वह यहां से एक चुनाव हार भी चुकी हैं।  खुजराहो लोकसभा सीट पर उमा भारती 4 चुनावों में जीत हासिल कर संसद तक पहुंच चुकी हैं। इस सीट को कांग्रेस ने अपने I.N.D.I.A गठबंधन के साथ हुए समझौते के तहत अपने सहयोगी दल समाजवादी पार्टी को दी  है ।  खबर है कि खजुराहो सीट से सपा फिल्म अभिनेता अभिषेक बच्चन को मैदान पर उतार सकती हैं।

विदिशा लोकसभा सीट-  मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को एक बार फिर बीजेपी ने विदिशा संसदीय सीट  से मैदान में उतारा है। इसलिए भी यह सीट हॉट बन गई है। कांग्रेस इस सीट से सिलवानी के विधायक देवेंद्र पटेल को भी टिकट दे सकती है। गौरतलब है कि विदिशा से 1991 से 2004 तक पांच बार शिवराज सिंह चौहान सांसद रह चुके हैं। यह सीट पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और अटल बिहारी वाजपेयी भी चुनाव लड़ चुके हैं। वर्तमान में रमाकांत भार्गव यहां से बीजेपी के सांसद हैं।

गुना लोकसभा सीट-  साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी से पटखनी खाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया को अबकी बार बीजेपी ने अपना प्रत्याशी बनाकर सबको चौका दिया है। सिंधिया को पटखनी देने वाले वर्तमान सांसद केपी यादव पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखाया है। इस सीट से कांग्रेस ने अभी तक अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया है । 

भोपाल लोकसभा सीट- इस सीट से बीजेपी ने पूर्व महापौर आलोक शर्मा को टिकट दिया है। आलोक शर्मा के खिलाफ यहां से कांग्रेस ने भोपाल जिला ग्रामीण के अध्यक्ष अरुण श्रीवास्तव को प्रत्याशी बनाया गया है। मध्य प्रदेश की पहली महिला जिला पंचायत अध्यक्ष भोपाल विमला श्रीवास्तव के बेटे हैं। पुराने कांग्रेसी हैं और ग्रामीण क्षेत्र में ज्यादा सक्रिय हैं। 

शहडोल लोकसभा सीट- इस सीट से बीजेपी ने अपने वर्तमान सांसद हिमाद्री सिंह पर दोबारा भरोसा जताया है, वहीं कांग्रेस ने अपने तीन के बार के विधायक फुंदेलाल मार्को को टिकट दी है । वे आदिवासियों के बड़े नेता हैं। उनकी ताकत जमीनी और जनता से जुड़ा होना है। वे अधिकतर अपने बयानों से सुर्खियों में रहते हैं। 

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इन सीटों पर कांग्रेस ने नहीं किया प्रत्याशियों का ऐलान

मध्य प्रदेश की 6 लोकसभा सीटें हैं, जिन पर कांग्रेस इतने मंथन के बाद भी उम्मीदवार तय नहीं कर पा रही है।  ये सीटें हैं गुना, विदिशा, ग्वालियर, मुरैना, खंडवा, दमोह लोकसभा सीट. इनमें गुना, ग्वालियर, मुरैना, विदिशा लोकसभा सीट ऐसी सीटें हैं, जहां पर या तो बीजेपी के हैवीवेट उम्मीदवार खड़े हैं या किसी हैवीवेट नेता का प्रभाव बहुत ज्यादा है।  जाहिर है कि कांग्रेस इतनी आसानी से इन सीटों को नहीं गंवाना चाहती है, इसलिए उम्मीदवार के चयन के लिए कई दौर की बैठकों के बाद भी नाम तय नहीं हो पा रहे हैं। 

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