NEW DELHI. संसद में सुरक्षा चूक के मामले पर लोकसभा में लगातार चौथे दिन हंगामा हुआ। इसके चलते शीतकालीन सत्र के 11वें दिन यानी सोमवार को राज्यसभा और लोकसभा से 78 सांसद सस्पेंड कर दिए गए। शीतकालीन सत्र से अब तक कुल मिलाकर 92 सांसदों को सस्पेंड किया जा चुका है।सदन में हंगामे के चलते लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने 33 सांसदों को सस्पेंड कर दिया। इनमें नेता अधीर रंजन चौधरी समेत कांग्रेस के 11 सांसद, तृणमूल कांग्रेस के 9, डीएमके के 9 और 4 अन्य दलों के सांसद शामिल हैं। इसके बाद राज्यसभा में भी हंगामा हुआ। इसके चलते सभापति जगदीप धनखड़ ने 45 विपक्षी सांसदों को पूरे सत्र के लिए यानी 22 दिसंबर तक निलंबित कर दिया। एक दिन में सस्पेंड होने वाले सांसदों की यह अब तक की सबसे बड़ी संख्या है।
14 दिसंबर को निलंबित किए गए थे 13 सांसद
इससे पहले 14 दिसंबर को लोकसभा से 13 सांसद निलंबित किए गए थे। इनमें कांग्रेस के 9, CPI (M) के 2, DMK और CPI के एक-एक सांसद थे। इनके अलावा राज्यसभा सांसद डेरेक ओ'ब्रायन को भी 14 दिसंबर को सस्पेंड किया गया था। शीतकालीन सत्र से अब तक कुल मिलाकर 92 सांसदों को सस्पेंड किया जा चुका है। ज्ञात हो कि राज्यसभा में सांसदों की संख्या 245 है। इसमें बीजेपी और उसके सहयोगी दलों के 105, I.N.D.I.A के 64 और अन्य 76 हैं। इनमें से विपक्ष के 46 सांसद पूरे सेशन के लिए सस्पेंड कर दिया गया है। वहीं, लोकसभा में इस समय सांसदों की संख्या 538 है। इसमें NDA के 329, I.N.D.I.A के 142 और अन्य दलों के 67 सांसद हैं। इनमें से 46 सांसद पूरे सत्र के लिए सस्पेंड हो चुके हैं।
अधीर रंजन समेत एक दिन में 92 सांसद सस्पेंड
संसद में सुरक्षा चूक के मामले को लेकर लोकसभा में लगातार चौथे दिन हंगामा हुआ। स्पीकर ओम बिड़ला ने लोकसभा की कार्यवाही में बाधा डालने के लिए 34 विपक्षी सांसदों को पूरे शीतकालीन सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया। जिन सांसदों पर निलंबन की गाज गिरी है, इनमें नेता अधीर रंजन चौधरी समेत कांग्रेस के 11 सांसद, तृणमूल कांग्रेस के 9, डीएमके के 9 और 4 अन्य दलों के सांसद शामिल हैं। लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी हंगामा करने वाले सांसदों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। राज्यसभा में भी हंगामा हुआ और सभापति जगदीप धनखड़ ने 34 विपक्षी सांसदों को पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया। अब तक कुल 92 सांसद पूरे शीतकालीन सत्र के लिए निलंबित हो चुके हैं। सभी सांसदों को शीतकालीन सत्र के बचे हुए कार्यदिवस के लिए निलंबित कर दिया गया है। लोकसभा में केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने विपक्षी सदस्यों को निलंबित करने की मांग रखी। इसके बाद आसन ने इन सदस्यों को सस्पेंड कर दिया। राज्यसभा से विपक्ष के जिन 45 सांसदों को सस्पेंड किया गया है, उनमें प्रमोद तिवारी, जयराम रमेश, अमी याग्निक, नारायण भाई राठवा, शक्ति सिंह गोहिल, रजनी पाटिल, सुखेंदु शेखर, नदिमुल हक, एन. षणमुगम, नसीर हुसैन, फुलोदेवी नेताम, इमरान प्रतापगढ़ी, रणदीप सुरजेवाला, मौसम नूर, समिरुल इस्लाम, रंजीत रंजन, कनिमोझी, फैयाज अमजद, मनोज झा, रामनाथ ठाकुर, अनिल हेगड़े, वंदना चव्हाण, रामगोपाल योदव, जावेद अली खान, जोस के मणि, महुआ मांझी और अजीत कुमार शामिल हैं।
'राजनीति होना दुर्भाग्यपूर्ण'
सोमवार को सदन में लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने कार्यवाही शुरू होते ही 15 मिनट की स्पीच दी। कहा कि घटना पर राजनीति होना दुर्भाग्यपूर्ण है। स्पीकर ने कहा कि सदन में नारेबाजी करना, तख्तियां लाना, विरोध करते हुए वेल में आना, आसंदी के पास आना ठीक नहीं है। देश के लोग भी इस आचरण को पसंद नहीं करते। स्पीकर ओम बिड़ला ने कहा कि संसद की सुरक्षा चूक मामले में उच्चस्तरीय जांच जारी है। हंगामा बढ़ा तो सदन की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित हो गई। बाद में यह 2 बजे और फिर कल तक के लिए स्थगित कर दी गई। सांसदों के निलंबन के बाद मंगलवार तक के लिए सदन स्थगित हो गई।
राज्यसभा भी स्थगित
लोकसभा की कार्यवाही 12 बजे शुरू हुई। आसंदी पर राजेंद्र अग्रवाल थे। इसी बीच कम्युनिकेशन मिनिस्टर अश्विनी ने कम्युनिकेशंस बिल 2023 पेश किया। इस दौरान विपक्षी सांसदों ने फिर नारेबाजी की और तख्तियां लहराईं। अग्रवाल ने विपक्षी सांसदों ने जगह पर बैठने को कहा। वे नहीं माने तो सदन की कार्यवाही 2 बजे तक स्थगित कर दी गई थी। बाद में शाम चार बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। वहीं, राज्यसभा में भी लोकसभा में घुसपैठ मुद्दे पर हंगामा हुआ। सदन की कार्यवाही पहले 11.30 बजे तक स्थगित कर दी गई। इसके बाद जब कार्यवाही शुरू हुई तो विपक्षी सांसदों ने नारेबाजी की और गृह मंत्री अमित शाह से बयान देने की मांग की।